इलाहाबाद, मिथलेश कुमार वर्मा। इलाहाबाद बेगम बाजार बमरौली में नया ब्रिज के निर्माण कार्य में एयर फोर्स की तानाशाही में एयर फोर्स का निर्णय अलोक तान्त्रिक, अदूरदर्शी हठधर्मी जन विरोधी है। जिससे स्थानीय जनता में भारी अक्रोश है। जब कि ब्रिज का निर्माण लगभग 90 प्रतिशत हो चुका है यह ब्रिज दो जिलों कौशाम्बी एवं इलाहाबाद को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। इस ब्रिज के निर्माण के हो जाने पर हजारों गावों का विकास होगा एंव लाखों लोगों के प्रतिदिन आने जाने के लिए सबसे सुगम रास्ता हो जायेगा। परन्तु एयर फोर्स इस पुल के निर्माण कार्य में बाधा पहुचाँ रहा है। और मानव सुरक्षा के नाम पर तुष्टीकरण में लगा है जब कि इस ब्रिज के आस पास बहुत पहले से ऊंची ऊंची बिल्डिगं प्राइवेट के साथ इनकी स्वयं की निर्मित है। इनके टावर एंव पेड़ पौधे ब्रिज से काफी ऊंचे है एयर फोर्स अधमिता के कारण एयर पैसेंजर की सुरक्षा को झूठा मुद्दा बनाकर लाखों जवानो से खिलवाड़ कर रहा है। एयर फोर्स का यह बर्ताव लोकतान्त्रिक न होकर स्वचन्द संस्था जैसे बर्ताव कर रहा है। ऐसा लगता है कि एयर फोर्स हिन्दुस्तानी न होकर विदेशी ताकत हो हिन्दुस्तान की संस्था को जनहित में कार्य करना चाहिए न कि मानव सुरक्षा का बहाना लेकर अहम को तुष्ट करना चाहिए। एयर फोर्स को समझना चाहिए वह भी भारतीय सरकार के अधीन एक अंग है न कि कोई स्वतन्त्र शक्ति जब जहाज लैण्ड या टेक आफ करता है तो वह ब्रिज से लगभग पाँच सौ मीटर ऊंचाई पर होता है। ऐसे में मानव सुरक्षा के नाम पर ढोंग रचना ठीक नहीं शासन प्रशासन को गुमराह करते हुए जनता के हितकारी मुद्दों से हटते हुए जनता के साथ खिलवाड़ कर रहा है। जो लोकतन्त्र के लिए शुभ नही है। जनता इस ब्रिज के लिए महीनों से बेसब्री से अनेक तरह के कठिनाईयों को सहते हुए इन्तजार कर रही। जनता ने अपना मकान व भूमि सरकार को ब्रिज के लिए लाखों की कीमत की भूमि को कौड़ियों के भाव दिया जिससे ब्रिज के निर्माण में कोई कठिनाई न उत्पन्न हो लेकिन जनता के साथ इतना भद्दा मजाक क्यों सरकार का इस ब्रिज पर करोड़ो रूपया खर्च हो चुका है इसका जिम्मेदार कौन होगा। अगर सरकार ने इस पर विशेष ध्यान नही दिया तो इसका दूरगामी परिणाम हो सकता है।
Home » मुख्य समाचार » बेगम बाजार ब्रिज प्रकरण में एयर फोर्स की तानाशाही एवं सरकार की चुप्पी से जनता अचम्भित