कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। अकसर देखा गया है कि टोल प्लाजा पर टैक्स देने के लिए लोग लंबी लाइन में लगे रहते हैं। लेकिन 1 दिसंबर 2019 से यह नियम बदल गया है। दरअसल, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि 1 दिसंबर 2019 से टोल भुगतान केवल फास्टैग के जरिए होगा। इस स्कीम के लागू होने के बाद पूरे देश में कोई भी वाहन बिना कैश में टोल दिए कहीं भी ट्रैवल कर सकेगा। हालांकि यात्रा करने वाले शख्स की कार पर फास्टैग लगा होना अनिवार्य है।
गडकरी ने कहा, ”फास्टैग परिवहन मंत्रालय की प्रमुख पहल है, जो कि वाहनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करेगी और बाधाओं को दूर करेगी। जीएसटी परिषद, जीएसटी ई-वे बिल प्रणाली के एकीकरण की सैद्धांतिक मंजूरी दी जा चुकी है। इस संबंध में करार भी किया जा चुका है।” इसके साथ ही गडकरी ने उम्मीद जताई कि इलेक्ट्रॉनिक पथ कर संग्रह कार्यक्रम जैसी पहलों से भारत का टोल कलेक्शन अगले 5 साल में बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपए सालाना हो सकता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधीन कुल 1.4 लाख किलोमीटर राजमार्ग आता है, जिसमें से 24,996 किलोमीटर राजमार्ग टोल के दायरे में आता है। साल के अंत में यह बढ़कर 27,000 किलोमीटर हो जाएगा। अगर हमें यह राजस्व प्राप्त होता है तो हम बैंक से कर्ज ले सकते हैं और बाजार से अधिक धन जुटा सकते हैं, जिससे परियोजनाओं पर अधिक निवेश किया जा सकता है।फास्टैग कैसे करता है कार्य-
इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम या फास्टैग स्कीम भारत में सबसे पहले साल 2014 में शुरू की गई थी, जिसे धीरे-धीरे पूरे देश के टोल प्लाजाओं पर लागू किया जा चुका है। फास्टैग की मदद से आप टोल प्लाजा में बिना रूके अपना टोल प्लाजा टैक्स दें सकेंगे कार की विंडस्क्रीन में फास्टैग लगाया जाता है और इसमें रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन लगा होता है। अब जैसे ही आपकी गाड़ी टोल प्लाजा के पास आ जाती है, तो टोल प्लाजा पर लगा सेंसर आपके वाहन के विंडस्क्रीन में लगे फास्टैग के संपर्क में आ जाता है और आपके फास्टैक अकाउंट से उस टोल प्लाजा पर लगने वाला शुल्क काट देता है और आप बिना वहां रूके अपना प्लाजा टैक्स चुका देते हैं। आपकी गाड़ी में लगा ये फास्टैग, आपके प्रीपेड खाते के एक्टिवेट होते ही अपना काम शुरू कर देगा। इसके अलावा जब आपके फास्टैग अकांउट में पैसे खत्म हो जाएंगे, तो आपको उसे फिर से रिचार्ज करवाना पड़ेगा। फास्टैग की वैधता सिर्फ 5 साल के लिए होगी उसके बाद आपको फिर नया फास्टैग अपनी गाड़ी पर लगवाना होगा।
प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई नई टोल नीति में नियम बनाया गया है कि टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गावों के वाहन चालकों के टोल में 75 प्रतिशत राशि का भुगतान सरकार करेगी। पहले 10 किमी के दायरे के गांव वालों का महीने का पास बनता था, पर अब 20 किमी तक के दायरे के ग्रामीणों के पास बनाये जाने का प्रावधान है। अब टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाले फास्टैग में छूट पाएंगे हालांकि उन्हें वाहन के लिए फास्टैग लेना होगा, इन लोगों से 265 रुपए ही प्रति माह टोल लिया जायेगा। इस धनराशि से वे टोल प्लाजा से अनगिनत बार निकल सकेंगे, लेकिन 20 किलोमीटर से दूर रहने वाले लोगों को पूरा टोल देना होगा।
कानपुर देहात के निवासी राजेश बाबू कटियार, सर्वेश कुमार, अजय कुमार, प्रेम नारायण, रामकुमार, रामलखन, ऋषभ बाजपेयी, विपिन त्रिवेदी ने इस नियम का विरोध किया और इसे गलत ठहराया। उनका कहना है कि पूरे जिले की व्यक्तिगत गाडियों का टोल नहीं लिया जाना चाहिए, सिर्फ 20 किमी तक के ग्रामवासियों को ही छूट प्रदान करना पूर्णतया निराधार है।
फास्टैग नहीं तो लगेगा दोगुना टोल- एनएचएआई के नए नियमों के अनुसार अगर आपकी गाड़ी में फास्टैग नहीं लगा है तो फास्टैग लाइन से निकलने पर टोल की दोगुनी धनराशि का भुगतान करना होगा। एनएचएआई के परियोजना प्रबंधक पीयूष कटियार का कहना है कि टोल प्लाजा से 20 किलोमीटर क्षेत्र पर ही निवास करने वाले वाहन स्वामियों को टोल में छूट प्रदान की गई है। कानपुर रीजन के 7 टोल प्लाजा पर 82 फीसदी वाहन अब फास्टैग लगे हुए ही निकल रहे हैं।
गाड़ी बदलने पर टोल कंपनी को देनी होगी जानकारी-
वाहनमालिकों का परमानेंट पास बनाया जाएगा। जिस पर गाड़ी नंबर लिखा जाएगा। अगर कोई व्यक्ति नई गाड़ी लाएगा या फिर गाड़ी बदलेगा तो टोल कंपनी को इसकी जानकारी देनी पड़ेगी। तब पास में गाड़ी नंबर बदला जाएगा।
पास बनवाने के लिए गाड़ी का रजिस्ट्रेशन टोल फ्री किये गये गाँव के एड्रेस पर होना अनिवार्य है। इसके अलावा मालिक के निवास के लिए आधार कार्ड, पहचान पत्र, राशन कार्ड या अन्य साक्ष्य की भी जरूरत पड़ेगी। एक बार पास बनवाने के बाद अन्य आईडी साथ रखने की बाध्यता नहीं रहेगी। अभी तक वाहन मालिक को गाड़ी के साथ अपनी खुद की आईडी भी रखनी पड़ती थी।
इनको नहीं देना होगा टोल टैक्स-
निम्नलिखित को ले जा रहे और उसके साथ चल रहे हैं लोगों को नहीं देना होगा टोल-
1. भारत के राष्ट्रपति
2. भारत के उपराष्ट्रपति
3. भारत के प्रधानमंत्री
4. भारत के मुख्य न्यायमूर्ति
5. राज्यपाल
6. उपराज्यपाल
7. मुख्यमंत्री
8. केन्द्रीय और राज्य विधानमण्डल के अधिकारिता रखने वाले पीठासीन अधिकारी
9. लोक सभा, राज्य सभा और राज्य विधान मण्डलों के अधिकारिता से युक्त विरोधीदल के नेता,
10. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश
11. राज्य के विधान परिषद के सभापति
12. राज्य के विधान सभा के अध्यक्ष
13. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
14. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश
15. भारत सरकार के मंत्री
16. उ0प्र0 सरकार के मंत्री
17. उ0प्र0 सरकार के सचिव और आयुक्त
18. राज्य के दौरे पर आये उच्च पदस्थ विदेषी व्यक्ति
19. सी.डी. प्रतीक के साथ कार का प्रयोग करने वाले भारत में संस्थापित विदेश मंत्रालय के प्रधान
20. समस्त सरकारी वाहन
सरकारी कार्य हेतु प्रयुक्त वाहन-
1. रक्षा मंत्रालय, जिसमें वो भी सम्मिलित जो भारतीय पथकर (सेना और वायु सेना) अधिनियम 1901 और तद्धीन बनाये गये नियमों, जो नौसेना को भी विस्तारित किये गये हैं, के उपबन्धों के अनुसार छूट के पात्र हैं
2. अर्द्धसैनिक बलों और पुलिस वर्दी में केन्द्रीय और राज्य सशस्त्र बल
3. ड्यूटी पर कार्यपालक मजिस्ट्रेट
4. ऐसे व्यक्ति, जिसके लिए कार्यस्थल के संबंध में अपने सांविधिक दायित्वों के निर्वहन के लिए हाईवे, एक्सप्रेस वे का प्रयोग अपेक्षित है
5. अग्निशमन विभाग या संगठन
6. सम्बंधित हाईवे, एक्सप्रेसवे प्राधिकरण के अधिकारी
एम्बुलेंस के रूप में प्रयुक्त वाहन विधायक और सांसद को भी मुक्त रखा गया है।
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