Sunday, November 24, 2024
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पूर्व तैयारियों के बाद तलाक का फैसला लें

जब दो विपरीत तार जुड़ जाते है तो चिंगारी उठना लाज़मी है। वैसे ही दो अलग स्वभाव के लोग शादी के बंधन में बंध जाते है तो तलाक होना भी तय है। “तलाक” ये शब्द ही एक लड़की की ज़िंदगी को तहस-नहस कर देने के लिए काफ़ी है। बहुत कम लड़कियां ये कदम उठाने की हिम्मत करती है। ज़्यादातर ससुराल में दमन सहते उम्र काट देती है। पर कुछ कारणों से कई बार ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं कि पति-पत्नी का साथ रहना संभव नहीं होता। मजबूरन उन्हें अपने रास्ते अलग करने पड़ते हैं।
आमतौर पर देखा जाता है की समाज तलाकशुदा महिला को शादीशुदा जितना सम्मान नहीं दे पाता। तलाक के बाद महिला माता-पिता पर बोझ समझी जाती है ये कड़वी सच्चाई है। डिवोर्सी का टैग उसके नाम से जुड़ जाता है। लड़कों को ज़्यादा फ़र्क नहीं पड़ता पर लड़कियों का जीना दूभर हो जाता है। खासकर तब, जब लड़की अपने पैरों पर खड़ी नहीं होती। ऐसे में डिवोर्सी लड़कियों के सामने चुनौतियां मुँह फ़ाडकर खड़ी होती है। तो अगर कोई लड़की गंभीर हालातों के चलते तलाक लेने का सोचती है तो पहले आने वाली ज़िंदगी के लिए पूर्व तैयारियां कर लें।
सबसे पहले मौजूदा हालात पर गौर कीजिए। किसी भी रिश्ते में प्यार, विश्वास, भरोसा, सम्मान और खुशी नहीं होगी तो न रिश्तों में गर्माहट होगी और न एक दूसरे को बांधकर रखने की शिद्दत। आत्म सम्मान के साथ समझौता करना किसी भी रिश्ते की बुनियाद कमज़ोर करता है। इसलिए खुद को और अपने आत्म सम्मान को न भूलें, अगर अलग होकर आप ज्यादा खुश रहती है तो बेशक तलाक लीजिए। पर तैयारी के साथ।
ज़्यादा सोचना छोड़कर एक लक्ष्य तय करें। तलाक के बाद पति-पत्नी अलग तो हो जाते हैं लेकिन भावनात्मक रुप से एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। अगर तलाक के बाद आप पुरानी बातों से उभर नहीं पाएंगे तो ये आपके भविष्य के लिए अच्छा नहीं होगा। तलाक तो ले लिया पर अब आगे क्या? इस सवाल के उपर काम करना होगा। अपने आपको बिजी रखें। किताबें पढ़ें, परिवार और दोस्तों के साथ अपनी बात शेयर करें। भविष्य की प्लानिंग करें। उलझें नहीं बल्कि खुद को संभालें।
इसके लिए मानसिक के साथ आर्थिक रूप से भी तैयारी करनी होगी। इस दौरान जज्बातों पर काबू रखना जरूरी है। क्यूँकि आपको आगे की तैयारी करनी है। सबसे पहले एक बात तय कर लीजिये की तलाक के बाद किसी पर बोझ नहीं बनना है। कुछ भी करके अपने पैरों पर खड़ा रहना है। जब आप खुद अपने निर्वाह का जुगाड़ करते है तो एक आत्मविश्वास आ जाता है।
तलाक होने पर शर्मिंदगी महसूस ना करें, तलाक के बाद आप खुद को घर में कैद न कर लें। ये ज़िंदगी आपकी है आपको कैसे बितानी है उसका फैसला आपको ही करना है। बाहर निकलिए और खुली हवा में सांस लीजिए। लोग क्या कहेंगे इस बात से ज्यादा इस बात पर ध्यान दीजिए कि आपका दिल क्या कह रहा है। आप खुश है या नहीं। समाज की नहीं अपनी चिंता करिए।
तलाक के बाद जीवन में बड़ा बदलाव आ जाता है। नई जिंदगी के साथ तालमेल बैठाते हुए लंबी और छोटी अवधि के लक्ष्यों पर नजर बनाकर रखनी चाहिए। अगर बच्चा है और उसकी जिम्मेदारी आपके हिस्से आती है तो बच्चे की शिक्षा से लेकर उसकी शादी तक की प्लानिंग आपको करनी होगी। ससुराल वालों से अपने हिस्से की संपत्ति का कानूनन हक कैसे पाए ये भी जानकारी ले लीजिए। कानून कहता है कि तलाक की स्थिति में महिला के नाम पर किया गया कोई भी निवेश उसकी निजी संपत्ति का हिस्सा होगा। स्त्रीधन, प्रॉपर्टी और निवेश में हिस्से के अलावा महिला गुजारे-भत्ते की भी हकदार है।
अपनी आमदनी और खर्चों का मूल्यांकन करना चाहिए। जीवन में कोई भी चीज स्थाई नहीं हैं तो जो परिस्थिति अभी है वो आगे बदल भी सकती है। लेकिन स्थिती हमेशा सही बनीं रहे इसके लिए कोशिश आपको ही करनी है। खुद में फिर से जीने की उमंग जगाईये। वो करें जो आप अपने जीवन में करना चाहते थे लेकिन शादी के वजह से नहीं कर पाएं। फिर से अपनी ज़िंदगी को अपने हिसाब से एडजेस्ट करें। खुद की काबिलियत का मूल्यांकन करें और भविष्य के लिए अपने आप को तैयार करें।
हंमेशा सकारात्मक सोच रखिए, जब रिश्ता टूटता है तो दुख होना लाजमी है। वो भी ऐसा रिश्ता जो दिल के बेहद करीब हो। लेकिन तलाक के बाद आप ये सोचें वो आपका बीता हुआ कल था। आपकों अब अपने आने वाले कल पर ध्यान देना है। तलाक के लिए खुद को ही जिम्मेदार न मानें। अपनी गलतियों को खोजने की बजाए इस बात पर फोकस करें कि अब आपके पास क्या बचा है, और जीवन को कैसे बेहतर बनाना है।
करियर पर ध्यान दें। अगर आप कामकाजी नहीं है तो जरूरी है कि अब आप कोई काम करें। खुद को सशक्त और मजबूत बनाईये और अपनी जिम्मेदारी खुद उठाईये। और अगर आप वर्किंग हैं तो अपने हुनर को ओर विकसित करिए और जो सपने छूट गए थे उसे अब पूरा करने की कोशिश कीजिए और आगे बढ़िए। अगर कुछ चीज़ों की प्लानिंग करने के बाद तलाक का फैसला लेंगे तो तलाकशुदा होने के बावजूद आप बेहतरीन ज़िंदगी जी सकते है।
भावना ठाकर ‘भावु’ (बेंगलूरु, कर्नाटक)