जीएसटी में पेट्रोल अधिकतम 43 रुपये और डीजल 41 रुपये में मिलेगा-अभिमन्यु गुप्ता
कानपुर, स्वप्निल तिवारी। आज प्रान्तीय व्यापार मण्डल के तत्वाधान में किदवई नगर गौशाला चौराहे पे थाली बजाओ बात कान तक पहुंचाओ के नारों के साथ पेट्रोल डीजल मूल्यवृद्धि और महंगाई के विरोध में प्रदर्शन कर केंद्र सरकार और जीएसटी कॉउंसिल से मांग रखी की पेट्रोल डीजल को जनहित में आगामी जीएसटी कॉउंसिल की बैठक में जीएसटी में लाया जाए जिससे की देश के व्यापारियों और नागरिकों को राहत मिल सके। नेतृत्व कर रहे प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता के कहा की व्यापारियों ने थाली बजाकर केंद्र सरकार से देश पे रहम की अपील करते हुए पेट्रोल डीजल को जीएसटी के तहत बेचकर असल दाम लेने की मांग करी और महंगाई को रोकने के लिए कारगर कदम उठाने की भी मांग की। अभिमन्यु गुप्ता ने कहा की केंद्र सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि वो अब पेट्रोल डीजल को जीएसटी में लाए। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में होना चाहिए ताकि यह सरकार के मुनाफा कमाने का जरिया बनकर न रह जाए। उन्होंने कहा कि अकेले केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल पर टैक्स के सहारे 2 लाख 73 हजार करोड रुपए कमाती है। एक देश एक टैक्स की बात करने वाली सरकार पेट्रोल डीजल पे जीएसटी लगाकर अपनी हो बात से पलट रही है।लगभग सभी राज्यों ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की अनुमति दे दी है। मोदी सरकार द्वारा सौ दिन में महंगाई कम करने का वादा किया गया था। 2014 के मुकाबले प्रति बैरल आज पेट्रोल का रेट उससे भी कम है उसके बाद भी आज जनता सबसे महंगे रेट में पेट्रोल डीजल लेने पर विवश है। पेट्रोल को खुला मार्केट में सिर्फ नाम के लिए छोड़ा गया है इसमें सरकार की पकड़ बराबर बनी हुई है। जब जिस जिस राज्य में विधानसभा चुनाव हुआ है तब तब पेट्रोल के रेट में वृद्धि नहीं की गई है उसे यथावत रुप दिया गया था। कर्नाटक के चुनाव के समय 10 दिन लगातार पेट्रोल के रेट नहीं बढ़े लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हुआ पेट्रोल के रेट लगातार बढ़ते चले गए।आज महंगाई अपने सबसे ऊंचे स्तर पर है। पेट्रोल के दाम बढ़ने से हर चीज के रेट बढ़ रहे हैं। आज हर वर्ग महंगाई से परेशान है। आज उत्तर प्रदेश राज्य में और केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है उसके बाद भी सरकार द्वारा पेट्रोल का रेट कम नहीं किया जा रहा है। जीएसटी के दायरे में आने के बाद पेट्रोल और डीजल आपको महज 43 रुपये के भीतर मिलेगा। अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो इस पर ज्यादा से ज्यादा 28 फीसदी टैक्स लगाया जा सकता है जिसके बाद पेट्रोल मात्र 43 रुपये और डीजल 41 रुपये में मिलेगा। जो कि मौजूदा कीमत का आधा मूल्य है। इससे व्यापारियों की लागत में कमी आएगी और नागरिकों पे बोझ कम पड़ेगा। अभिमन्यु ने बताया कि जीएसटी कॉउंसिल जिसमे जनप्रतिनिधियों की बहुमत है, को ही यह फैसला लेने का अधिकार जीएसटी लागू होने से पहले ही दिया जा चुका है। थाली बजा कर सरकार और जीएसटी कॉउंसिल के कानों तक उत्तर प्रदेश के व्यापारियों की आवाज पहुचाने का काम किया जा रहा है। अभिमन्यु गुप्ता, महासचिव हरप्रीत सिंह बब्बर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय बिस्वारी, अभिलाष द्विवेदी, विनय कुमार, महेश गुप्ता, शुभम जेटली, फैसल जमाल, कैलाश अग्निहोत्री, मनोज सोनी, शब्बीर अन्सारी, सुखबीर सिंह, अंकुर गुप्ता, पारस गुप्ता, सुनील यादव समेत कई व्यापारी मौजूद रहे।