कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सीएसआर की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने कहा कि कंपनियों का सामाजिक दायित्व, जिसे अंग्रेजी में कॉरपोरेट सोशल रेस्पांसिब्लिटी यानी सीएसआर कहते हैं, केंद्र सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अधीन आता है। जिलाधिकारी ने बैठक में कम्पनियों के मेन सदस्य न उपस्थित होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अगली बैठक में कंपनी के जिम्मेदार ही व्यक्ति उपस्थित होगे जिससे कि कोई निर्णय लिया जा सके। उन्होंने कहा कि अपनी अपनी कम्पनी की रिपोर्ट तीन सप्ताह में उपलब्ध करा दे। जिलाधिकारी ने उपायुक्त उद्योग को निर्देश दिये कि अगली बैठक जिला उद्योग बन्धु में ही रखी जाये जिससे कि उस बैठक में सभी उद्यमी होते है और सही निर्णय लिया जा सके। उन्होंने कहा कि शासन के साथ मिलकर उद्यमी जनकल्याण के लिए बढ़ाये।
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि इस नए नियम के अनुसार वैसी कंपनियां, जिन्हें भारी मुनाफा होता है, उन्हें अपने मुनाफे का कम-से-कम 02 प्रतिशत हिस्सा वैसी गतिविधियों पर खर्च करना है, जो उस क्षेत्र के लोगों के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, नैतिक और स्वास्थ्य आदि में सुधार के लिए हो तथा जिससे उस क्षेत्र की आधारभूत संरचना, पर्यावरण और सांस्कृतिक विषयों को बढ़ाने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियों के जरिए वहां के सामाजिक विषयों के विकास में योगदान करना इस कंपनियों की सामाजिक जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि भारी मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को समाज की भलाई में अपनी कमाई को कम से कम दो प्रतिशत खर्च करना है। उन्होने कहा कि ऐसी कंपनी, जिसमें कम से कम 500 करोड़ रुपए निवेश हुआ हो। ऐसी कंपनी, जिसे एक साल में कम-से-कम पांच करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ हो। ऐसी कंपनी, जो कम से कम 1000 करोड़ रुपए का कारोबार करती हो। इन सभी कंपनियों को अपनी कमाई का 2ः हिस्सा सीएसआर गतिविधियों में खर्च करना है। उन्होने सभी आये हुए कंपनियों के सदस्यों से कहा कि सभी लोग सीएसआर में जुडे और सामाजिक गतिविधियों हेतु अपना पैसा लगाये। उन्होंने सख्त निर्देश दिये कि सीएसआर की दायरे में आने वाली कम्पनी जो आधी अधूरी रिपोर्ट दी है उसे सही रिपोर्ट दे। बैठक में अन्य बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन पंकज वर्मा, उपायुक्त उद्योग प्रिया सिंह, जिला सूचना अधिकारी वीएन पाण्डेय, एएम डीईसी हिमांशु भट्ट, राकेश मसाला ध्रुव शुक्ला, डीजीएम नरेन्द्र शर्मा, एएम शशी कान्त तिवारी, एएम सुशील शर्मा, एजीवीकेपीएल अरूण गुप्ता, जीएम पवन अग्रवाल आदि अधिकारी व उद्यमी उपस्थित रहे।