कानपुर, स्वप्निल तिवारी। भारत बंद के लिए जहां सभी राजनीतिक दलों ने केंद्र में बैठी मोदी सरकार को अपनी एकता का संदेश दिया तो वही सपा नगर आपस राजनीति में राजनीति करती कुछ दिखी आज जहां एक तरफ सपा नगर अध्यक्ष मुईन खान विधायक अमिताभ बाजपेई के साथ सरकार को घेर ने का काम कर रही थी तो वही पूर्व नगर अध्यक्ष फजल महमूद विधायक इरफान सोलंकी के साथ अपनी ताकत का एहसास करा रहे थे लेकिन सीधे-सीधे दिख रहा था कि सफा नगर कार्यकर्ता दो गुटों में अलग अलग दिख रहे थे अब इसे क्या कहा जाए जहां लोकसभा चुनाव को जोड़कर इस विरोध को देखा जा रहा है अगर विरोध इस तरह से गुट बाजी के साथ हो रहा है तो लोकसभा चुनाव में तो भगवान ही मालिक होगा इस समाजवादी पार्टी का जब आप अपने कार्यकर्ता को ही अपने साथ नहीं कर पा रहे हैं तो जनता को अपने साथ कैसे कर पाएंगे यह तो वक्त ही बताएगा कि क्या होगा लोकसभा चुनाव का और क्या यह तो वक्त ही बताएगा कि क्या होगा लोकसभा चुनाव का और क्या होगा इस सपा नगर का।