Wednesday, November 27, 2024
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पानी की आड़ में गांजे का अवैध व्यापार -चंद कदमों की दूरी पर ही तैनात रहती है पुलिस

हाथरसः नीरज चक्रपाणि। कहते हैं कि नशा इंसान को खोखला कर देता है और उसके परिवार को भी गर्त में ढकेल देता है। लेकिन आज के समय में नशे का शौक हर तीसरे व्यक्ति में देखने को मिल रहा है। इतना ही नहीं छोटे-छोटे बच्चे भी नशीले मादक पदार्थों का सेवन करते हुए देखे जा सकते हैं। जब छोटे छोटे बच्चे ही नशे की दुनिया को ही अपना सब कुछ मानेंगे तो उनका भविष्य आखिर क्या होगा।
बात अगर थाना हाथरस गेट क्षेत्र में आने वाले कुछ स्थानों की करें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि थाना क्षेत्र में गांजे का व्यापार बड़े स्तर पर माफियाओं द्वारा किया जा रहा है। पहले तो अक्रूर कॉलेज में रहने वाले रिंकू को ही नशा माफिया का ताज हर किसी ने पहना रखा था, लेकिन उसकी हत्या हो जाने के बाद वह ताज उसकी पत्नी और बच्चों ने पहनना चाहा। लेकिन पुलिस की सतर्कता के चलते ऐसा हो नहीं सका और पत्नी को भी जेल जाना पड़ा। इसी बात का फायदा उठाकर चंद माफिया इस अवैध व्यापार को कर रहे हैं। गांजे की पुड़िया को छोटे-छोटे बच्चे और दुकानदार वह भी खुलेआम आसानी के साथ बेच रहे हैं। इंडस्ट्रीज एरिया जहां एक और बेरोजगारों और नौजवानों को रोजगार मिलता है, वहीं दूसरी ओर एक नशा माफिया गांजे का अवैध व्यापार खुलेआम वहाँ कर रहा है। वह भी एक चाय की दुकान के पास से । जबकि इस चाय की दुकान से चंद कदमों की दूरी पर ही एक पुलिस चैकी भी तैनात है, लेकिन फिर भी इस माफिया के हौसले बुलंद हैं। यह माफिया इतना शातिर है कि यह अपने विजिटिंग कार्ड भी बांट रहा है। तारीफ की बात तो यह है कि इस विजिटिंग कार्ड पर पानी की बोतल छपी हुई हैं जिससे यह लगता है कि यह पानी विक्रेता है। लेकिन असल में पानी की आड़ में गांजे का अवैध व्यापार किया जा रहा है। ऐसा तो हो नहीं सकता कि चंद कदमों पर पुलिस चैकी हो लेकिन फिर भी पुलिस को इंडस्ट्रीज एरिया में बिक रहे अवैध गांजे की जानकारी ना हो यह कहना बहुत मुश्किल है। शाम होते ही चाय की दुकान के पीछे दर्जनों बाइक-साइकिल पर लोग आते हैं गांजे की पुड़िया खरीदते हैं।
पुलिस को इस ओर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और पुलिस के आला अधिकारियों को भी ऐसे नशा माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाकर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाना चाहिए, जिससे इस जिले को नशा माफियाओं में एक भय पुलिस से उत्पन्न हो और अपना अवैध व्यापार शुरू करने से पहले सौ बार सोचें। अगर पुलिस अपराधियों में खौफ बनाएगी तो जनता भी अधिकारियों को सम्मानित करेगी क्योंकि आज छोटे-छोटे बच्चे नशा माफियाओं के कारण नशे की दुनिया को ही अपना भविष्य समझते हैं और थोड़े से ही समय के बाद यह अपना सब कुछ नशे में ही बर्बाद कर देते हैं जो कि एक चिंता का विषय है।