मुंबई, जन सामना ब्यूरो। आशीर्वाद एवं राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एन.एफ.डी.सी) के संयुक्त तत्वावधान में नेहरू तारांगण, वर्ली में आयोजित 27 वें राजभाषा समारोह में संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष सांसद डॉ सत्यनारायण जटिया ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि हिंदी की सेवा इबादत है। हिंदी से हिंदुस्तान को समझें और दूसरों को समझाएं। मां-भारती का यशोगान गाएं। उन्होंने आगे कहा कि तकनीकी संस्थान में हिंदी के काम में जो व्यवधान है उसका समाधान निकालें. जब इसरो में काम हो सकता है तो दूसरों में भी क्यों नहीं हो सकता ? खुसरो की हिंदी को सभी आगे बढ़ाएं। इस मौके पर लखनऊ की जानी मानी कवयित्री, पत्रकार और लेखिका हेमलता त्रिपाठी को आशीर्वाद युवा लेखन पत्रकारिता प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में मुंबई के पुलिस महानिरीक्षक कैसर खालिद ने कहा कि हिंदी की शुरुआत अपने घर से करनी होगी। हिंदी को म्यूजियम की भाषा नहीं बनाना है। हिंदी को दिल से अपनाएं. हिन्दी की जमीन को जड़ों से मिलाना होगा। भाषा की बुनियाद हिलनी नहीं चाहिए। भाषा को हमने राष्ट्रीय प्राथमिकता का विषय नहीं बनाया है। हम हिंदी की पत्र-पत्रिकाएं पढ़ना भूल गए हैं जो पढ़ रहे हैं वह खरीद कर नहीं, मांग कर पढ़ रहे हैं, इसे बदलना होगा। महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ नंदलाल पाठक ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि भाषा में कोई गड़बड़ नहीं है, गड़बड़ हम में है। हमने भाषा के पुल नहीं बनाए। सामाजिक संस्था प्रियदर्शनी अकादमी के अध्यक्ष नानिक रूपानी ने कहा कि मैं हिंदी नहीं बोल पाता लेकिन आज इस सुंदर कार्यक्रम में हिंदी बोलने का साहस कर रहा हूं।
एन.एफ.डी.सी के प्रशासन प्रमुख एन.के.व्यास ने अतिथियों का स्वागत किया तथा आशीर्वाद के अध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल एवं निदेशक डॉ उमाकांत बाजपेयी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
भारतीय भाषाओं को जोड़ती हिन्दी पर पत्र-पठन हुआ जहाँ आशीर्वाद के महासचिव डॉ अनंत श्रीमाली ने डाकिया का रूपधर कर संचालन करते हुए कार्यक्रम को विशिष्टता प्रदान की एवं पत्रों के द्वारा खिलती, खुलती, खिलखिलाती बड़ी-बड़ी बातों पर रोशनी डाली. डॉ सुलभा कोरे ने लिंकन का, डॉ मातवर सिंह मीत ने आओ पत्र लिखें पर कविता, डॉ बनमाली चतुर्वेदी ने स्व. अटल बिहारी वाजपेई व साहित्यकार मनोहर श्याम जोशी के बीच हुए काव्यात्मक पत्राचार का पाठ किया. डॉ जे. पी. बघेल ने सभी का धन्यवाद दिया.
इस अवसर पर सरकारी केन्द्रीय कार्यालयों, राष्ट्रीयकृत बैंकों एवं सार्वजनिक उपक्रमों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार एवं चल वैजयंती देकर पुरस्कृत किया गया. इनमें से थे पश्चिम रेल, मध्य रेल, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मौसम विज्ञान विभाग, केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, भारत सरकार, टकसाल, भारतीय स्टेट बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक आफ महाराष्ट्र, भारतीय जीवन बीमा निगम, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल, न्यू इंडिया एश्योरेंस, न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पो ऑफ इंडिया, ई.सी.जी.सी, भारत पेट्रोलियम एवं भारतीय साधारण बीमा निगम रहे।
आशीर्वाद का राजभाषा रत्न पुरस्कार यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री केवल हांडा को दिया गया। 16वें श्रेष्ठ गृहपत्रिका में दि न्यू इंडिया एश्योरेंस की अर्जन, माझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स की जलतरंग, यूनियन बैंक आफ इंडिया की यूनियन धारा, पश्चिम रेलवे की रेल दर्पण, मध्य रेल की रेल सुरभि, आई.डी.बी.आई बैंक की विकास प्रभा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की सेंट्रलाईट रहीं तथा भारतीय स्टेट बैंक की प्रयास सर्व-श्रेष्ठ गृहपत्रिका घोषित की गयी।
आशीर्वाद राजभाषा गौरव पुरस्कार, इंडियन ऑयल कारपोरेशन लि के मुख्य महाप्रबंधक अरूप सिन्हा, न्यू इंडिया एश्योरेंस के महाप्रबंधक रणजीत गंगाधरन, बैंक ऑफ महाराष्ट्र के महाप्रबंधक राजकिरण भोईर, भारतीय स्टेट बैंक के महाप्रबंधक दीप कुमार कपूर, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक विपन कुमार, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के महाप्रबंधक राजीव गोयल एवं साउथ ईस्टर्न कोल फील्डस को प्रदत्त किया गया।