पवन कुमार गुप्ता: रायबरेली। जिला रायबरेली के अंतर्गत ऊंचाहार क्षेत्र में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारी लापरवाह बने हुए हैं। उन्हें खाताधारको से बात करने में समस्याएं होती हैं। बैंक कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्र के खाताधारको और बैंक परिसर में आने वाले नए ग्राहकों को वरीयता नहीं देते हैं। यहां तक कि खाताधारकों को बैंक कर्मियों से सही और सटीक जवाब पाने के लिए हांथ बांधे उनके सामने खड़े रहना पड़ता है। खाली पड़ी कुर्सियां केवल उनको निहारती हैं। बैंक के कर्मचारियों का यह रवैया आम आदमी को जन सुविधा केंद्र पर जाने को मजबूर करता है वहां उसे अतिरिक्त शुल्क देकर बैंकिंग कार्य करवाना पड़ता है।
एनटीपीसी में संचालित एसबीआई की शाखाः-
बताते चलें कि जनपद के ऊंचाहार क्षेत्र में एनटीपीसी आवासीय परिसर के अंदर लंबे अरसे से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा संचालित हो रही है। यहां के कर्मचारियों की वर्तमान में खासियत यह है कि यहां के प्रबंधक सहित सारा स्टॉफ एक ही समय में लंच करने के लिए चला जाता है और उपभोक्ता इंतजार की घड़ियां गिनते रहते हैं। अधिकांश उपभोक्ता जैसे बिजनेस मैन और मजदूर वर्ग के भी होते हैं जो कि दोपहर में बैंकिंग कार्य हेतु लंच के दरमियान ही शाखा में पहुंचते हैं लेकिन यहां पर एक ही समय में सारा स्टाफ लंच करने के लिए चला जाता है, जिसकी वजह से उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ता है। कर्मचारियों के लंच का भी कोई समय निर्धारित नहीं है कितनी देर बाद वह लंच से लौटेंगे इसका समय वहां पर मौजूद सिक्योरिटी गार्ड भी ठीक तरीके से नहीं बता पाता है। क्षेत्र में एनटीपीसी आवासीय परिसर के अंदर खुली एसबीआई की शाखा में कई कर्मचारी ऐसे हैं जिनका तबादला लंबे अरसे से नहीं हुआ है और उनसे ही ग्राहक परेशान हो रहे हैं।ऊंचाहार बस स्टॉप की एसबीआई शाखाः-
जनपद के नगर ऊंचाहार में खुली एसबीआई की शाखा में एटीएम केबिन के अंदर लगी एसी और फैन को चालू नहीं किया जाता है जबकि भीषण गर्मी का मौसम चल रहा है और उपभोक्ता परेशान हो रहे है। ऊंचाहार नगर में बस स्टॉप के सामने खुले एसबीआई की शाखा के प्रबंधक और कर्मचारी तो खाताधारकों को मर्यादा देने में असमर्थ दिखाई देते हैं। खाताधारक या बैंकिंग कार्य के लिए आने वाले नए ग्राहक यहां के प्रबंधक और कर्मचारियों के सामने हाथ बांधे खड़े रहते हैं एसबीआई शाखा के बैंक कर्मचारी अपनी कुर्सी का धौंस जमाते हुए दिखाई देते हैं। बैंक कर्मचारियों के केबिन में पढ़िए कुर्सियां आखिर किस लिए रखी गई क्या उस पर उनके करीबी ही बैठने का अधिकार रखते हैं या फिर आम उपभोक्ता जो कि बैंकिंग कार्य हेतु कर्मचारी से मिलने गया हो। इस शाखा में जाने वाले ग्राहकों को अक्सर बैंक के कर्मचारियों से शिकायत रहती है कि वे अच्छे से काम नहीं करते हैं और उनका व्यवहार ग्राहकों के लिए ठीक नहीं रहता है ऐसा ग्राहकों ने महसूस किया है।
शाखा प्रबंधन भूल बैठा प्रोटोकॉलः-
हालांकि कोरोना महामारी को लोग भूल बैठे हैं सरकार द्वारा वैक्सीनेशन की गति भी तेज की जा चुकी है और अधिकांश नागरिको ने वैक्सिंन लगवा कर कोरोना के खतरे को टाल चुके हैं लेकिन भीड़भाड़ वाली जगहों पर बैंक में, ऑफिसों में,मॉल इत्यादि जगहों पर कोरोना महामारी के खतरे से बचने के उपाय हमेशा प्रयोग में लाए जाने चाहिए। इन जगहों पर केवल और केवल अतिरिक्त खर्च को रोकने के लिए यहां का प्रबंधन इन उपायों को करना उचित नहीं समझता है। नगर के बस स्टॉप पर खुले एसबीआई की शाखा में प्रबंधकों ने एटीएम में सेनिटाइजर की व्यवस्था को भी हवा में उड़ा दिया है और शाखा के अंदर भी खाताधारक और कर्मचारी दोनो ही मास्क,सोशल डिस्टेंसिंग आदि को भूल चुके हैं। सेनिटाइजर की व्यवस्था भी शाखा के अंदर कहीं दिखाई नहीं देती। कुल मिलाकर बैंक अपने ग्राहकों की कोरोना महामारी से सुरक्षा को लेकर किसी तरह के उपाय नहीं कर रहे हैं।