Thursday, November 28, 2024
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जनपदीय जनमंच ने किला क्षेत्र से अतिक्रमणों को हटाने की मांग की

हाथरस: जन सामना संवाददाता। जनपदीय जनमंच सामाजिक सार्वभौमिक जनहितकारी संस्थाओं का एक संयुक्त मंच है। जिसके द्वारा हाथरस के प्राचीनतम ऐतिहासिक पुरातात्विक धार्मिक सांस्कृतिक धरोहर ब्रज के लक्खी मेला स्थल स्थित श्री दाऊजी महाराज मंदिर प्रांगण परिसर की भूमि पर अवैध अतिक्रमण, अनवरत नवनिर्माण एवं जन उपयोगी जल आपूर्ति व्यवस्था व विद्युत कनेक्शन होना खुलेआम कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है।
पूर्व के शिकायती प्रार्थना पत्रों, सीएम पोर्टल व हेल्पलाइन पर करने के बावजूद अतिक्रमण मुक्त न होने,लीपापोती के कारण एवं ढुलमुल रवैए व अनदेखी होने के कारण जनपदीय जनमंच के प्रतिनिधिमंडल द्वारा राजनीतिक जनप्रतिनिधियों को अवगत कराने के साथ-साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच अपर जिलाधिकारी डॉ. बसंत अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि राष्ट्रीय महत्व की सूचीबद्ध पुरातत्वीय धरोहर मंदिर श्री दाऊजी महाराज किला राजा दयाराम सार्वजनिक भूमि को तत्काल प्रभाव से अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।

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धारा 144 का उल्लंघन करने वालों पर होगी सख्त कार्यवाही

फिरोजाबाद: जन सामना संवाददाता। जिला मजिस्ट्रेट डॉ उज्ज्वल कुमार ने जनपद की शांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने हेतु जनपद में तत्काल प्रभाव से धारा 144 लागू कर दी। जो कि पांच अप्रैल तक लागू रहेगी।
उन्होंने बताया कि 14 फरवरी को बसंत पंचमी, 24 फरवरी को संत रविदास जयंती, 26 फरवरी को शब-ऐ-बरात, आठ मार्च को महाशिवरात्रि, 24 मार्च को होलिका दहन, 25 मार्च को होली, 29 मार्च को गुड फ्राइडे, 30 मार्च को ईस्टर सेंटर-डे, एक अप्रैल को ईस्ट मंडे, पांच अप्रैल को जुमा-उल-विदा (अलविदा) की नमाज आदि पर्व मनाएं जाएंगे। साथ ही हाईस्कूल, इण्टरमीडिमेट की बोर्ड परीक्षायें एवं आगामी लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 तथा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षायें आयोजित होंगी।

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इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों के लिए विदाई समारोह का आयोजन

महराजगंज, रायबरेली। न्यू स्टैंडर्ड ग्रुप ऑफ स्कूल्स की शाखा न्यू स्टैंडर्ड पब्लिक स्कूल, सलेथू , महराजगंज में इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों के लिए विदाई समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय संस्थापक प्रबंधक डॉ० शशिकांत शर्मा, प्रधानाचार्य एन.एस. पी.एस. त्रिपुला एस एल प्रजापति, प्रधानाचार्य सलेथू राजीव सिंह एवं उप -प्रधानाचार्या रजनी श्रीवास्तव के द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। सरस्वती मां की पूजा के पश्चात कक्षा-11 के छात्र- छात्राओं ने सभी गणमान्यों, शिक्षक – शिक्षिकाओं एवं कक्षा -12 के छात्र- छात्राओं को तिलक लगाकर उनका स्वागत किया।
इस अवसर पर कक्षा -11 के छात्र- छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

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चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न सम्मान मिलने पर कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न

बागपत। जनपद में बड़ौत नगर के दिल्ली-सहारनपुर हाइवे के निकट बजाज बाइक शोरूम पर क्षेत्र के लोगों ने एक दूसरे को गुड़ खिलाकर चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा पर खुशी मनाई। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि भारत सरकार की ओर से चौधरी चरण सिंह के कार्यों का सम्मान किया है। देश के करोड़ों किसानों की इच्छा पूरी की। काफी समय से उन्हें कम से कम बीस साल से भारत रत्न दिए जाने की मांग सरकारों से की जा रही थी। अब यह किसानों की इच्छा पूरी हुई है। वक्ताओं ने कहा कि चौधरी चरण सिंह वैसे तो देश के रत्न पहले से ही थे, लेकिन अब सरकारी रिकार्ड में उनका नाम आने से यह इतिहास में दर्ज हो गया है।

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सीएचसी परिसर में मिली गंदगी, केंद्र अधीक्षक ने लगाई फटकार!

महराजगंज, रायबरेली। सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र अधीक्षक डॉ. एस.पी. सिंह ने महराजगंज सीएचसी का निरीक्षण कर समस्त कर्मियो को सही से कार्य करने के निर्देश दिए और लापरवाही पर कठोर कार्यवाही करने चेतावनी दी। वहीं सफाईकर्मी को नाली के पास गंदगी दिखाते हुए दो दिन के अंदर सब कुछ चाकचौबंद करने के लिए निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को लेकर लापरवाही क्षम्य नही होगी।

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बागपत को अपना घर परिवार मानते थे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह

बागपत। किसान मसीहा व पूर्व प्रधानमंत्री स्व चौधरी चरण सिंह को जैसे ही भारत रत्न देने की घोषणा हुई तो बागपत के लोगों में अपार उत्साह देखने को मिला। लोगों ने एक दूसरे को गुड़ खिलाकर मुंह मीठा कराया।
दरअसल, बागपत के लोगों के लोगों की जुबान पर चौधरी चरण सिंह आज भी जिंदा है और वे उनके दिलों में बसते हैं। वह बागपत को अपना घर और यहां लोगों को अपना निजी परिवार मानते थे। उन्होंने किसानों के हित के लिए जिंदगी के आखिरी पड़ाव तक संघर्ष किया। सत्ता में रहते हुए भी उन्होंने किसानों के हित में अनेक बड़े फैसले भी लिए।
बागपत भले ही चौधरी चरण सिंह की जन्मभूमि नहीं रही हो लेकिन बागपत उनकी कर्मभूमि रही है। जीवन भर उनका का बागपत की धरती से जुड़ाव रहा। यहां की छपरौली सीट से पहली बार वे 1937 में विधायक बने और उसके बाद से लगातार यहां के लोगों ने उनको अपनी पलकों पर बैठाएं रखा। चौधरी चरण सिंह ने हमेशा किसानों के हितों के लिए फैसले लिए। उनके कारण ही प्रदेश में जमींदारी प्रथा का उन्मूलन हुआ और उन्होंने ही पटवारी पद नाम को समाप्त कर लेखपाल के पद का भी सृजन किया।
चौधरी चरण सिंह ने किसानों के लिए 1954 में उत्तर प्रदेश भूमि संरक्षण कानून को पारित किया। तीन अप्रैल 1967 को वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और एक साल बाद ही इस्तीफा दे दिया। इसके बाद हुए मध्यावधि चुनाव में उनको सफलता मिली और दोबारा से 17 फरवरी 1970 को वह प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद वह केंद्र में गृहमंत्री बने।
बताया गया कि 28 जुलाई 1979 को चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री भी बने और इसके बाद भी बागपत के लोगों से उनका जुड़ाव कम नहीं हुआ।

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ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग का दुरुपयोग रोकने की मांग की

चकिया, चन्दौली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के आह्वान पर देशव्यापी कार्यक्रम के तहत चकिया में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम सात सूत्रीय मांग पत्र तहसीलदार को सौपे।
पार्टी का कहना था कि केंद्र सरकार केरल सहित अन्य राज्यों को उनके करों और संसाधनों के तय हिस्से से वंचित करना बंद करें। केंद्र सरकार पर राज्य सरकारों के उधर लेने की सीमा तय करने पर रोक लगनी चाहिए। केंद्र सरकार राज्य सूची के विषय में हस्तक्षेप करने के लिए केंद्र प्रायोजित योजनाओं का उपयोग करना बंद करें। केंद्र सरकार विपक्ष द्वारा संचालित राज्य सरकारों के नेताओं को निशाना बनाने व परेशान करने के लिए ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग का दुरुपयोग करना बंद करें। राज्य सरकारों के मामले में हस्तक्षेप करने के लिए राज्यपालों को अपनी संवैधानिक स्थिति का दुरुपयोग करना बंद करना चाहिए।
राज्यपालों को कुलपति के पद का दुरुपयोग कर राज्य विश्वविद्यालय के संचालन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

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प्रकृति में रंग भरती मोहित बंसल की बोलती पेंटिंग

कला का एक टुकड़ा किसी की रचनात्मकता को व्यक्त करता है। वह उसकी भावनाओं और विचारों का भी खुलासा करता है। कला के ये टुकड़े कहानियां कहते हैं। कला की प्रसांगिकता बनी हुई है तो इसलिए भी कि यह अपनी भावनायें व्यक्त करने का और रचनात्मक तरीका है। यह तनाव मुक्त करने का एक खामोश जरिया भी है। पेंटिंग के अनेक विषय हो सकते हैं उनमें प्रकृति से जुडी कलायें दृऔर काम आपको सर्वाधिक खींचती हैं। दर्शकों की यही चाहत कलाकर को और बेहतर करने को प्रेरित करती है।
युवा कलाकार मोहित बंसल की प्रकृति से जुड़ी पेंटिग्स आपको सुकुन देती है। उनकी रोमांचित करने वाली हैं।वह आपको अपनी तरफ खींचती है। एक कलाकार की यह चाहत होती है। प्रकृति से ही जीवन मिलता है । मोहित कहते हैं- वायल दृतैल्य माध्यम से बनी मेरी पेंटिग्स में नदियां, समुद्र , पहाड़ और पेड़-पौधे और प्रकृति की छाया की प्रमुखता ।
पिछले दिनो राजधानी दिल्ली में द हार्ट आफ आर्ट द्वारा देश व्यापी सतर पर आयोजित तीन दिवसीय पेंटिंग्स -कला प्रर्दशनी में देश भर के जिन दो सौ से अधिक कलाकारों ने भाग लिया उनमें मोहित बंसल की पेंटिंग भी थी। हालांकि इनमें खासकर युवा और मध्य आयु के कलाकार थे। अनेक नवोदित कलाकारों ने भी पेंटिग्स के जरिए अपनी रचनात्मक काम को भी दर्शकों की भारी भीड़ के सामने पेश की थी। पेश से प्राध्योगिकी इंजीनियर मोहित की पेंटिंग प्रदर्शनी परिषर में आकर्षण और कौतुहल के केंद्र में था। दर्शको की जिज्ञांसा से वह बहुत प्रसन्न हैं।
प्रकृति, व्यापक अर्थ में, प्राकृतिक दुनिया, भौतिक ब्रह्मांड, भौतिक दुनिया या भौतिक ब्रह्मांड के बराबर है। ष्प्रकृतिष् का तात्पर्य भौतिक संसार की घटनाओं से है, और सामान्य रूप से जीवन से भी है। प्रकृति हमारे चारों ओर और हमारे भीतर गहराई में मौजूद है। हम प्रकृति से अविभाज्य हैं – हमारे शरीर, जीवन और दिमाग उस हवा पर निर्भर करते हैं जिसमें हम सांस लेते हैं। पृथ्वी हमारी जीवन शक्ति को कायम रखती है। पृथ्वी के बिना – प्रकृति के बिना – हम क्या होंगे? युवा कलाकार की यह टिप्पणी खासे माने इसलिए भी रखते हैं क्योंकि तपकी धरती , कोयला उत्सर्जन और वायुप्रर्दूषण विषयों पर दुनिया के देश विमर्श कर रहें हैं। मोहित इनमें एक एक प्तनिधि सरीखे हैं जो प्रृति की पीड़ा को अपने ब्रश से पेश कर रहे हैं।
मोहित कहतें हैं प्रकृति पर आधारित कलाकृति कई रूप ले सकती है और कई उद्देश्यों की पूर्ति कर सकती है। क्योंकि ‘प्रकृति’ एक ऐसा विशाल विषय है जिसमें बहुत सारी चीज़ें शामिल हैं। प्रकृतिष् का तात्पर्य भौतिक संसार की घटनाओं से है, और सामान्य रूप से जीवन से भी है।

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कहानियों का संग्रह ‘सफरनामा’ पुस्तक का विमोचन

रायबरेली: जन सामना संवाददाता। मैं अपने जीवन के सफर में बहुत से किरदारो से मिला जिंदगी के सफरनामा में कुछ तो मेरे साथ, कुछ दूर चले, कुछ ने बहुत जल्दी रास्ते बदल लिये और कुछ ने मुझे कसम खाने में मजबूर कर दिया। लेकिन सभी ने जिंदगी को संवारने का एक नया पाठ पढ़ाया। यह अंश जनपद के प्रसिद्ध लेखक श्रीधर सिंह के 14 कहानियों के संग्रह ‘सफरनामा’ में व्यक्त किये गये हैं। ‘सफरनामा’ कहानी संग्रह का विमोचन डिग्री कालेज चौराहे के निकट रोसरा ट्रेडर्स के प्रांगण में जनपद में रहे उपनिदेशक सूचना सेवानिवृत्ति प्रमोद कुमार द्वारा किया गया।
उन्होने बताया कि श्रीधर सिंह की इस कहानी संग्रह में जो कहानियाँ लिखी गयी है, वह मानवीय भावनाओं से जुड़ने के साथ-साथ मार्मिक आम जन से जुड़ी जीवन से है। कहानी नशा उतर गया, छांगुर सिंह, सफरनामा, खुशी, श्रीचसका जी आदि कहानियाँ जिंदगी से जुझने, लड़ने के साथ ही रचनात्मक, सकारात्मक कार्याे को जीवन में बढ़ाने के संदेश के साथ ही इंसान को विकास और समद्धि की ओर ले जाने का संदेश देती है। सफरनामा के लेखक श्रीधर सिंह ने अपने कहानी संग्रह की विस्तार से जानकारी दी।

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नगर की सड़कों पर चलने वाले निजी स्कूली वाहन कितने सुरक्षित ?

♦ बच्चों को स्कूल ले जाने वाले मानक विहीन अनफिट वाहनों पर कार्यवाही कब ?
कानपुर नगरः जावेद अजीज खान। स्कूली वैन की भीषण टक्कर एक लोडर से होने के परिणामस्वरूप जहां एक छात्र यश की दुःखद मृत्यु हो गई वहीं 9 छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। जिनका इलाज जारी है। स्कूली छात्रों ले जाने वाली ओमनी वैन के चालक हरी ओम कटियार को इलाज के लिए सीएचसी बिल्हौर ले जाया गया है।
पुलिस ने लोडर चालक ऋषि कटियार पुत्र सुधीर कटियार उम्र 24 वर्ष निवासी उलसान थाना सिकंदरा को हिरासत में ले लिया गया। दुर्घटना के कारण के बारे में जांच की जा रही है।
उत्तर प्रदेश की औद्यौगिक नगरी कानपुर नगर बड़ी आबादी वाला नगर माना जाता है। यहां पर कानपुर नगर के संभागीय परिवहन विभाग की नाक के नीचे सैकड़ों की संख्या में बिना फिटनेस मानकविहीन निजी वाहन सड़कों पर हर रोज दौड़ते देखे जा सकते हैं। वाहनों में स्कूल आने जाने वाले बच्चे हर रोज जोखिम भरी यात्रा करने पर विवश हैं। बच्चों के अभिभावक को भी इस विषय पर जागरूकता का परिचय देना होगा। ताकि इस प्रकार की हृदयविदारक दुर्घटना की पुनरावृत्ति न हो सके।
अभिभावकों को सोचना चाहिए कि वाहन स्वामी/वाहन चालक जहां एक ओर जहां उनसे कमाई तो कर रहा है लेकिन बदले में उनके बच्चों को ले जाने वाले वाहनों में अपेक्षित सुरक्षात्मक उपकरण मानक अनुसार उपलब्ध हैं भी या नहीं।

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