लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। डाक विभाग इस समय मरीजों से लेकर हॉस्पिटल्स तक के लिए देवदूत की भूमिका में है। लॉक डाउन के चलते देशभर में ट्रांसपोर्ट के अधिकतर साधन बंद हैं और कूरियर कंपनियों ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में डाक विभाग आवश्यक सेवाओं की डोर टू डोर डिलीवरी में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।
लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि आपदा के इस दौर में दवायें और जीवन रक्षक उपकरण डाकघरों के माध्यम से बुक होकर देश भर में वितरित किये जा रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में पहली बार कोविड-19 की टेस्टिंग किट भी लखनऊ में डाकघर के माध्यम से वितरित हुई।
प्रधानमंत्री ने राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया
सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक व्यक्ति की जिंदगी को बचाना है: प्रधानमंत्री आज की चर्चा रचनात्मक एवं सकारात्मक राजनीति को दर्शाती है और भारत की सुदृढ़ लोकतांत्रिक नींव व सहकारी संघवाद की भावना की फिर से पुष्टि करती है: प्रधानमंत्री देश में स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी है; इसके मद्देनजर कठोर निर्णय लेना जरूरी हो गया है और हमें निश्चित तौर पर निरंतर सतर्क रहना चाहिए: प्रधानमंत्री राज्यों, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों ने वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाने का सुझाव दिया है: प्रधानमंत्री राजनीतिक दलों के नेताओं ने आवश्यक जानकारियां दीं, नीतिगत उपाय सुझाए, लॉकडाउन और आगे की राह पर विचार-विमर्श किया
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संसद में राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में पूरी दुनिया कोविड -19 की गंभीर चुनौती का सामना कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान स्थिति मानव जाति के इतिहास में एक युगांतकारी घटना है और हमें इसके प्रभावों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से सक्षम होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में केंद्र के साथ मिलकर काम करने वाली राज्य सरकारों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में एकजुट मोर्चा पेश करने के उद्देश्य से देश में राज्य-व्यवस्था के सभी वर्गों की एकजुटता के माध्यम से रचनात्मक और सकारात्मक राजनीति देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि चाहे सामाजिक दूरी बनाए रखना हो या जनता कर्फ्यू या लॉकडाउन के मानदंडों का पालन करना हो, इस तरह के प्रत्येक निर्णय में सभी नागरिक अपनेपन की भावना, अनुशासन, समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ अहम योगदान दे रहे हैं, जो निश्चित तौर पर प्रशंसनीय है।
महिला अधिवक्ता वर्तिका दवे ने मुख्यमंत्री जी को ई-मेल से ज्ञापन भेजा
कानपुर, स्वप्निल तिवारी। आर्थिक संकट से जूझ रहे अधिवक्ताओं की परेशानी को सरकार तक पहुंचाने के लिए महिला अधिवक्ता वर्तिका दवे ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ई-मेल से ज्ञापन भेजा है। इसमें उन्होंने कहा है कि कई अधिवक्ताओं के सामने इस समय आर्थिक संकट मंडरा रहा है ऐसे अधिवक्ताओं को 30-35 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से मानदेय दिया जाए। जल्द पैकेज की घोषणा ना होने पर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने की भी बात कही है। इसी कड़ी में वर्तिका दवे ने उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट राज्य मंत्री जय कुमार जैकी से भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए उनका सहारा लिया है एवं यह भी अवगत कराया है कि वर्तमान में फैली विश्वव्यापी महामारी व लॉक डाउन के कारण जनित जनसमस्याओं ने अधिवक्ता समाज को आर्थिक रूप से अत्यंत प्रभावित किया है कि अधिवक्ता परिवारों की जीविका संबंधी समस्त साधन एवं संभावनाएं वर्तमान में शून्य हो गई है जिससे प्रदेश के लगभग 5 लाख अधिवक्ता व उन पर आश्रित प्रदेश का एक बड़ा वर्ग लगभग 80 लाख लोग गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं वर्तिका दवे ने जय कुमार जैकी से यह अनुरोध किया है की वह मुख्यमंत्री आर्थिक राहत कोष से अनुदान दिए जाने पर विचार किया जाना सुनिश्चित किया जाए। जिससे हमारे अधिवक्ता समाज को प्रदेश सरकार की तरफ से सहायता मिल सके। इस पहल में मनोज सिंह (एडवोकेट), गुंजन लाल शर्मा(एडवोकेट), दिव्यांश मिश्रा आदि लोग शामिल है।
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पारिवारिक कलह के चलते महिला ने लगाई फांसी मौत
कानपुर, अर्पण कश्यप। बर्रा 1 के आर्दश नगर निवाासी महिला बलजीत कौर (55) ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली है। मृतका के पति की पहले ही मृत्यू हो चुकी थी परिवार में दो बेटे है। बड़ा बेटा तनवीर प्राईवेट कर्मचारी हैं व बहू पल्लवी माॅ के साथ में रहती थी। वही छोटा बेटा कुलवंत अपनी पत्नी अमरप्रीत के साथ गोविन्दनगर में रहता है।
आज सूबह घर के तीसरी मंजिल पर बहू पल्लवी कपड़े फैलाने गयी तो सांस का शव पंखे के कुंडे से लटकता देख चीख पड़ी शोर सुन कर पति सहित आस पड़ोस के लोग दौड़े व शव को नीचे उतारा पूछताछ में बड़े बेटे से झगडे के कारण मौत की वजह बताई जा रही है।
वही दुसरी ओर बिघनू थाना क्षेत्र में गोंडा निवासी बब्लू नामक अघेड़ व्यक्ति जो कि सेन में किराये के मकान में रहता था ने खुद को आग लगा ली आग लगाने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। वही आग लगने से वह 80 प्रतिशत जल चुका है। गोंडा निवासी परिजनों को सूचना दे दी गयी हैं उपचार के लिये चैकी प्रभारी द्वारा एम्बूलेंस से अस्पताल भेजा गया है।
कोरोना के कहर के कारण बीमा पॉलिसियों को जमा करने में मिली छूट
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए सरकार ने पिछले रोज लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की थी। जी हां सरकार ने तीन माह के लोन की किस्त माफ होने के बाद बिजली का बिल न जमा हो पाने के बाद भी कनेक्शन न काटने का फैसला किया है। इसी कड़ी में सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। कोरोना वायरस के कारण चल रहे लॉकडाउन से लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए बीमा रेगुलेटर इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जीवन बीमा पॉलिसी धारकों को बड़ी राहत दी है।
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छात्रों ने थैंक यू कार्ड देकर किया सम्मानित
हाथरस, नीरज चक्रपाणि। लॉकडाउन के दौरान मुस्तैदी से ड्यूटी निभा रहे पुलिसकर्मियों को छात्रों ने थैंक यू कार्ड देकर किया सम्मानित। थेंक्यु कार्ड देकर पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने वाली छात्रों ने पुलिस के कार्य की जमकर की सराहना।
आपको बतादे हाथरस शहर के थाना हाथरस गेट क्षेत्र की रहने वाली छात्राओं ने कोरोना वाइरस को लेकर हुए लॉकडाउन के दौरान मुस्तैदी से ड्यूटी निभा रहे पुलिसकर्मियो को थाने पर जाकर थैंक यू कार्ड देकर सम्मानित करते हुये। छात्राओं ने कहा की पुलिस कर्मियों द्वारा लॉकडाउन के चलते लोगों की जो देखभाल की जा रही है और अपने परिवार से अलग रहकर जिस प्रकार से लोगों का सहयोग कर कोरोना के प्रति जागरूकता कर रहे है इसका धन्यवाद देने के लिए ऐसा किया गया है।
लाॅकडाउन के दौरान किरायेदारों से मकान न कराया जाये खाली: डीएम
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोविड-19 महामारी से बचाव हेतु लाॅकडाउन की अवधि में देहाड़ी मजदूर एवं ऐसे अन्य श्रमिकों/अल्प आय वर्ग के व्यक्तियों के समख आर्थिक स्थिति की समस्या उत्पन्न हो गयी है।
उक्त जानकारी देते हुए जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि शासन द्वारा उनकी आर्थिक एवं वित्तीय समस्याओं के दृष्टिगत देहाड़ी मजदूर एवं अन्य अल्प आय व्यक्तियों द्वारा यदि किराये के भवन में निवास किया जा रहा है तो भवन स्वामियों को यह निर्देश दिया जाये कि उनके आगामी माह में देय एक माह का किराया फिलहाल न लें तथा इस आधार पर किसी कसे मकान खाली न कराया जाये। ऐसे व्यक्तियों की विद्युत एवं जलापूर्ति निर्बाध रूप से सुनिश्चित की जाये तथा लाॅकडाउन अवधि में इनके विच्छेदन न किये जाये। लाॅकडाउन अवधि में कर्मचारियों द्वारा घर पर काम किया जा रहा है तथा इनका वेतन/मजदूरी आगामी माह के प्रथम सप्ताह में वितरित कर दिया जाये। उक्त निर्देश मुख्य सचिव द्वारा दिये गये निर्देशों की जिलाधिकारी ने कडाई से अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिये है। उन्होंने उपायुक्त उद्योग, श्रम प्रवर्तन अधिकारी अकबरपुर, डेरापुर, पुखरायां, अधिशाषी अभियन्ता, जल निगम, विद्युत को निर्देशित किया है कि उपरोक्त निर्देशों का कडाई से अनुपालन सुनिश्चित कराये तथा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित न होने की दशा में कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
शिक्षण संस्थाएं आपदा की अवधि में अभिभावकों से फीस के लिए न करें बाध्य: डीएम
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। शासन के निर्देशों की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण के फेलाव से बचाव एवं नियंत्रण किये जाने के उद्देश्य से भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा दिनांक 22 मार्च से 14 अप्रैल 2020 तक लाॅकडाउन घोषित किया गया है और इस अवधि में जनपद कानपुर देहात के समस्त शैक्षणिक संस्थान बंद है। ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अध्याय-9 की धारा 23(4) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जनपद कानपुर देहात की समस्त शैक्षणिक संस्थाओं के प्रबंधन को आदेशित किया जाता है कि उनके द्वारा आपदा की अवधि में किसी भी अभिभावक को फीस देने हेतु बाध्य न किया जाये और आपदा की अवधि में भी छात्र-छात्रा को ऑनलाइन अध्ययन से वंचित न किया जाये। उक्त आदेश का उल्लंघन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम -2005 की धारा-51 के अन्तर्गत दण्डनीय है, जिसमें एक वर्ष की सजा या अर्थदण्ड या दोनो और यदि कोई लोकक्षति होती है तो ये सजा दो वर्ष की भी हो सकती है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
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