Tuesday, November 26, 2024
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हमलावरों ने धीमी कर दी सांसों की रफ़्तार, दो दिन बाद भी आरोपी नहीं गिरफ्तार

जन सामना ब्यूरोः उन्नाव। जहां एक ओर राजनैतिक द्वेष भावना के चलते मौजूदा सरकार में पुलिस विभाग किसी अन्य पार्टी के नेताओं पर एक भी मामूली मुकदमा लिखने पर तीव्र गति की कार्यवाहियों से अवगत कराता है। वहीं दूसरी ओर इसी पुलिस विभाग का रवैया आम जनमानस के लिए बेहद शर्मनाक साबित होता है। उदाहरण के तौर पर जहां हम समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी के प्रकरण में प्रतिदिन इंसाफ परस्त पुलिस की एक-एक गतिविधि कड़ी कार्यवाही के रूप में देखते हैं और वहीं कानपुर देहात में बलवंत सिंह नाम के एक युवक को लूट के प्रकरण में पूछताछ के लिए ले गई पुलिस उसे मृत अवस्था में पहुंचा देती है।
यहां तक तो बात थी उत्तर प्रदेश पुलिस के दोहरे चरित्र की बीते 2 दिन पूर्व जिला उन्नाव के गंगाघाट इलाके में कुछ आपराधिक तत्वों ने सुबह 8 बजे आपसी मतभेदों के चलते एक युवक पर लाठी-डंडों से हमला बोल दिया और उसे जिंदगी और मौत के द्वार पर ले जाकर खड़ा कर दिया। शुक्लागंज के ग्राम शंकरपुर के रहने वाले हीरालाल के ऊपर पुरानी रंजिश के चलते भूरे नाम के युवक ने अचानक हमला बोल दिया और बुरी तरह से घायल कर दिया जिससे हीरालाल की हालत आज 2 दिन बाद भी स्थिर है और वह एक अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती हैं।
पारिवारिक जनों के मुताबिक कोतवाली गंगा घाट में परिवार के लोगों ने प्रार्थना तत्काल दे दिया था पर आज 2 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक पुलिस की एक भी कार्यवाही देखने को नहीं मिली है बेबस परिवार जहां एक ओर अपने पारिवारिक सदस्य की सांसो को घटता हुआ देख रहा है वहीं दूसरी ओर हमलावरों को निश्चिंत घूमता देखते हुए अन्य पारिवारिक सदस्यों के जीवन की रक्षा के लिए चिंतित है।पीड़ित की बहन गुड्डी के मुताबिक जब पीड़ित अपने छोटे भाई को छोड़ने घर आया था तभी क्षेत्र में वर्चस्ववादी व्यक्तित्व रखने वाले भूरे नाम के युवक ने उस पर लोहे की रॉड से पीछे से हमला बोल दिया और उसके बाद छोटे भाई को मारने का प्रयास किया जिसको बचाने में हमलावरों की सारी चोटें बड़े भाई हीरालाल के ऊपर पड़ीं जिस वजह से वह गंभीर रूप से घायल हो गया जिसे इलाकाई लोगों के माध्यम से क्षेत्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां चिकित्सकों ने उसकी हालत स्थिर बताते हुए उसे आईसीयू वार्ड में रखा है। 2 दिन बीत जाने के बाद भी उसकी हालत में कोई सुधार नहीं आया है वहीं इस पूरे प्रकरण पर कोतवाली गंगाघाट की ओर से चुप्पी साध कर रखी गई है और आरोपी पर किसी भी प्रभावी कार्यवाही को अंजाम नहीं दिया गया है।