चंदौली। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत जिले में प्री-ट्रांसमिशन असेस्मेंट सर्वे (टास) यानि पूर्व संचरण मूल्यांकन सर्वेक्षण 24 नवंबर से शुरू होकर 12 दिसम्बर तक चलेगा। यह सर्वेक्षण अभियान 5 विकास खंड समेत डीडीयू नगर में चलाया जा रहा है। सर्वेक्षण के लिए दो सदस्यीय गठित टीम दिन में किट के जरिये जांच कर रही है। यह जानकारी जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) पीके शुक्ला ने दी।
डीएमओ ने बताया कि हर दिन किट के जरिये एक सेंटर पर 50 लोगों का सैंपल लिया जा रहा है। इसकी जानकारी आशा कार्यकर्ता पहले ही ग्रामीणों को दे देती हैं। इससे टीम को काफी सहयोग मिल रहा है। इस सर्वेक्षण में 20 वर्ष या इससे ऊपर वाले व्यक्ति का ही सैंपल लिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत 7 से 18 अक्टूबर तक दिन ब्लड सर्वे चलाया गया था। इसके अंतर्गत समस्त ब्लाकों से नौगढ, नियामताबाद, शहाबगंज एवं धानापुर गांव चयनित कर 6000 ब्लड सैंपल लिए गए। इसमें 84 मरीज पॉज़िटिव पाये गए थे। इसके अतिरिक्त 5 ब्लॉक एवं अर्बन क्षेत्र व डीडीयू नगर में कोई भी पॉज़िटिव नहीं पाया गया। शासन के दिशा-निर्देश पर यह सर्वेक्षण 12 दिसंबर तक चलाया जा रहा है जो पांच ब्लॉक और डीडीयू नगर में संचालित हो रहा है। अभियान के तहत फाइलेरिया मरीजों की जांच में जो व्यक्ति पॉज़िटिव पाए जाएंगे। उनका रात्रि कालीन परीक्षण भी किया जाएगा। आशा कार्यकर्ता के सहयोग से लैब टेक्नीशियन रक्त जांच कर रहे हैं।सहायक जिला मलेरिया अधिकारी राजीव सिंह ने बताया कि फाइलेरिया के मरीजों को चिन्हित करने के लिए दिन परीक्षण किया जा रहा है द्य नमूना लेने के बाद इनकी रक्त पट्टिका बनाई जाती है। परीक्षण में पॉज़िटिव पाये जाने पर उन मरीजों की रात में खून के नमूने की जांच कर संक्रमण की स्थिति का पता किया जाएगा। जिले में 6000 ब्लड स्लाइड तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश फाइलेरिया के मरीजों को पता लगाने के साथ ही बीमारी को खत्म करने का विभाग हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
⇒लक्षण – एडीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया मच्छरों के काटने के बाद व्यक्ति को बहुत सामान्य लक्षण दिखते हैं, लेकिन हाथ पैर में खुजली होना एलर्जी त्वचा की समस्या हाथों में सूजन पैरों में सूजन होने के कारण पैरों का मोटा होना पुरुषों के अंडकोष व महिलाओं के स्तन में सूजन आना फाइलेरिया के मुख्य लक्षण होते है।
⇒बचाव – मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी कूड़ा व गंदगी जमा ना होने दें। घरों के अंदर कूलर गमलों अथवा अन्य चीजों में पानी को ना जमा होने दें। सोते समय पूरी बांह के कपड़े पहने और मच्छरदानी का प्रयोग करें। अगर फाइलेरिया के लक्षण नजर आए तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जायें। निरूशुल्क जांच एवं उपचार तत्काल शुरू करें। फाइलेरिया गंभीर रोग न ले इसके लिए रोगियों को नियमित दवा खिलाई जाती है। इसके अतिरिक्त मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम के तहत साल में एक बार अभियान चलाकर लक्षित समस्त आबादी को निःशुल्क दवा खिलाई जाती है ।