दर्जनों मरीजों की हो चुकी है मौत, नहीं हुई अब तक कोई कार्रवाई, 1 सप्ताह पहले भी हुई महिला की मौत
तेजमती हॉस्पिटल बना मिनी एसआरएन, जिला अस्पताल से एसआरएन रिफर मरीज को न्यू तेजमती में करते हैं शिफ्ट
90 परसेंट डिलीवरी के रिफर केस आखिर तेजमती में ही क्यों किए जाते हैं भर्ती।
भ्रष्टाचार में लिप्त डॉक्टर का कारनामा, 10 वर्षों से एक ही जिले में है तैनात
कौशांबी, जन सामना ब्यूरो। सीएम योगी सरकार में भी नहीं रुक रहा है भ्रष्ट डॉक्टर ए0 के0 कनौजिया के काले कारनामे। कई सालों से सरकारी अस्पताल के मरीजों को अपने यहां निजी हास्पिटल में ट्रांसफर करा कर मरीजों का लूटा धन। अरबों की किया काली कमाई, बनाई बेनामी व आय से अधिक संपत्ति। आखिर अब तक क्यों नहीं हुई न्यू तेजमती अस्पताल में आने वाले मरीजों की जांच, 20 बेड के हास्पिटल का है रजिस्ट्रेशन, 45 बेड का चला रहा अस्पताल। जिला अस्पताल में तैनात ए0 के0 कनौजिया एमडी फिजीशियन नहीं करता है अस्पताल में नौकरी, नौकरी के नाम पर जिला अस्पताल के मरीजों को करता है तेजमती अस्पताल में ट्रांसफर। जिला अस्पताल की कई आशा बहुओं और नर्सों को कर रखा है सेटिंग, देता है 30 प्रतिशत कमीशन। ए0 के0 कनौजिया के एजेंट की तरह काम करती हैं स्टाफ नर्स और आशा बहुएं, डिलीवरी के केसों को जिला अस्पताल से किया जाता है तेजमती हॉस्पिटल में शिफ्ट। जिला अस्पताल से मरीज का एसआरएन प्रयागराज के लिए बनता है पर्चा, लेकिन जिला अस्पताल में डॉक्टर के एजेंट गुलाब मौर्या मरीजों को अपने एंबुलेंस में भरकर पहुंचाता है तेजमती हॉस्पिटल। आए दिन दर्जनों मरीज को जिला अस्पताल से लाकर तेजमती में करता है शिफ्ट। यदि जिला अस्पताल के मरीजों को तेजमती ना लाया जाए तो अस्पताल में लग जाएगा ताला, जिला अस्पताल के मरीजों से चलता है तेजमती अस्पताल। आखिर क्यों नहीं जिले के आला अधिकारी करते हैं इस अस्पताल की जांच।
सूत्रों की माने तो मानक के अनुरूप नहीं बना है तेजमती अस्पताल और कई एनओसी भी नहीं किया पूर्ण। पर्यावरण एनवायरमेंट का नहीं है एनओसी, एनजीटी के नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां। यही वजह है कि 10 वर्षों से जमा भ्रष्ट डॉक्टर ए0 के0 कनौजिया। डॉ ए0 के0 कनौजिया ने अरबों रुपए की काली कमाई से बना रहा स्कूल और जिला अस्पताल के सामने मकान। आखिर ऐसी कौन सी डॉ ए0 के0 कनौजिया ने लगा रखी है मशीन, जिससे 5 साल में बनाई अरबों की संपत्ति। लोगों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर न्यू तेजमती हॉस्पिटल में मरीजों को जिला अस्पताल से लाए जाने वाले की हो जांच हो। 90 प्रतिशत एसआरएन के नाम पर मरीजों को कर लेता है भर्ती एवं उनसे डिलीवरी के नाम पर 50 हजार से 60 हजार तक करता है वसूली। महीने में लगभग कई सौ मरीज जिला अस्पताल से लाकर इसके एजेंट करवाते हैं तेजमती अस्पताल में भर्ती। अब देखना यह है कि योगी सरकार को बदनाम करने में 10 वर्षों से जिला अस्पताल में तैनात डा0 ए0 के कनौजिया की जांच होती है। या फिर मामला फाइलों में दबकर रह जाएगा और जिला अस्पताल में तैनात डा0 कनौजिया जो सिर्फ जिला अस्पतालों से मरीजों के अपने निजी नर्सिंग होम में ट्रांसफर करने का काम करता है उस पर कार्यवाही होगी या फिर मामला ठंडे बस्ते में रह जाएगा।