कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। ईउ उल जुहा (बकरीद) व श्रावण माह के अन्तिम सोवार, दिनांक 15 अगस्त 2019 को स्वतंत्रता दिवस व रक्षाबन्धन के पर्व तथा दिनांक 23 अगस्त को जन्माष्टमी के पर्व को सकुशल एवं शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराये जाने में कतिपय व्यक्तियों/अराजकतत्वों द्वारा शांति भंग किये जाने का प्रयास किा जा सकता है जिसके कारण जनपद में समुचित सुरक्षा व शांति एवं कानून व्यवस्था सुदृढ बनाये रखने हेतु धारा 144 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत कार्यवाही किया जाना आवश्यक हो गया है। जनपद में धारा 144 लागू है जो दिनांक 31 अगस्त 2019 तक लागू रहेगी।
यह जानकारी देते हुए एडीएम प्रशासन पंकज वर्मा ने जनपद में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाये रखने के प्रयोजन के लिए आदेश पारित किये है। जनपद की सीमा के तहत कोई भी व्यक्ति आग्नेयास्त्र, भाला, बल्लम, धारदार हथियार, हांकी, बेत, डंडा या अन्य कोई शस्त्र व्यक्तिशः या समूह में बिना सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति लिए नही चलेगा। बीमार अथवा शारीरिक रूप से अपंग व्यक्ति, जिसे सहारे के लिए लाठी की जरूरत पड सकती है तथा प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी जो ड्यूटी पर हो पर उक्त प्रतिबंध लागू नही होगा। कोई भी व्यक्ति पांच अथवा पांच से अधिक व्यक्तियों का समूह नही बनायेगा और न ही समूह के साथ चलेगा। काॅवड यात्रा, बारात, शव यात्रा, नमाजियों तथा स्वतन्त्रता दिवस पर आयेाजित कार्यक्रमों पर यह प्रतिबंध लागू नही होगा। कोई भी व्यक्ति विस्फोटक पदार्थ, पटाखा, आतिशबाजी या अन्य प्रकार का विस्फोटक सामान आदि लेकर सार्वजनिक स्थल पर नहीं चलेगा तथा कंकड पत्थर या अन्य कोई मारक पदार्थ सार्वजनिक स्थान पर बिना अनुमति के एकत्र नहीं करेगा। किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा सार्वजनिक रास्ते में कोई अवरोध उत्पन्न नहीं किया जायेगा जिससे कि यातायात आवागमन में कोई अवरोध व्यवधान उत्पन्न हो, धारा लागू रहने की अवधि में कोई भी व्यक्ति अथवा राजनैतिक दल किसी भी जनसभा अथवा जुलूस का आयोजन बिना संबंधित उपजिला मजिस्ट्रेट/जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के नहीं करेगा। धारा 144 के तहत किसी भी व्यक्ति का पुतला जलाना, प्रदर्शन करना, पक्ष विपक्ष में नारेबाजी करना वर्जित रहेगा। ध्वनि विस्तारक यन्त्रों का प्रयोग बिना जिला मजिस्ट्रेट/उप जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के नही किया जायेगा। किसी भी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह द्वारा उत्तेजक नारा, अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया जायेगा न ही जाति, धर्म, सम्प्रदाय के आधार पर भड़काने वाला अथवा दूसरे जाति, धर्म तथा सम्प्रदाय के व्यक्तियो की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला भाषण, गाना अथवा नारा ही उच्चरित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि आदेश का उल्लंघन करने वाले को भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डीय अपराध होगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से जनपद की सीमा में लागू कर दिया गया है जो 31 अगस्त 2019 तक प्रभावी रहेगा।