Sunday, September 22, 2024
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राष्ट्र और समाज के उत्थान के लिए संस्कार की भी आवश्यकता-रमाकांत उपाध्याय

फिरोजाबादः जन सामना संवाददाता। बालक-बालिकाओं में संस्कार का रोपण बाल्यकाल से ही प्राप्त होता है, ऐसा हमारे इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित अनगिनत गाथाओं से हमें प्रेरणा मिलती है। बालक के विकास के साथ-साथ संस्कारों का सतत विकास एवं शारीरिक व मानसिक विकास भी उसके जीवन को महान बनाने के लिए आवश्यक है। यह उद्गार प्रांत गौ-सेवा प्रमुख रमाकांत उपाध्याय ने साहसिक खेल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने बताया कि वीर बाल दिवस अंतिम सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह के चार पुत्रों, साहिबजादों के सम्मान में मनाया जाता है। यह तारीख सबसे छोटे साहिबजादे के बलिदान को चिह्नित करने के लिए चुनी गई थी। हालाँकि गुरु गोविंद सिंह के चारो पुत्र धर्म की रक्षा हेतु शहीद हो गए। 26 दिसंबर को छह और नौ साल की उम्र में साहिबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह को जिंदा दीवाल में चिनवा दिया गया। परंतु यह बालक अपने धर्म से नहीं डिगे। ऐसे संस्कार, मानसिक बल और शारीरिक बल उन्हें अपने पिता से प्राप्त हुआ। वास्तविकता में वही संस्कृति और सभ्यता जीवित रहती है जो अपने धर्म, कर्म, कर्तव्य के प्रति जागरूक है, अन्यथा की स्थिति में तमाम संस्कृति इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह गई हैं। विदित हो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चन्द्रनगर महानगर शिशु एवं बाल कार्य विभाग द्वारा बाल विकास हेतु वीर बाल दिवस की पूर्व संध्या पर साहसिक खेलों का आयोजन नगर के अटल पार्क में किया गया।

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भाजपाईयो ने सुशासन दिवस के रूप में मनाई स्व. अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती

फिरोजाबादः जन सामना संवाददाता। भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म जयंती भारतीय जनता पार्टी महानगर द्वारा सुशासन दिवस के रूप में मनाई। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों एवं भाजपा कार्यकर्ताओं ने अटल जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके बताएं गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
भाजपा महानगर अध्यक्ष राकेश शंखवार के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने अटल पार्क स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर नगर विधायक मनीष असीजा व महानगर अध्यक्ष राकेश शंखवार ने कहा कि अटल जी ने सिद्धांत व विचारधारा के स्तंभों पर आधारित राजनीतिक युग का आरंभ करने के साथ गरीब कल्याण और सुशासन की समावेशी आधार शिला रखी। राष्ट्र को समर्पित उनका जीवन सदैव हमारा कर्तव्य पथ प्रशस्त करता रहेगा।

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असंगठित क्षेत्र के नवप्रवर्तकों ने विज्ञान प्रदर्शनी में मनवाया अपनी प्रतिभा का लोहा

फिरोजाबादः जन सामना संवाददाता। किड्स कॉर्नर इंटर कॉलेज में असंगठित क्षेत्र के नवप्रवर्तकों की जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन प्रशासक डॉ मयंक भटनागर एवं जिला समन्वयक अश्वनी कुमार जैन के संयोजन में किया गया।
कार्यक्रम का अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। वहीं आगरा मंडल के क्षेत्रीय वैज्ञानिक डॉ देवेन्द्र शाह ने सभी नवप्रवर्तकों के नवाचारों के अवलोकन किया एवं उनके नवाचारों की सराहना करते हुए अधिक से अधिक नवाचार को अग्रसर करने के लिए प्रेरित किया। बीएसए आशीष पाण्डेय ने सभी को नवाचार के मॉडलों की प्रशंसा करते हुए ऐसे अच्छे स्टार्टअप के नवाचारों को विभिन्न प्रशासनिक कार्यों में अग्रसर करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने नवाचारों को नवीन दिशा प्रदान करने के लिए जिला विज्ञान क्लब, फिरोजाबाद के कार्यों की प्रशंसा करते हुए सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं प्रदान करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। अश्वनी कुमार जैन ने बताया कि इस विज्ञान प्रदर्शनी में जनपद के असंगठित क्षेत्र के नवप्रवर्तकों के साथ विद्यालय के कुल 276 छात्र-छात्राओं ने 84 मॉडल प्रस्तुत किए। जिसमें अचार, मसाले, एक्यूप्रेशर मशीन, हल्दी की खेती, निकाह की पोशाक, फैशन डिजाइनिंग, फलों की खेती, जैविक सब्जियों, काँच के आयटम, लैंप, स्केच, दुल्हन मेकअप, वर्मी कम्पोस्ट, चूड़ियों पर कारीगरी, कपड़ों पर कढ़ाई आदि नवाचार प्रस्तुत किए। निर्णायक मंडल की भूमिका का निर्वहन डॉ तेज प्रकाश, डॉ ओंकार सिंह यादव और रत्नेश कुलश्रेष्ठ ने किया। प्रदर्शनी में प्रथम स्थान आराधना, द्वितीय स्थान उमा, तृतीय स्थान राकेश कुमार एवं पाँच सान्त्वना पुरस्कार क्रमशः देवीदयाल, पूनम पौनिया, रघुवीर सिंह, प्रमोद कुमार, सदफ एवं सानिया ने प्राप्त किया। उन्हें प्रमाण पत्र के साथ जिला विज्ञान क्लब, फिरोजाबाद द्वारा क्रमशः 8000, 5000, 3000, 2000-200 रुपये आरटीजीएस के माध्यम से प्रदान किये जाएंगे। इसी के साथ सभी प्रतिभागियों को जिला विज्ञान क्लब, फिरोजाबाद की ओर से प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किए गए।

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प्रसव के बाद डाक्टरों ने बच्चे को किया मृत घोषित, 4 घंटे बाद लौटी सांसें

फिरोजाबादः जन सामना संवाददाता। सुहागनगरी के प्राइवेट अस्पताल में एक गर्भवती महिला ने बेटे को जन्म दिया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पिता मृत बच्चे के शरीर को लेकर अस्पताल के बाहर रोता बिलखता रहा। चार घंटे बाद पिता को पता चला कि बच्चे की सांसें चल रही हैं। जब इसकी जानकारी सीएमओ को हुई तो बच्चे को सरकारी अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती कराया है। जहां उसका इलाज किया जा रहा है।
थाना नारखी क्षेत्र के गांव मुईनुद्दीनपुर निवासी ज्ञान सिंह अपनी पत्नी विनीता को प्रसव पीड़ा होने पर शनिवार रात दो बजे फिरोजाबाद के सैलई मंडी चौराहा स्थित न्यू लाइफ हॉस्पीटल में लेकर पहुंचा। जहां उसने पत्नी को भर्ती करा दिया। रविवार रात महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चे के जन्म होने के बाद अस्पताल के डाक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। मृत बच्चे के शव को लेकर परिजन अस्पताल गेट पर ही विलाप करने लगे। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।

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कांग्रेसियो ने पं. मदन मोहन मालवीय की जयंती पर किया नमन

शिकोहाबाद: जन सामना संवाददाता। नगर के कांग्रेस कमेटी के कार्यालय पर पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष संदीप तिवारी ने कहा कि पं. मदन मोहन मालवीय काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रणेता तो थे ही, इस युग के आदर्श पुरुष भी थे। वे भारत के पहले और अन्तिम व्यक्ति थे जिन्हें महामना की सम्मान जनक उपाधि से विभूषित किया गया। पत्रकारिता, वकालत, समाज सुधार, मातृ भाषा तथा भारत माता की सेवा में अपना जीवन अर्पण करने वाले इस महामानव ने जिस विश्वविद्यालय की स्थापना की उसमें उनकी परिकल्पना ऐसे विद्यार्थियों को शिक्षित करके देश सेवा के लिये तैयार करने की थी, जो देश का मस्तक गौरव से ऊँचा कर सकें। मालवीय जी सत्य, ब्रह्मचर्य, व्यायाम, देशभक्ति तथा आत्मत्याग में अद्वितीय थे। इन समस्त आचरणों पर वे केवल उपदेश ही नहीं दिया करते थे अपितु स्वयं उनका पालन भी किया करते थे। वे अपने व्यवहार में सदैव मृदुभाषी रहे।

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ये जीवन एक तमाशा है कभी तोला है कभी माशा है…

सासनी, हाथरस। बुजुर्गों एवं कवियों की सामाजिक व साहित्यिक संस्था साहित्यानंद के बैनर तले
बसंत विहार कॉलोनी में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री व कवि हृदय अटल बिहारी वाजपेई की जन्म जयंती के अवसर पर वीरपाल सिंह वीर के आवास पर कवि चौपाल का साहित्यानंद के अध्यक्ष पंडित रामनिवास उपाध्याय की अध्यक्षता एवं महेंद्र पाल सिंह के कुशल संचालन में आयोजन किया गया। जिसमें हर रस से भरपूर कविताओं का काव्य प्रेमियों ने देर शाम तक रसास्वादन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे
कवि रामनिवास उपाध्याय द्वारा अटल जी के छवि चित्र पर माल्यार्पण करने व मां सरस्वती की छवि चित्र के समक्ष दीप प्रज्वल करने के साथ ही हाथरस से पधारे कवि रोशन लाल वर्मा की मां सरस्वती वंदना से कविताओं का दौर प्रारंभ हुआ।
तत्पश्चात उन्होंने सुनाया–बिरह वेदना की कर्कश रज चुभ-चुभ कर मेरे तन में भरती है अनुराग अलौकिक वो मेरे अंतर्मन में।
इसके बाद संचालक ने आमंत्रित किया कवि अशोक मिश्रा को उन्होंने सुनाया–पत्नी मांगे बेटी बेटा बहना मांगे वीर बाजपेई से मांगे आतिया मैहर में कश्मीर।
तदुपरांत हास्य कवि वीरपाल सिंह वीर ने सुनाया–दैया दैया दैया रे ससुराल में रहे जमैया रे पा ड़ पड़ोसी इधर-उधर के कहें बहिन के ट‌ईया रे।

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मथुरा के गोवर्धन में शुरू हुई हैलीकॉप्टर सेवा

मथुरा: श्याम बिहारी भार्गव। मथुरा के गोवर्धन में आज भारत की पहली हैलीकॉप्टर धार्मिक यात्रा का शुभारंभ उत्तर प्रदेश के माननीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह द्वारा किया गया। हेलीपोर्ट / हैलीकॉप्टर की सेवा का कार्य उत्तर प्रदेश बृज तीर्थ विकास परिषद द्वारा किया गया है।
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि आज गोवर्धन में 8 सीटर हेलीकॉप्टर सेवा की शुरुआत हुई है। ये हैलीकॉप्टर गोवर्धन-मथुरा-वृंदावन-आगरा के बीच चलेगा और फिर भगवान श्रीकृष्ण के इस पवित्र स्थल को चित्रकूट, अयोध्या, काशी और चार धाम की यात्रा से जोड़ा जाएगा।
आज बटेश्वर से माननीय पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की जयंती पर हवाई यात्रा का शुभारंभ माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा किया गया है। केंद्र एवं प्रदेश की सरकार द्वारा गोवर्धन को हेलीकॉप्टर यात्रा से जोड़ा गया है। गोवर्धन हेलीपोर्ट से अब श्रद्धालु/भक्त हैलीकॉप्टर से गिर्राज जी की परिक्रमा कर सकेंगे। इसको और विस्तार देने की योजना है, उत्तरांचल से लेकर पश्चिमांचल तक हेलीकॉप्टर यात्रा शुरू की जाएगी।

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मोटा अनाज खाओ सेहत बनाओ

सांवा, मकरा, मकई , बाजरा, कोदो,
कुटकी, जौ, मक्का, चीना, ज्वार लो।
इनको खाकर स्वास्थ्य संवार लो,
मोटे अनाज की उपज अपना लो।
सारे व्यंजन तुम इससे बना लो,
चाहे इडली डोसा और अप्पम हो।
रोटी कचौड़ी दलिया और खिचड़ी हो,
यह बहुत ही रुचकर लगता सबको।
मालपुआ लड्डू बर्फी खीर शकरपारा,
बेहिसाब भाता है बूढ़े बच्चों को सारा।

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विधान परिषद सदस्य हंसराज विश्वकर्मा के आगमन पर आयोजित किया सम्मान समारोह

प्रयागराज। शहर के जिला पंचायत सभागार में सम्मान समारोह आयोजित हुआ, जिसमें प्रयागराज के अलावा अन्य जिलों से भी काफी लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश विधान मण्डल में विश्वकर्मा समाज के एकमात्र विधान परिषद सदस्य व वाराणसी जिले के तीसरी बार मनोनीत जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा का विश्वकर्मा समाज प्रयागराज द्वारा अभूतपूर्व स्वागत किया गया। सभागार में उपस्थित विश्वकर्मा समाज के लोगों ने अपने नेता हंसराज विश्वकर्मा को बुकें व माल्यार्पण कर स्वागत किया। आयोजकगणों की तरफ से 51 किलो की माला व चांदी का मुकुट पहनाकर सम्मानित किया। स्वागत से अभिभूत मुख्य अतिथि एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा ने आयोजकों का आभार प्रकट करने के साथ ही विश्वकर्मा समाज को संगठित रहने व राजनीति में सक्रिय भागीदारी निभाने का आवाहन किया। अपने सम्बोधन में कहा कि जब तक विश्वकर्मा समाज सक्रिय राजनीति में नहीं आएगा विकास की गति धीमी रहेगी।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक डॉ० सुनील कुमार विश्वकर्मा ग्लोबल कमला हॉस्पिटल नैनी डॉ बिन्दू विश्वकर्मा विनीता हास्पिटल फाफामऊ एवं सह संयोजक अरविन्द विश्वकर्मा जिला पंचायत सदस्य तथा कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आरएन विश्वकर्मा, अशोक कुमार विश्वकर्मा, डॉ विनीता विश्वकर्मा, डॉ कीर्ति विश्वकर्मा, डॉ राजेश विश्वकर्मा, डॉक्टर संतोष विश्वकर्मा, डॉ अजय विश्वकर्मा ने अपने विचार प्रस्तुत किये।

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महान राष्ट्रवादी, प्रखर वक्त़ा अटल बिहारी बाजपेयी

पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर विशेष…..
अटल बिहारी वाजपेयी राजनीतिक सिद्धांतों का पालन करने वाले नेता रहे। राजनीति में शुचिता के सवाल पर एक बार उन्होंने कहा था। मैं 40 साल से इस सदन का सदस्य हूं, सदस्यों ने मेरा व्यवहार देखा, मेरा आचरण देखा, लेकिन पार्टी तोड़कर सत्ता के लिए नया गठबंधन करके अगर सत्ता हाथ में आती है तो मैं ऐसी सत्ता को चिमटे से भी छुना पसंद नहीं करूंगा।
अटल जी के दिल में एक राजनेता से कहीं ज्यादा एक कवि का दिल बसता था। उनकी कविताओं का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोलता रहा है। हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूगा, काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूं, गीत नया गाता हूं…. उनकी कविताओं में से एक है। संसद से लेकर जनसभाओं तक में वह अक्सर कविता पाठ के मूड में आ जाते थे।
अटल बिहारी वाजपेयी ने हिंदी को विश्व स्तर पर मान दिलाने के लिए काफी प्रयास किये। वह 1977 में जनता सरकार में विदेश मंत्री थे। संयुक्त राष्ट्र संघ में उनके द्वारा दिया गया हिंदी में भाषण उस समय काफी लोकप्रिय हुआ था। उनके द्वारा हिंदी के चुने हुए शब्दों का ही असर था कि युएन के प्रतिनिधियों ने खड़े होकर वाजपेयी के लिए तालियां बजाई थी। इसके बाद कई बार अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अटल ने हिंदी में दुनिया को संबोधित किया। उन्हें शब्दों का जादूगर माना गया, विरोधी भी उनकी वाकपटुता और तर्कों के कायल रहे। 1994 में केंद्र की कांग्रेस सरकार ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में भारत का पक्ष रखने वाले प्रतिनिधि मंडल की नुमाइंदगी अटल जी को सौंपी थी। किसी सरकार का विपक्षी नेता पर इस हद तक भरोसे को पूरी दुनिया में आश्चर्य से देखा गया था। अपने- पराए का भेद किए बिना सच कहने का साहस उनमें था।

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