शिवली कानपुर देहात, जितेन्द्र कुमार। मैथा तहसील के फंदा ग्राम में महामारी फैली हुई है दर्जनों ग्रामीण बीमार है स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौके पर नहीं पहुंची मैथा तहसील के प्रत्येक घर में सभी बीमार है। अभी तक कोई भी स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची है। लगभग 1 महीने से गांव में पानी भरे रहने से महामारी फैल गई है। जिसके चलते ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों से शिकायत की उसके बाद भी अधिकारी अनसुना कर रहे हैं। जिसके चलते दर्जनों ग्रामीण बीमारी की चपेट में आ गए अभी तक किसी दल के प्रतिनिधि या अधिकारी ने मौके पर जाकर निरीक्षण नहीं किया है। जिसके चलते ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है। ऐसा ही रहा तो वह दिन दूर नहीं जिस से ग्रामीणों को और परेशानी उठानी पड़ सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं बाढ़ क्षेत्र इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर जा जाकर ग्रामीणों का इलाज कर रही है। मैथा तहसील के फंदा ग्राम में महामारी फैली उसके बाद भी मैथा ब्लाक विभाग की डॉक्टरों टीम मौके पर नहीं पहुंची जिसके चलते ग्रामीणों में रोष पनप रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने ब्लॉक में अधिकारियों को कई बार अवगत कराया और कई बार आशाबहू के माध्यम से खबर पहुंचाई उसके बाद भी किसी भी अधिकारी ने जांच करने की आवश्यकता नहीं समझी जिसके चलते ग्रामीणों में महामारी फैल गई जिसके चलते ग्रामीणों को बुखार, जुखाम, फोड़ा, फुंसी जैसी बीमारियों की चपेट में आ गए गांव में करीब 1 महीने से पानी भरे रहने से पूरे गांव में गंदगी का माहौल पनप जाने के कारण पूरा गांव बीमारी के चपेट में आ गया ग्रामीणों ने यह भी बताया कि ग्राम फंदा व तूकई पुरवा में दर्जनों की तादाद में बच्चे, बूढ़े, नौजवान सभी बीमारी के चपेट में आ गए हैं। गांव के नजदीकी प्राइवेट डॉक्टरों द्वारा इलाज करवाने को मजबूर हैं। प्राइवेट डॉक्टर मनमानी पैसे कमाकर गांव वालों को पूरी तरह लूट रहे हैं। वही शासन प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे अभियान को धता बताकर अभी तक किसी भी प्रकार का इलाज सरकार की तरफ से मुहैया नहीं कराया गया है। जिले के अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्राम फंदा में सभी ग्रामवासी अस्वस्थ नजर आ रहे हैं ग्रामीण जो नाजुक हालत में है। वह अपने बच्चों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में करवाने को मजबूर हैं। जिसके चलते हुए वह दिन-रात अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं इतना सब कुछ होने के बावजूद भी सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने अभी तक आना मुनासिब नहीं समझा वही ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी से मौखिक तौर पर जानकारी दी उसके बाद उपजिलाधिकारी राम शिरोमणि ने आश्वासन दिया कि जल्दी गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचाई जाएगी जिसके चलते ग्रामीणों को राहत बचाव कर बीमारी जैसी समस्याओं से निजात मिल सके।
पीड़ित रजनीश शुक्ला पत्नी सुशील कुमार 35 वर्ष, संध्या पुत्री अवधेश कुमार 3 वर्ष, राम कृष्ण पुत्र राम विलास 28 वर्ष, विनीता अनीता पुत्री शिवकुमार 16 वर्ष, अवधेश पुत्र छोटेलाल 35 वर्ष, सरोजिनी पत्नी देश 30 वर्ष, मंजू पत्नी शिवकुमार 32 वर्ष, सरोज पत्नी लक्ष्मी नारायण 35 वर्ष, कृष्ण पांडे पुत्र सुशील 6 वर्ष, हरिओम पुत्र गोविंद 5 वर्ष, अनसूया पुत्री गोविंद 4 वर्ष, दुर्गा पुत्री गुड्डी 5 वर्ष, मीनू शुक्ला पुत्री सुशील, कुमार सोनी देवी पत्नी गोविंद, स्नेहा पुत्रि विजय बहादुर 6 वर्ष, विमला देवी पत्नी विजय बहादुर, राजपूत रामचंद्र 4 वर्ष, गुड़िया पुत्री रामचंद्र 3 वर्ष, तनु पुत्री रामचंद्र, नैंसी पुत्री रामकेश 3 वर्ष, रामकली पुत्री रामविलास, वतन कुमार पुत्र रवि शंकर आदि ग्रामीण बीमारी की चपेट में दिन रात परेशान है।