गायों के हमले से चचा भतीजा गंभीर
मौदहा हमीरपुर। प्रदेश सरकार द्वारा गांव गांव गौशाला बनवाने के साथ ही जहां अन्ना पशुओं की समस्या काफी हद तक समाप्त हो गई है और किसानों ने राहत की सांस ली है तो वहीं जंगली गाय लगभग आधा दर्जन गावों की हजारों बीधा फसल खराब कर रही हैं जिसके चलते इस भीषण सर्दी में किसानों को दिनरात खेतों में गुजारना पड़ रहा है लेकिन फिर भी मौका पाकर गाय किसानों की फसल खराब कर देती हैं। इतना ही नहीं जंगली गाय हिंसक रूप धारण कर लोगों पर हमला करने से भी नहीं चूकती हैं। ऐसे ही हमले में खेत जा रहे चचा भतीजे पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया जिनका कानपुर में इलाज चल रहा है।हालांकि इस सम्बंध में ग्रामीणों ने जिलाधिकारी और विधायक से मिलकर अपनी समस्या का दुखडा रोया है लेकिन फिर भी समस्या का समाधान नहीं हुआ है।कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सिजवाही, फत्तेपुरवा, खण्डेह, घटकना,गुरदहा सहित लगभग आधा दर्जन से अधिक गावों के बीच खेतों में अन्ना पशुओं (जंगली गायों) का साम्राज्य स्थापित है जो इन गांवों के बीच खेतों में बेखौफ होकर विचरण करती हैं और लगभग आधा दर्जन गांवों के सैकड़ों किसानों की हजारों बीधा फसल को बर्बाद कर रही हैं।इतना ही नहीं उक्त गाय जंगल में रहकर इतनी हिंसक हो गई हैं कि लोगों पर हमला कर उन्हें गंभीर कर रही हैं।सिजवही निवासी ब्रजेंद्र सिंह पुत्र हरदयाल सिंह और श्रवण सिंह पुत्र रामशरण सिंह जो रिश्ते में चचा भतीजा हैं खेत जा रहे थे तभी जंगली गायों ने हमला कर दोनों को बुरी तरह से गंभीर कर दिया जिससे ब्रजेंद्र सिंह का पैर और श्रवण सिंह का हाथ टूट गया दोनों घायलों को इलाज के लिए कस्बे के सरकारी अस्पताल लाया गया जहां से दोनों को कानपुर के लिए रेफर कर दिया गया था जहां पर दोनों घायलों का इलाज चल रहा है।
सिजवाही निवासी निरपत सिंह ने बताया कि अन्ना पशु जिनमें गाय बैल दोनों हैं हजारों की संख्या में इस क्षेत्र में मौजूद हैं और हिंसक भी हो गए हैं जिनके चलते लोगों को मार रहे हैं और हमारी फसलों को चौपट कर रहे हैं।इस सम्बंध में जिलाधिकारी और सदर विधायक को भी अवगत कराया गया है लेकिन यह समस्या करीब पांच साल से बनी हुई है।
सिजवाही के किसान रज्जन सिंह ने बताया कि गायों का चार पांच सौ के अलग अलग झुंड हैं जो हमारे खेतों को पूरी तरह से बर्बाद कर चुके हैं और जिन किसानों की फसलें बची हुई हैं वह अपने खेतों में तारबाडी कर रहे हैं और ऐसी भीषण सर्दी में सारी रात खेतों में गुजार रहे हैं।लेकिन फिर भी जंगली गाय फसलों को चौपट कर देती हैं हालांकि हमारे द्वारा दो बार जिलाधिकारी और सदर विधायक से अपनी समस्या बता चुके हैं लेकिन हमारी समस्या लगभग पांच साल से बनी हुई है।
बताते चलें कि सरकार ने सभी ग्राम पंचायतों में गौशालाएं खोली गई है जिसके चलते अन्ना पशुओं की समस्या काफी हद तक समाप्त हो गई है लेकिन जंगली और हिंसक गाय इस आधा दर्जन गांवों की पट्टी में कहर बरपा रही हैं और हजारों बीधा की फसल चौपट कर रही हैं और मौका मिलते ही किसानों पर हमला करने से भी नहीं चूकती हैं।