रायबरेली, पवन कुमार गुप्ता। तहसीलदार की मनमानी के चलते वाद कारियों को समय से न्याय नहीं मिल रहा है।लोग आते हैं और तारीख लेकर चले जाते हैं। वकीलों के निवेदन के बावजूद भी तहसीलदार किसी भी मुकदमे में सुनवाई करने को तैयार नहीं है तथा सभी न्यायालयों में पेशकारों द्वारा निजी तौर पर कर्मचारी रखकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। इसी को लेकर अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में नारेबाजी करते हुए जमकर हंगामा काटा है।
अधिवक्ता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चंद्र उपाध्याय, सीके शुक्ला, दिनेश चंद्र त्रिपाठी, चंद्रमणि शुक्ला, महादेव वर्मा, धर्मेश पाठक, राज नारायण मिश्र, शिवजी पांडेय, अशोक कुमार, राकेश कुमार समेत बार एसोसिएशन के सभी अधिवक्ताओं ने तहसीलदार की कार्यशैली से नाराज होकर बुधवार को तहसील परिसर में जमकर नारेबाजी की।अधिवक्ताओं का आरोप है कि तहसीलदार द्वारा न्यायालय में बैठकर वादों को सुना नहीं जाता। जिसके चलते वादकारी परेशान हैं। तारीख पर आते हैं और मायूस होकर वापस लौट जाते हैं। समूची तहसील में भ्रष्टाचार व्याप्त है। पेशकार निजी हित लाभ से प्राइवेट लड़कों को रखे हुए हैं।जिनसे न्यायालय की फाइलों से लेकर आदेश तक बनवाते हैं। इसके चलते न्याय कार्यों की गोपनीयता भंग हो रही है। साथ ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। इस बाबत एसडीएम राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि तहसीलदार एक्सप्रेस वे के कार्यों में लगे हुए हैं। समय अभाव के चलते वादों के निस्तारण का समय नहीं मिल पा रहा है। जल्द ही समस्या का समाधान कराया जाएगा।