लखनऊ, राम प्रकाश वरमा। देश के अधिकतर हिस्सों में बरसात ने प्रलय मचा रक्खी है, केरल लगभग तबाह हो चुका है बाकी राज्यों में भारी बारिश और उससे होने वाले जलभराव ने करोड़ों घरों में फांकाकशी के हालत पैदा कर दिए हैं। पहाड़ों पर हो रहे भूस्खलन से जनजीवन सहमा हुआ है। हजारों मौतें हो चुकी हैं, लाखों घायल और परिंदों, चरिन्दों का सफाया हो चुका है। जहां कल तक बस्ती थी वहां चारो ओर पानी ही पानी दिख रहा है। लाखों एकड़ खड़ी फसल पानी में बह गई या फिर सड़ गई। आदमियों, औरतों, बच्चों की भीड़ आसरे और रोटी के लिए खुली सड़कों पर रो-रो कर गुहार लगा रही है लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं उल्टे सियासत के गलियारों में चटखारे लेकर 2019 की जीत के गीत गाये जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश के डिंडोरी में सड़कों पर तो पानी भरा ही है, वहीं नदी पर बने पुल पर भी एक फुट से अधिक पानी भरा था और उसी पानी में प्रदेश के एक मंत्री का काफिला फर्राटे भरता हुआ निकल गया। मंत्री की देखादेखी यात्रियों से भरी बसें, दो-चार पहिया वाहन भी गुजरते रहे और यातायात रोकने व सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसकर्मी किसी दुर्घटना होने के इन्तजार में तटस्थ खड़े रहे? उत्तर प्रदेश के 70 फीसदी हिस्से में पगलाई बरसात ने कहर बरपा रखा है। लोगबाग राहत की चाहत में परेशान हैं। रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर, शामली में कई लोगों के घायल होने और 5 लोगों की मौत होने की खबर है। झांसी में पूरा शहर पानी में डूबा है, यहां क्षिप्रा, बेतवा नदियाँ हरहरा कर कहर बरपा रही हैं। एक थ्री स्टार होटल ढह गया है, कोतवाली, थाने समेत पुलिस पानी के बंधक हैं। आस-पास के गांवों को खाली कराया जा रहा है। लोगों में बेहद गुस्सा है। सहारनपुर के शामली में एक अंडरपास में यात्रियों से भरी बस पानी में फंस गई जिसे निकालने की कवायद जारी है। दूसरी ओर अखबारों में सरकार और उसके मुखिया के बयान लगातार छप रहे हैं‘ राहत में लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा‘, अफसर सुधर जाएं। बावजूद इन बयानों के राजधानी में ही कोई पुरसाहाल नहीं है। मजे की बात है कि शिकायत करने वाले को मुख्यमंत्री से जो जवाब मिलता है वो सिर्फ हताश करने वाला ही नहीं बल्कि हास्यास्पद भी होता है। मथुरा में लोगों ने जिला प्रशासन, स्थानीय विधायकों, पार्षदों और बेहद सक्रिय सांसद अभिनेत्री हेमामालिनी से निराश होकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाई कि यहां बंदर बहुत परेशान करते हैं और आये दिन लोगों को काट लेते हैं। मुख्यमंत्री ने उत्तर दिया,‘ आप लोग हनुमान चालीसा पढ़िये बंदर नहीं काटेंगे।’ इसी तरह यदि कोई भी सवाल करता है तो उसे अटपटे जवाब का सामना करना पड़ता है या पुलिस की मेहमाननवाजी का।
राजस्थान की सड़कों पर पानी भरा है लोग सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं। महाराष्ट्र के नांदेड़ में बरसात के कहर से पूरा शहर पानी में डूबा है। उत्तराखण्ड के मसूरी में हजारों फुट की ऊँचाई से पानी का सैलाब आ रहा है लोगबाग सुरक्षित स्थानों की तलाश में भाग रहे हैं। गृह मंत्रालय के ताजे आंकड़ों के मुताबिक बाढ़ से अब तक 1400 मौतें हो चुकी हैं। उधर मौसम विभाग का कहना है कि अभी बरसात का कहर दो हफ्तों तक जारी रहने के आसार हैं। बाढ़ और बरसात से हलकान लोगों की सुध देश के मुखिया को भी कम और विपक्ष पर हमलावर रहने की अधिक है। ऐसे हालत में बारिश में भीगा आदमी पगलाये पानी की हिंसा का शिकार होकर जार-जार रो रहा है।