Monday, November 25, 2024
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सडकों पर बैठा कलाकार छोटा नहीं होता-सुनीता वार्ष्णेय

नुक्कड़ नाटक जुड़े होते हैं आम जनता से
सासनी, जन सामना ब्यूरो।  मानवीय संवेदनाओं को अपनी भावमंगिमा और लाजवाब कलाकारी के रंगों में सजाकर प्रस्तुत करने वाले नाटक कलाकार मंच पर हो या मजमा लगाकर अपनी कला का प्रदर्शन करे। वह कभी छोटा नहीं होता कलाकार हमेशा कलाकार ही होता है। कलाकारी पहले पायदान से ही मखरित होती है। जो इन्हीं नुक्कड नाटकों के सहारे कलाकारों में पैदा होती है। यह बातें श्रीराम ग्राम सेवा समिति की सचिव श्रीमती सुनीता वाष्र्णेय ने एक काला दिवस के मौके पर एक नुक्कड़ नाटक के दौरान बताई। उन्होंने कहा कि कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार भी नुक्कड नाटकों पर जोर दे रही है। क्योंकि इन्हीं नाटकों से सरकारी योजनाओं की जानकारी क्षेत्रीय लोगों को दी जाती है। ग्रामीण अंचलों तक योजनाओं की जानकारी पहुंचाने का सीधा और सुलभ मार्ग है। हाल ही में श्रीमती वार्ष्णेय एटा, इटावा, फिरोजाबाद, इगलास, हाथरस, आगरा, आदि जगहों पर नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से सरकारी योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैै। साथ ही नुक्कड नाटक के माध्यम से कलाकार अपनी कला का भव्य मंचन करते हुए साहित्य सुर संगम की बेमिसाल प्रस्तुति दे रहे है। प्रत्येक रस में डूबी संवाद शैली कथानक व संगीत लोक धुनों की प्रस्तुति से दर्शकों को आकर्षित करती है। इनकी टीम में वीरेन्द्र जैन नारद, रज्जोमीर हाथरसी, भावना तिवारी, इकरार खां, आशु, जानू, सानू, अनिल सक्सैना, टुन्ना, व संस्थान से जुडे अन्य कलाकार मौजूद थे।