मथुराः श्याम बिहारी भार्गव। जरूरतमंद बृजवासियों की सेवा करना हमारे अनेक जन्मों का फल है। धन का सद्उपयोग जो लोग दुःखी जनों की सेवा में करते हैं वे धन्य हैं, धर्म में धन के उपयोग से धन कम नहीं होता अपितु ईश्वर किसी न किसी माध्यम में उसे दे देता है। इसलिए हमें दीन दुःखी जनों की सेवा करते रहना चाहिए। यह विचार अपनी धर्मपत्नी स्व0 श्रीमती चन्द्रकान्ता शर्मा जी की पुण्य स्मृति के अवसर पर कल्याणं करोति, मथुरा द्वारा आयोजित निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर के समापन समारोह के अवसर पर सुरेश चन्द्र शर्मा ने श्रीजी बाबा चिकित्सा संस्थान, गोवर्धन रोड, मथुरा के प्रागंण में व्यक्त किये। मूलचन्द्र गर्ग पार्षद मथुरा-वृन्दावन नगर निगम ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नेत्र रोगियों की सेवा का कार्य सबसे पुण्य कार्य है क्योंकि नेत्र ज्योति प्रदान करने से बड़ा कोई कार्य हो ही नहीं सकता है। नेत्रों के बिना संसार अन्धकारमय हो जाता है। इसका मूल्य तो वही समझ सकता है जिसके समक्ष कठिनाई आई हो।
संस्था महासचिव सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि स्व0 श्रीमती चन्द्रकान्ता शर्मा जी की पुण्य स्मृति के अवसर पर कल्याणं करोति द्वारा निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर में आये 253 नेत्र रोगियों ने पंजीकरण कराकर परीक्षण कराया जिसमें से 101 नेत्र रोगियों के नेत्र ऑपरेशन कर नेत्र रोगियों हेतु पलंग, बिस्तर, दवा, चश्मा, भोजन की व्यवस्था पूर्णतः निःशुल्क रूप से की गई।
इस अवसर पर डॉ0 प्रतिभा बंसल, सात्विक उपाध्याय, डॉ0 बृजेश कुमार शर्मा, हितेश भाटिया, राम सनेही आदि उपस्थित थे।