कला का एक टुकड़ा किसी की रचनात्मकता को व्यक्त करता है। वह उसकी भावनाओं और विचारों का भी खुलासा करता है। कला के ये टुकड़े कहानियां कहते हैं। कला की प्रसांगिकता बनी हुई है तो इसलिए भी कि यह अपनी भावनायें व्यक्त करने का और रचनात्मक तरीका है। यह तनाव मुक्त करने का एक खामोश जरिया भी है। पेंटिंग के अनेक विषय हो सकते हैं उनमें प्रकृति से जुडी कलायें दृऔर काम आपको सर्वाधिक खींचती हैं। दर्शकों की यही चाहत कलाकर को और बेहतर करने को प्रेरित करती है।
युवा कलाकार मोहित बंसल की प्रकृति से जुड़ी पेंटिग्स आपको सुकुन देती है। उनकी रोमांचित करने वाली हैं।वह आपको अपनी तरफ खींचती है। एक कलाकार की यह चाहत होती है। प्रकृति से ही जीवन मिलता है । मोहित कहते हैं- वायल दृतैल्य माध्यम से बनी मेरी पेंटिग्स में नदियां, समुद्र , पहाड़ और पेड़-पौधे और प्रकृति की छाया की प्रमुखता ।
पिछले दिनो राजधानी दिल्ली में द हार्ट आफ आर्ट द्वारा देश व्यापी सतर पर आयोजित तीन दिवसीय पेंटिंग्स -कला प्रर्दशनी में देश भर के जिन दो सौ से अधिक कलाकारों ने भाग लिया उनमें मोहित बंसल की पेंटिंग भी थी। हालांकि इनमें खासकर युवा और मध्य आयु के कलाकार थे। अनेक नवोदित कलाकारों ने भी पेंटिग्स के जरिए अपनी रचनात्मक काम को भी दर्शकों की भारी भीड़ के सामने पेश की थी। पेश से प्राध्योगिकी इंजीनियर मोहित की पेंटिंग प्रदर्शनी परिषर में आकर्षण और कौतुहल के केंद्र में था। दर्शको की जिज्ञांसा से वह बहुत प्रसन्न हैं।
प्रकृति, व्यापक अर्थ में, प्राकृतिक दुनिया, भौतिक ब्रह्मांड, भौतिक दुनिया या भौतिक ब्रह्मांड के बराबर है। ष्प्रकृतिष् का तात्पर्य भौतिक संसार की घटनाओं से है, और सामान्य रूप से जीवन से भी है। प्रकृति हमारे चारों ओर और हमारे भीतर गहराई में मौजूद है। हम प्रकृति से अविभाज्य हैं – हमारे शरीर, जीवन और दिमाग उस हवा पर निर्भर करते हैं जिसमें हम सांस लेते हैं। पृथ्वी हमारी जीवन शक्ति को कायम रखती है। पृथ्वी के बिना – प्रकृति के बिना – हम क्या होंगे? युवा कलाकार की यह टिप्पणी खासे माने इसलिए भी रखते हैं क्योंकि तपकी धरती , कोयला उत्सर्जन और वायुप्रर्दूषण विषयों पर दुनिया के देश विमर्श कर रहें हैं। मोहित इनमें एक एक प्तनिधि सरीखे हैं जो प्रृति की पीड़ा को अपने ब्रश से पेश कर रहे हैं।
मोहित कहतें हैं प्रकृति पर आधारित कलाकृति कई रूप ले सकती है और कई उद्देश्यों की पूर्ति कर सकती है। क्योंकि ‘प्रकृति’ एक ऐसा विशाल विषय है जिसमें बहुत सारी चीज़ें शामिल हैं। प्रकृतिष् का तात्पर्य भौतिक संसार की घटनाओं से है, और सामान्य रूप से जीवन से भी है।
कुछ पेंटिंग प्रतिनिधित्वात्मक होती हैं, जो लोगों या वस्तुओं को यथार्थ रूप से चित्रित करती हैं। अन्य अमूर्त हैं, जिनमें आकार और रंग शामिल हैं जिनका कोई वास्तविक दुनिया समकक्ष नहीं है।
चित्रकार के मुताबिक, हम सभी प्रकृति से कुछ न कुछ लेते हैं, लेकिन हमारे लिए यह संभव नहीं होता है कि हम प्रकृति को कुछ वापस कर सकें। यह एक बड़ी वजह है जो वह प्रकृति के सुंदर रूप को अपनी चित्रकारी में उतार पाती है।
चित्रकारी में वायल माध्यम के जरिए रंगों के जादुई इस्तेमाल को लेकर मोहित टिप्पणी करते हैं- चित्रकला प्रेमियों को उनकी यह आर्ट दुखद, मायूसी या उदासीन न लगे इसलिए, उन्होंने इस चित्र में उन कुछ रंगों का विशेष इस्तेमाल काय है जो वास्तव में चित्र को जीवित करता हुआ नज़र आता है।
मोहित बंसल कहते हैं “कला प्रत्येक टुकड़े में साझा करने के लिए एक अनुभव है। एक कलाकार जो पेंटिग के जरिए अपनी रचनात्मकता उकेरता है वह भले ही अपने बनाई पेंटिंग का मालिक न हो लेकिन वह दूसरों के घरों, गलियारों और दीवारों को रोशन करता हैं। पेंटिंग ड्राइँग रुम में बातचीत की एक बेहतरीन शुरुआत भी है।“ अपने बेटे की पेंटिग से अभिभूत उमा बंसल बताती हैं-“मोहित की पेंटिंग प्रत्येक अमूर्त के भीतर एक छोटा सी आकृति है जो आपको कलाकार के दिमाग की एक छोटी सी झलक देती है। उनका काम मेरे सभी मेहमानों के साथ बातचीत की शानदार शुरुआत करने वाला रहा है! यह जानकर कि वहां एक कलाकार और इंसान है जो मुझे खुशी और आशा से भर देता है।
इस कलाकार को काम करते देखना एक बहुत ही प्रेरणादायक अनुभव था। उनकी कला के प्रति उनका दिव्य दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता उन सभी से भिन्न है जिन्हें मैंने कभी जाना है। पहली नजर में मुझे लगा कि उनकी पेंटिंग्स कुछ अव्यवस्थित थीं। लेकिन जैसे-जैसे मैंने और करीब से देखा, कला वास्तव में कैनवास पर काफी उल्लेखनीय चीज़ के रूप में सामने आई। मुझे एक पेंटिंग में इतनी सारी परतें मिलीं कि मुझे एहसास हुआ कि मोहित की कला का एक टुकड़ा वास्तव में कई आयामों वाला था। वास्तव में उनकी कला को देखना एक खुशनुमा अनुभव था क्योंकि ऐसा लग रहा था कि पेंटिंग जीवंत हो उठी है। कला के एक टुकड़े के भीतर इतनी सारी सुंदर और लुभावनी छवियां होती हैं कि यह बार-बार खुद को कुछ नए और अनोखे रूप में उजागर करती रहती है।
इस युवा कलाकार का हाथ ईश्वर का उपकरण प्रतीत होता है, और वह दिव्य और अलौकिक छवियां बनाता रहता है जो आत्मा, हृदय और आंख से बात करती हैं। यह एक ऐसा कलाकार है जो बड़े पैमाने पर खोज और बड़ी सफलता का इंतजार कर रहा है!” कला का एक टुकड़ा किसी की रचनात्मकता को व्यक्त करता है और उसकी भावनाओं और विचारों को व्यक्त करता है। इस कारण से, जो लोग कला से प्यार करते हैं वे अपने घरों या कार्यालयों को उन टुकड़ों से सजाते हैं जो उन कहानियों को प्रतिबिंबित करते हैं जो उनके दिल में प्रिय हैं। -राजीव रंजन नाग।