पवन कुमार गुप्ताः रोहनियां, रायबरेली। आजादी से अब तक विकास के दावों की हकीकत को परखना है तो आपको रायबरेली जनपद की तहसील क्षेत्र ऊंचाहार में रोहनिया ब्लॉक के गांव जिल्लहवा व मजरे मसौदा बाद को देखना होगा। इस गांव में प्रवेश करते ही यहां के रास्ते उन जुमलेबाज नेताओं के मुंह पर करारा तमाचा जैसा मारने का काम करते हैं जो चुनाव में वादे करने से नहीं चूकते।
जरूरी नहीं है कि हर काम नेताओं का ही है लेकिन उनका आदेश अधिकारियों को मिले तो इन गांवों की सूरत बदलने में देर नहीं लगेगी। आलम यह है कि नेताओं से ज्यादा अधिकारी भ्रष्ट नजर आ रहे हैं या फिर यूं कहें कि सब एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं।
बताते चलें कि रोहनिया ब्लॉक के गांव जिल्लहवा मजरे मसौदा बाद का संपर्क मार्ग (लगभग 1 कि.मी.) पर अब तक नहीं हुआ है। गांव के कुछ लोग विपिन, सियाराम, रामलखन, मोतीलाल, विनोद रामखेलावन, जगमोहन इत्यादि यह सभी ग्रामीण बताते हैं कि संपर्क मार्ग का निर्माण काफी समय से नहीं हुआ है। इसे सड़क कहना भी मजबूरी ही है क्योंकि कई बरसों से इस पर केवल मिट्टी का ढेर है खड़ंजा भी नसीब नहीं हुआ है। अभी हाल ही में विधान सभा चुनाव भी संपन्न हुए है। तकरीबन सभी विधान सभा प्रत्याशियों ने गांव की परिक्रमा की किन्तु ग्रामीणों के आवागमन को लेकर किसी भी प्रतयाशी ने ग्रामीणों को आश्वासन तक नहीं दिया है। फिलहाल अभी तो गर्मी है ग्रामीण किसी तरीके से आ जा रहे है और जिनको गांव तक जाना है वह भी पहुंच रहे है। अब तो पंचायती राज चुनाव,विधान सभा चुनाव और विधान परिषद सदस्य के चुनाव भी संपन्न हुए। सभी प्रत्याशियों ने ग्रामीणों के सामने अपना दुखड़ा रोया है। प्रत्याशियों को ग्रामीणों से कुछ न कुछ मिला जरूर है।लेकिन ग्रामीण आज भी अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। इस गांव की ओर लोक निर्माण विभाग का भी ध्यान आज तक नहीं गया जिससे कि ग्रामीणों के आवागमन के लिए सलोन ऊंचाहार रोड से संपर्क मार्ग बनवा कर ग्रामीणों की समस्या को दूर किया जा सके। बरसात में इसी मार्ग पर चलना भी दूभर हो जाता है।ग्रामीणों के लिए गांव से निकलने का दूसरा कोई रास्ता भी नहीं है। जिसे वह लोग इस्तेमाल कर सके जबकि शारदा सहायक नहर की प्रतापगढ़ ब्रांच के बगल में गांव है। यह हाल उस समय का है जब भारत आजादी के अमृत महोत्सव से गुजर रहा है। ऊंचाहार विधान सभा में तीन पंचवर्षीय से लगातार विकास की गंगा बहाने वाले विकास पुरुष विधायक ने भी ग्रामीणों के इस दुखती नब्ज का आज तक ख्याल नहीं किया है। हालांकि ऐसा नहीं है कि उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए काम नहीं किए उन्होंने काम किए हैं जनता के बीच में अपनी लोकप्रियता बनाए रखी है इसी वजह से वह तीसरी बार फिर से विधायक बने हैं। लेकिन गांव के ग्रामीणों का कहना है कि मौजूदा विधायक यदि थोड़ी सी नजर इस खस्ताहाल सड़क की ओर कर दें तो यहां के विकास को गति मिल जाएगी।