Tuesday, July 9, 2024
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कॉरीडोर का प्रदेश के छोटे-बड़े उद्योगों को मिलेगा लाभ

लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर कॉर्पाेरेशन ऑफ इण्डिया लि0 (डीएफसीसीआईएल) के अधिकारियों के साथ ईस्टर्न एवं वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर की प्रदेश में प्रगति की समीक्षा की।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने प्रदेश में डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडेार का कार्य पूरा होने पर प्रसन्न्ता व्यक्त करते हुये कहा कि ईस्टर्न कॉरीडोर में सबसे बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश का होने के कारण सबसे ज्यादा लाभ प्रदेश के छोटे-बड़े उद्योगों को मिलेगा। मालगाड़ियों की रेल लाइन अलग होने से उनकी रफ्तार बढ़ेगी और माल ढुलाई में कम वक्त मिलेगा।
बैठक में बताया गया कि ईस्टर्न फ्रेट कॉरीडोर की लम्बाई 1337 कि0मी0 (साहनेवाल (ैंीदमूंस) पंजाब से सोननगर-बिहार तक) तथा वेस्टर्न कॉरीडोर की लम्बाई 1506 कि0मी0 है। ईस्टर्न कॉरीडोर में उत्तर प्रदेश का हिस्सा 1097 कि0मी0 तथा वेस्टर्न फ्रेट कॉरीडोर में 19 कि0मी0 है, जिसका शत-प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। इस पर लगभग 34,200 करोड़ रुपये का व्यय किया गया है।
यह कॉरीडोर प्रदेश के 20 जनपदों-सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, बुलन्दशहर, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, फतेहपुर, कौशाम्बी, प्रयागराज, मिर्जापुर, चन्दौली से होकर गुजरता है। इसमें कुल 48 स्टेशन (17 जंक्शन और 31 क्रासिंग स्टेशन) हैं।
बैठक में प्रमुख सचिव लोक निर्माण अजय चौहान, यूपीपीसीएल के एमडी पंकज कुमार, डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर कॉर्पाेरेशन ऑफ इण्डिया लि0 में प्रबंध निदेशक आर0के0जैन, निदेशक (प्रोजेक्ट प्लानिंग) पंकज सक्सेना सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।