विज्ञापन एजेंसियों पर पीसीआई कसेगा नकेल
लखनऊ, रवि कुमार राठौर। लघु एवं मध्यम श्रेणी के अखबारों की कई समस्याओं को लेकर जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इण्डिया का एक प्रतिनिधि मण्डल भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायामूर्ति चन्द्रमौलि कुमार प्रसाद से मिलकर ज्ञापन सौपा। पीसीआई के अध्यक्ष ने लघु एवं मध्यम अखबारों की समस्याओं को गम्भीरता से सुना और आश्वासन देते हुए कहाकि जीएसटी समस्याओं को लेकर कई राज्यों के आये प्रत्यावेदन पर भारत सरकार को अखबारों से हटाने की संस्तुति के साथ ही लघु एवं मध्यम अखबारों का बकाया करोड़ों का भुगतान निर्धारित समय पर न करने वाली विज्ञापन एजेंसियों पर होगी कार्यवाई।
बुधवार को वीवीआईपी गेस्ट हाऊस में जर्नलिस्ट एसोसिएशन आफ इण्डिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि लघु एवं मध्यम अखबारों कई प्रमुख समस्याओं में विज्ञापन एजेंसियों द्वारा समाचार पत्रों का बकाया भुगतान न किया जाना, पीसीआई लेवी का एनओसी प्रमाण पत्र मिलने में दिक्कत, डीएवीपी द्वारा विज्ञापन नियमावली की अहवेलना और विज्ञापन का भुगतान पाये बिना समाचार पत्रों को जीएसटी जमाकरने की बध्यता जैसे अहम मुद्दों को पीसीआई के अध्यक्ष के समक्ष रखे गये। पीसीआई अध्यक्ष प्रतिनिधि मण्डल को आश्वासन दिया कि जर्नालिस्ट एसोसिएशन ऑफ इण्डिया द्वारा उठाये गये सभी मुद्दे अहम है और पीसीआई इनके त्वरित निराकरण के प्रयास किये जायेंगे।
उन्होंने बताया कि पीसीआई के अध्यक्ष ने प्रतिनिधि मण्डल अवगत कराया है कि लघु एवं मझोले अखबारों से जीएसटी हटाने की मांग को लेकर कई राज्यों के अखबारों के प्रतिनिधि मण्डल ने प्रत्यावेदन दिया है, जिसको लेकर पीसीआई ने गम्भीरता पूर्वक विचार करने के बाद अखबारों से जीएसटी को हटाने को लेकर भारत सरकार को संस्तुति की गई है। उम्मीद है कि भारत सरकार पीसीआई के संस्तुति पर जल्द ही निर्णय करेगी।
जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के प्रतिनिधि मण्डल में उपाध्यक्ष हेमन्त मैथिल, कोषध्यक्ष राजेन्द्र गौतम, सदस्य हुमायूं चौधरी, काजिम मेहंदी, एम.एम.मोहसिन शामिल थे।