Sunday, May 5, 2024
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मोटे अनाज से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए- जिलाधिकारी

मथुरा। जिलाधिकारी पुलकित खरे की अध्यक्षता में मिलेट के उत्पादन को बढ़ाने के संबंध में बैठक सम्पन्न हुई। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए को कृषि विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी किसानों को प्रोत्साहित करे और उन्हें श्री अन्न को उगाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने लक्ष्य रखा की हमे जनपद में मिलेट के प्रोडक्शन को दोगुना करना है तथा एक लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन पर मिलेट को लगाना है।
श्री खरे ने कहा कि 8 प्रकार के प्रमुख मिलेट के उत्पादों को बढ़ावा देना है। जनपद मथुरा का वातावरण एवं मौसम मिलेट के उत्पादन के लिए अनुकूल है। मिलेट की खेती हेतु सूखा मौसम, ज्यादा तापमान, कम पानी तथा कम लागत होता है। इस प्रयास से किसानों की आय भी दोगुनी होगी।
ज्वार, बाजरा, मक्का, कुट्टू, रागी, कोदो, सावा आदि क्रॉप की खेती किसानों के लिए लाभदायक है तथा इनका सेवन करने से लोग भी स्वस्थ्य रहते है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि किसानों को श्री अन्न उगाने के लिए अधिकाधिक जागरूक करे। मिलेट के फायदों को लोगो को बताएं। मिलेट का सेवन से हमे फाइबर, आयरन, विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम आदि मिलता है। मिलेट खाने से मानसिक एवं मोटापे से भी निजात मिलता है। उन्होंने बताया कि भारत के प्रस्ताव पर 72 देशों के समर्थन के बाद संयुक्त राष्ट्रसंघ ने साल 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषण अनाज वर्ष घोषित कर दिया है। पूरी दुनिया में भारत ही मोटे अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादक है। मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, रागी, कुटकी, कोदो आदि अनाजों में प्रोटीन, वसा, लौह, रेशा, कैल्शियम, जिंक आदि की भरपूर मात्रा रहती है, जो हमें स्वस्थ्य रखती है। इसके नियमित सेवन से शरीर में इम्युनिटी बढ़ती है तथा हमें कई रोगों से परे रखती है।
जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम बनाने के लिए जिला प्रशासन प्रयासरत है। मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, रागी/मडुआ, सांवा, कुटकी, कोदो, कंगनी आदि स्वास्थ्य के लिए अतिमहत्वपूर्ण है और विभिन्न बीमारियों को दूर करता है। इन अनाजों के सेवन से व्यक्ति हष्टपुष्ट तथा बच्चों में विभिन्न प्रकार की पोषणयुक्त कमियां दूर हो जाती है। इन फसलों को उगाने से कृषकों को भी लाभ होता है तथा कम पानी में फसल तैयार हो जाती है।
बैठक में परियोजना निदेशक अरुण कुमार, जिला कृषि अधिकारी अश्वनि कुमार, जिला भूमि संरक्षण अधिकारी संत राम सहित कृषि विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।