Sunday, April 28, 2024
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महाकुम्भ मेला-2025 की शीर्ष समिति की चतुर्थ बैठक संपन्न

लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में प्रयागराज महाकुम्भ मेला-2025 की शीर्ष समिति की चतुर्थ बैठक आयोजित की गई। बैठक में 7 विभागों की 34 परियोजनाओं पर चर्चा की गई, जिसमें से 269.43 करोड़ रुपये की 33 परियोजनाओं को अनुमोदन प्रदान किया गया। स्वीकृत परियोजनाओं में नगर निगम की 30.61 करोड़ रुपये लागत की 7, प्रयागराज विकास प्राधिकरण की 70.11 करोड़ रुपये की 6, उ0प्र0 जल निगम की 57.05 करोड़ रुपये लागत की 3, उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लि0 की 69.95 करोड़ रुपये लागत की 11, प्रयागराज मेला प्राधिकरण की 4.52 करोड़ रुपये लागत की 1, पर्यटन विभाग की 7.77 करोड़ रुपये लागत की 1, वन विभाग की 29.42 करोड़ रुपये लागत की 4 परियोजनायें शामिल हैं। होटल राही इलावर्त में फर्निशिंग व इंटीरियर सजावट आदि कार्यों को पर्यटन विभाग के बजट से कराने के लिए निर्देशित किया गया। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि प्रयागराज को स्वच्छ, सुन्दर, हरित व सुरक्षित शहर बनाया जाये। जिस प्रकार बनारस में हृदय योजना से शहर का सौन्दर्यीकरण कराया गया है, स्टडी कर उसी प्रकार प्रयागराज में भी कराया जाये। शहर का नियोजित विकास होना चाहिये। कॉमन थीम, कलरिंग, फसाडिंग से शहर में भव्यता आयेगी। प्रयागराज व कुम्भ मेला क्षेत्र में कराये जाने वाले कार्यों में एकरूपता रहनी चाहिये। पोल, पेंटिंग, स्ट्रीट लाइट, होर्डिंग, साइनेज, सड़क आदि के विकास का एक स्टैण्डर्ड फारमेट तैयार किया जाये। वृद्धजन के लिए जगह-जगह पर बैठने के लिए सीटें बनायी जायें। कुंभ से संबंधित पूरी कहानी का विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर चित्रण कर शहर को सुन्दर बनाया जाये। जगह-जगह पर डस्टबिन रखवाये जायें। उन्होंने कहा कि जी-20 की भांति सभी कार्य परमानेन्ट नेचर के होने चाहिये, ताकि इसका लाभ शहर को मिल सके। उन्होंने कहा कि शहर के सौन्दर्यीकरण सहित अन्य कार्यों में लोगों की सहभागिता होनी चाहिये। शहर के हेरिटेज को ध्यान में रखते हुए एवं स्मार्ट सिटी की लर्निंग का उपयोग कर शहर का चतुर्मुखी विकास किया जाये। एक अभियान चलाया जाये, जिसमें वहां के लोगों से पूछा जाये उनके शहर में क्या-क्या सुविधायें होनी चाहिये। समय-सारिणी बनाकर सभी कार्यों को कुम्भ से पहले पूरा कराया जाये। निर्माण कार्यों में मानक एवं गुणवत्ता के साथ कतई समझौता न किया जाये। शहर को सुन्दर बनाने में कॉर्पाेरेट सेक्टर को भी शामिल किया जाये। उन्होंने कहा कि वन विभाग की स्वीकृत परियोजनाओं के तहत 1.5 लाख पौधों के वृक्षारोपण का कार्य प्रत्येक दशा में 1.5 महीने के भीतर पूरा हो जाना चाहिये। कुम्भ मेला से पूर्व हरियाली दिखने लगे, इसलिए वृक्षारोपण में 6 से 8 फिट के पौधे लगाये जायें, उनका सर्वाइवल बेहतर होता है। उन्होंने प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अतिथि गृह में मीटिंग हॉल रखने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि प्रयागराज शहर के जी0आई0एस0 बेस्ड मास्टर प्लान में अलग-अलग लेयर बनाकर मंदिर, प्रमुख मार्ग, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, पुलिस स्टेशन, स्कूल, रेस्टोरेंट, होटल, पब्लिक ट्वायलेट्स आदि सभी प्रमुख सुविधाओं को जोड़ा जाये। इसके साथ कुम्भ मेला क्षेत्र का भी जी0आई0एस0 बेस्ड मैप बनाकर लिंक किया जाये। इससे शहर के साथ-साथ बाहर से आने वाले व्यक्तियों को नेवीगेशन के द्वारा अपने गंतव्य तक पहुंचने में अत्यधिक सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में पानी की आपूर्ति के लिए बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में अस्थाई के स्थान पर स्थाई प्रकृति का निर्माण अथवा व्यवस्था करने के लिए मोती लाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी-प्रयागराज अथवा आईआईटी-कानपुर को स्टडी करने के लिए कहा जाये। कुंभ मेला के दौरान पानी की आपूर्ति में प्रयोग होने प्रयोग होने वाले जी0आई0 पाइप को कुंभ के उपरांत अन्य स्थानों पर इस्तेमाल में लिया जाये। उन्होंने प्रयागराज की कनेक्टिविटी एवं सुगम यातायात के दृष्टिगत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को प्रयागराज-रायबरेली-लखनऊ राजमार्ग को फोरलेन, प्रयागराज में प्रस्तावित रिंग रोड, फूलपुर और मुंगरा बादशाहपुर बाईपास बनाने के कार्य में प्रगति लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी कार्यों को अक्टूबर, 2024 से पहले पूर्ण कराया जाये। प्रयागराज नगर निगम की स्वीकृत परियोजनाओं से कुम्भ मेले से जुड़ी सड़कों का सुधार एवं सुदृढ़ीकरण किया जायेगा। इसके अतिरिक्त विभिन्न स्थानों पर फुटपाथ का सुधार, इण्टरलाकिंग, आर0सी0सी0 नाली का निर्माण, आवश्यकतानुसार सड़कों का चौड़ीकरण का कार्य कराया जायेगा। इसमें सड़कों की रख-रखाव की धनराशि भी शामिल है। इसी प्रकार प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा कोठापार्चा चौराहे से रामभवन चौराहे तक, नए यमुना ब्रिज के नीचे से इलाहाबाद डिग्री कॉलेज से हटिया चौराहे तक, इविंग क्रिश्चियन कॉलेज से कोठापार्चा चौराहे तक, कोठापार्चा चौराहे से थाना कीडगंज होते हुए नये यमुना ब्रिज तक, सुलाकी चौराहे से मुट्ठीगंज थाने से होते हुए बलुआघाट चौराहे तक, आईईआरटी चौराहे से बक्शीबांध तक (रामप्रिया मार्ग) सड़कोंके चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य कराया जायेगा। इन मार्गों पर यूटिलिटी शिफ्टिंग, इलेक्ट्रिकल कार्य, सड़क के दोनों ओर आरसीसी कवर्ड नाली का निर्माण आदि के कार्य भी करायें जायेंगे। उ0प्र0 जल निगम द्वारा कुम्भ मेला क्षेत्र में पानी की आपूर्ति के लिए डी0आई0 पाइप की खरीद, प्रभु घाट ड्रेन का इंटरसेप्शन और डायवर्जन और प्रभु घाट से दशाश्वमेध घाट-दारागंज तक इंटरसेप्टर सीवर बिछाने तथा संगम क्षेत्र स्थित हनुमान मंदिर के पास आर0सी0सी0 नाली और सीवर लाइन का निर्माण कराया जायेगा। हनुमान मंदिर के पास आर0सी0सी0 नाली और सीवर लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरान्त गंदे पानी को सीवर लाइन के माध्यम से शोधन के लिये राजापुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लाण्ट भेजा जायेगा एवं प्रत्येक वर्ष बायोरेमेडिएशन कार्य की आवश्यकता नहीं रहेगी। संगम क्षेत्र की सुन्दरता भी बढ़ेगी। कुम्भ के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिये उ0प्र0 पॉवर कारपोरेशन लि0 द्वारा 132/33 के0वी0 प्राथमिक विद्युत उपकेन्द्र हेतापट्टी से झूंसी क्षेत्र में कुम्भ मेला को पोषित करने वाले 33/11 के0वी0 उपकेन्द्रों को द्वितीयक स्त्रोत उपलब्ध कराने हेतु 33 के0वी0 लाइन बिछाने, शहर के प्रमुख उपकेन्द्रों को जोड़ने हेतु इण्टरलिंक लाइन के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण, मेला क्षेत्र को पोषित करने वाले 33/11 के0वी0 उपकेन्द्रों पर आर0एम0यू0 स्थापित करने का कार्य, शास्त्री ब्रिज की जर्जर तार एवं क्षतिग्रस्त पोल के स्थान पर एल0टी0 केबिल बिछाने का कार्य, हाईब्रिड सोलर लाइट का कार्य, एलटी लाइनों की गार्डिंग, ट्रांसफार्मर की फेंसिंग, एल0टी0 लाइनों को भूमिगत करने, विद्युत परिवर्तक ट्राली सहित क्रय, भूमिगत केबल में फाल्ट पता लगाने के लिए 01 फॉल्ट लोकेटर मशीन का क्रय आदि कार्य किये जायेंगे। प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा जॉर्ज टाउन प्रयागराज में प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अतिथि गृह का निर्माण किया जायेगा। पर्यटन विभाग द्वारा प्रयागराज में होटल राही त्रिवेणी दर्शन के नये भवन का निर्माण कराया जायेगा। वन विभाग द्वारा गंगा नदी के किनारे तटीय भूमि, झूंसी साइड गंगा नदी तटीय क्षेत्र, नैनी गंगा नदी तटीय क्षेत्र में गोल आयरन ट्री गार्ड सहित वृक्षारोपण तथा अनुरक्षण कार्य, प्रयागराज-वाराणसी मार्ग, प्रयागराज-लखनऊ मार्ग, प्रयागराज-फैजाबाद मार्ग, प्रयागराज-मिर्जापुर मार्ग एवं पीडब्ल्यूडी द्वारा प्रस्तावित मार्ग के सुदृढ़ीकरण कार्याेपरान्त दोनों पटरी पर सीमेंट गार्ड सहित वृक्षारोपण एवं अनुरक्षण, प्रयागराज शहरी क्षेत्र में चौकोर आयरन ट्री गार्ड सहित वृक्षारोपण तथा अनुरक्षण तथा सरस्वती हाईटेक सिटी क्षेत्र के मार्गों के किनारे 20 हे0 में 87120 पौधों का रोपण कर हाईडेन्सिटी नगर वन की स्थापना व अनुरक्षण का कार्य किया जायेगा। इस प्रकार कुल 1.5 लाख पौधे लगाये जायेंगे। इससे पूर्व, बैठक में मेलाधिकारी कुम्भ विजय किरन आनंद द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं की अद्यावधिक स्थिति से अवगत कराया गया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण, अपर मुख्य सचिव वन मनोज सिंह, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव लोक निर्माण अजय चौहान, प्रबंध निदेशक यूपीपीसीएल पंकज कुमार, प्रबंध निदेशक यूपीएसआरटीसी मासूम अली सरवर, एमडी यूपी राज्य पर्यटन विकास निगम अश्विनी कुमार पाण्डेय, मेलाधिकारी विजय किरण आनंद सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रयागराज के मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी समेत जनपद के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।