Friday, November 1, 2024
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डीसीएम में लदे गोवंशों को पुलिस ने किया बरामद, तीन गिरफ्तार

चंदौली। जिले की चकिया पुलिस ने उच्चाधिकारियों के निर्देश पर लतीफशाह मोहम्मदाबाद मार्ग स्थित निबिया ढाल के पास से एक डीसीएम गाड़ी में मौजूद 21 राशि गोवंशों को बरामद करते हुए तीन शातिर पशु तस्करों को गिरफ्तार किया है। इस संबंध में बताया गया कि मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने उक्त स्थान से 21 राशि गोवंशीय पशुओं को एक डीसीएम से बरामद करते हुए सोनू कुमार निवासी गोलाधरी थाना शादियाबाद जनपद गाजीपुर हालपता कुल्हड़िया जनपद कैमूर बिहार, ज्ञानेंद्र कुमार सिंह निवासी धनेछाह थाना दुर्गावती जिला कैमूर बिहार व गोविंद सिंह निवासी दरौली थाना दुर्गावती जनपद कैमूर भभुआ बिहार को गिरफ्तार किया है। डीसीएम के साथ एक स्कॉर्पियो भी पकड़ी गई है जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है।

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प्रियंका गांधी की संपत्ति को लेकर भाजपा हमलावर

राजीव रंजन नागः नई दिल्ली। वायनाड से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के नामांकन पर विवाद हो गया है। दरअसल, अपने नामांकन के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में प्रियंका गांधी ने बताया है कि उनकी शिमला में रिहायशी मकान और जमीन की कीमत करीब पौने आठ करोड़ रुपये है। इसी के साथ दिल्ली में खेती की जमीन 2 करोड़ रुपये से ज्यादा की है। प्रियंका गांधी और उनके पति के पास कुल चल-अचल संपत्ति 90 करोड़ रुपये है।
हालांकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने लिए कुल 12 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है, जिसमें शिमला में 5.63 करोड़ रुपये मूल्य का एक बंगला भी शामिल है। भाजपा ने उस बंगले के स्वामित्व पर सवाल उठाया है, जिसमें दावा किया गया है कि हिमाचल प्रदेश में संपत्ति खरीदने पर प्रतिबंधों को गांधी परिवार के पक्ष में दरकिनार कर दिया गया है। श्रीमती गांधी और कांग्रेस ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
प्रियंका गांधी के पास होंडा सीआरवी कार है तो उनके पति रॉबर्ट के पास टोयोटा लैंड क्रूजर, मिनी कूपर और मोटरसाइकिल है। प्रियंका गांधी ने बताया है कि उनकी कुल चल संपत्ति 4,24,78,689 रुपये है। वहीं उनके पति रॉबर्ट वाड्रा के पास 37,91,47,432 रुपये की चल संपत्ति है। उनके पास 1,15,79,065 रुपये की कीमत का सोना है। वहीं चांदी 29,55,581 रुपये की है।

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मणिपुर की जातीय हिंसा, अधिकारियों की अग्नि परीक्षा

हिंसा और जातीय विभाजन के कारण एस्प्रिट डे कॉर्प्स (अधिकारियों के बीच एकता और आपसी सम्मान) तनाव में है, जिससे अधिकारियों के बीच सहयोग और विश्वास कमजोर हो रहा है। संघर्ष ने एआईएस अधिकारियों के बीच पारस्परिक सम्बंधों पर गहरा प्रभाव डाला है, सामाजिक आदान-प्रदान और सहयोग दुर्लभ हो गए हैं। नफ़रत फैलाने वाले भाषण, प्रचार और ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से सार्वजनिक चर्चा के ध्रुवीकरण ने रिश्तों को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है, जिससे विभिन्न जातीय पृष्ठभूमि के अधिकारियों के लिए एक साथ काम करना मुश्किल हो गया है। मणिपुर में जातीय हिंसा ने गहरे जड़ें जमा चुके सांप्रदायिक संघर्षों से निपटने में भारत की प्रशासनिक प्रणाली की कमजोरी को उजागर कर दिया है। हालाँकि यह स्थिति अखिल भारतीय सेवाओं की अखंडता के लिए गंभीर चुनौतियाँ प्रस्तुत करती है, यह संघर्ष-ग्रस्त क्षेत्रों में शासन के दृष्टिकोण पर पुनर्विचार और सुधार करने का एक अनूठा अवसर भी प्रदान करती है। क्षमता निर्माण, अनुसंधान और नवीन नीति उपायों पर ध्यान केंद्रित करके, आईएएस और अन्य सेवाएँ संकट को एक सीखने के अनुभव में बदल सकती हैं जो भविष्य के संघर्षों में “स्टील फ्रेम” के लचीलेपन को मज़बूत करती है।
-प्रियंका सौरभ
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा 3 मई, 2023 को भड़क उठी। इस संघर्ष में 200 से अधिक मौतें हुईं और 60, 000 लोग विस्थापित हुए। मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष की जड़ें मणिपुर के जातीय और ऐतिहासिक संदर्भ में गहराई से जुड़ी हुई हैं।

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व्यापारियों ने एसएसपी को सौंपा ज्ञापन

फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल महानगर का एक प्रतिनिधि मंडल एसएसपी सौरभ दीक्षित से उनके कार्यालय पर मिला और एक ज्ञापन सौंपा है। जिसमें नगर में लगने वाले जाम से मुक्ति दिलाने की मांग की है।
महानगर अध्यक्ष अम्बेश शर्मा ने एसएसपी को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि दीपावली पर्व पांच दिनों का मनाया जाता है। सदर बाजार में पूरे नगर के ग्राहक खरीदारी करने आते हैं, त्योहार पर व्यापारी अपनी दुकानों को आगे तक सजाता है। धनतेरस, छोटी दीपावली, बड़ी दीपावली, पड़वा एवं भाईदौज तक सेंट्रल टॉकीज, गंज चौराहा, सदर बाजार, घंटाघर, छोटा चौराहा, इमामबाड़ा, नालबंद चौराहा तक ई-रिक्शा, टेंपो, चार पहिया वाहन पूर्ण रूप से प्रतिबंध किया जाये। जिससे दीपावली पर्व पर बाजारों में जाम से लोगों को मुक्ति मिल सकें।

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निगम की टीम ने बसूला दस हजार का जुर्माना

फिरोजाबाद। नगर निगम द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक को पूर्णतः प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से नगर आयुक्त के निर्देशन में नगरीक्षय क्षेत्र में अभियान चलाकर प्रतिबंधित पॉलीथिन का प्रयोग करने वालां के खिलाफ अभियान चलाकर जुर्माना वसूलने की कार्यवाही की जा रही है।
इसी क्रम में बुधवार को जेडएसओ संदीप भार्गव, एण्टी एसयूपी टीम लीडर मनोज कुमार के निर्देशन में नगर निगम की स्पेशल टीम एण्टी एस.यू.पी. द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग, भण्डारण करने पर डराम सिंह से दो हजार रू., गोविन्द से दो हजार रू., आशीष एक हजार, विकास जैन से रसूलपुर से तीन हजार रू. एवं साहिल सम्पतिराम हॉस्पीटल के पास से दो हजार रू. का जुर्माना बसूल किया।

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प्रियंका गांधीः 25 साल प्रचार, अब उम्मीदवार..

राजनीति की ‘स्टार’ प्रियंका गांधी कुछ ही वर्षों से कांग्रेस महासचिव है। पहले यूपी की प्रभारी भी रहीं। पार्टी में इस पद के पहले उनकी शुद्ध भूमिका प्रचारक की रही। पापा (पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी) के साथ अमेठी में राजनीति का ककहरा सीखा। मां सोनिया गांधी और पापा के बालसखा कैप्टन सतीश शर्मा के प्रचार की कमान संभाल कर व्यवहारिक पाठ पढ़ा। लगातार जीत का इतिहास गढ़ा। भाई राहुल गांधी के साथ विपक्ष में जीवन को कढ़ा। ढाई दशक तक केवल और केवल परिवार और पार्टी के लिए पसीना बहाते हुए प्रियंका गांधी अब राजनीति के उस मुकाम पर पहुंच रही हैं जो हर राजनीतिक का सपना होता है। वह चाहती तो कभी का इस मुकाम पर पहुंच चुकी होतीं लेकिन परिवार की मर्यादा तोड़ी न छोड़ी। सिर्फ मां, भाई और विरासत में मिली पार्टी की सेवा ही उनके जीवन का एकमात्र लक्ष्य रहा।
हाँ! इन 25 वर्षों के प्रचार अभियान कभी मनमुताबिक मां और भाई को वोट न मिलने पर प्रियंका कार्यकर्ताओं नेताओं से नाराज भी हुई और अच्छा रिजल्ट आने पर सबकी तारीफ में भी कोई कमी नहीं की। यह उनका अपना स्टाइल है। पब्लिक से भावनात्मक और मुद्दे के रूप में ‘कनेक्ट’ करना जितना वह जानती हैं, उतना शायद ही कोई और नेता जानता हो। सोनिया गांधी के 20 वर्षों के कार्यकाल में हमने उनकी यह खूबी बहुत नजदीक से देखी है। एक अवसर तो ऐसा भी आया जब प्रियंका गांधी ने हम जैसे सामान्य पत्रकार को भी व्यक्तिगत रूप से जीत दिलाने में श्रेय देते हुए हाथ जोड़ दिए। ऐसा केवल हमारे साथ ही हो ऐसा भी नहीं। उन्होंने मां और भाई के चुनाव क्षेत्र में हर छोटे बड़े आम और खास सबका ख्याल रखा।

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मोदी पर विवादित टिप्पणी करने वाले इमरान मसूद के खिलाफ आरोप तय

अजय कुमारः लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विवादित बयान देकर सुर्खियां बटोरने वाले कांग्रेस के बड़बोले नेता इमारान मसूद पर कोर्ट का शिकंजा कसता जा रहा है। लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान सहारनपुर में दिये अपने भाषण में इमरान मसूद ने तब के बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और भाजपा नेता नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोटी-बोटी काट देने वाली अभद्र टिप्पणी की थी। जिसके पश्चात इस मामले में कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट में आरोप तय किए गए हैं, जबकि सांसद ने आरोपों इंकार किया है।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) गुलाब सिंह ने बताया कि 27 मार्च 2014 को देवबंद में चुनावी जनसभा के दौरान इमरान मसूद ने पीएम नरेंद्र मोदी पर अभद्र टिप्पणी की थी। उन्होंने दो दलित नेताओं को भी जातिसूचक शब्द कहकर संबोधित किया था। मामले में देवबंद कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने धारा 153 ए, 295ए, 504, 506, 3(1) 10 एससी/एसटी एक्ट तथा 125 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में चार्जशीट लगा दी। इमरान मसूद की ओर से आरोपों को निराधार बताते हुए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था, परंतु अदालत ने इसे पर्याप्त आधारों के अभाव में निरस्त कर दिया था।

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पीएचडी छात्रों के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के मायने

नेट पर बढ़ती निर्भरता अनजाने में भारत में शोध के दायरे को सीमित कर सकती है। अनुसंधान विचार, कार्यप्रणाली और परिप्रेक्ष्य की विविधता पर पनपता है। नेट जैसे मानकीकृत परीक्षण, जो आलोचनात्मक सोच पर याद रखने को प्राथमिकता देते हैं, ऐसे विद्वान पैदा कर सकते हैं जो परीक्षा उत्तीर्ण करने में माहिर हैं लेकिन ज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाने की क्षमता का अभाव है, पूछताछ की यह संकीर्णता नवाचार और मूल विचारों के विकास, दोनों को सीमित कर सकती है शैक्षणिक क्षेत्रों में प्रगति के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। पीएचडी प्रवेश के लिए प्राथमिक मानदंड के रूप में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनईटी) का उपयोग अकादमिक जांच और आलोचनात्मक सोच के दायरे को सीमित कर रहा है।
-प्रियंका सौरभ
नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट जिसे यूजीसी नेट या एनटीए-यूजीसी-नेट के रूप में भी जाना जाता है, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर के लेक्चररशिप के लिए योग्यता और भारतीय नागरिकों के लिए जूनियर रिसर्च फेलोशिप के पुरस्कार के लिए निर्धारित करने के लिए एक परीक्षा है।

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डॉ0 हिमांशु पाठक, महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने किया केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान का भ्रमण

श्याम बिहारी भार्गवः मथुरा। केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम में डॉ0 हिमांशु पाठक, महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं सचिव डेयर, नई दिल्ली का आगमन हुआ।
महानिदेशक द्वारा जमुनापारी शेड पर स्थित नवनिर्मित बक स्टेशन का उद्घाटन किया गया उसके उपरांत संस्थान की विभिन्न बकरी एवं भेड़ परियोजनाओं का भी भ्रमण किया गया और बकरी व भेड़ की विभिन्न प्रकार की नस्लों एवं उनके रखरखाव पर चर्चा की।
संस्थान भ्रमण के उपरांत कार्यक्रम की शुरुआत माननीय महानिदेशक की संस्थान के वैज्ञानिकगण, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ गोष्ठी से हुई।
संस्थान निदेशक डॉ0 मनीष कुमार चेटली द्वारा मंच पर महानिदेशक एवं विशिष्ट अतिथि डॉ0 संजीव गुप्ता, सहायक महानिदेशक, डॉ0 पी0 के0 राय, निदेशक सरसों अनुसंधान संस्थान, भरतपुर, डॉ0 विनय भारद्वाज, निदेशक एन.आर.सी ऑन सीड एवं स्पाइसी, अजमेर का पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर एवं पटका पहनाकर स्वागत किया गया एवं बकरी की विश्व में तथा भारत में गरीबी उन्मूलन, आजीविका सृजन में योगदान की चर्चा की।

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केंद्र एवं प्रदेश सरकार के तरफ से उज्ज्वला योजना की महिलाओं को मिलेगा दिवाली पर फ्री गैस सिलेंडर का लाभ

चन्दौली। जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे ने पत्र जारी करते हुये कहा कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार जनपद में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों को निःशुल्क एलपीजी सिलेण्डर रिफिल वितरित किये जाने हेतु संबंधित एजेंसी को निर्देशित किया गया है। उन्होंने बताया कि निःशुल्क सिलेंडर वितरण की अवधि- इस योजनान्तर्गत लाभार्थियों को वित्तीय वर्ष 2024-25 के प्रथम चरण में माह अक्टूबर, 2024 से दिसम्बर, 2024 तक तथा द्वितीय चरण में जनवरी, 2025 से मार्च, 2025 तक निःशुल्क सिलेण्डर रिफिल प्रदान किया जाना है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत जनपद में 01 लाख, 97 हजार 521 लाभर्थियों को निःशुल्क गैस सिलेंडर वितरण किया जाएगा।
निःशुल्क सिलेंडर रिफिल वितरण योजना हेतु पात्रता शर्ते
पी०एम०यू०वाई० के ऐसे ए०सी०टी०सी० लाभार्थी, जिनके बैंक खाते आधार लिंक होंगे तथा जिनका आधार प्रमाणित होंगे, वही उक्त योजना हेतु पात्र होंगे। (ग) उक्त योजना प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनान्तर्गत निर्गत होने वाले डी०बी०सी० (लाभार्थी को दिए गए दूसरे सिलेण्डर कनेक्शन) पर लागू नहीं होगी।

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