Friday, June 13, 2025
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बेदर्द बन रही पुलिस: कस्टडी में युवक पर थर्ड डिग्री का आरोप, एम्स में भर्ती

» सदमे में पिता की मौत

पवन कुमार गुप्ता, रायबरेली। सलोन कस्बे के पैगम्बरपुर पश्चिमी निवासी युवक अनिकेत पासी के साथ पुलिस की कथित बर्बरता के आरोपों ने एक बार फिर थानों में होने वाली थर्ड डिग्री और अमानवीय व्यवहार को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। 28 मई को चोरी के एक मामले में हिरासत में लिए गए अनिकेत को पुलिस द्वारा थर्ड डिग्री यातनाएं देने का आरोप है। हालत बिगड़ने पर उसे एम्स रायबरेली में भर्ती कराया गया है, वहीं बेटे की नाजुक स्थिति से सदमे में आए पिता रामेश्वर पासी की मंगलवार रात मौत हो गई। परिजनों के अनुसार, 26 मई को सलोन थाना क्षेत्र के अंतर्गत पैगम्बरपुर निवासी अनिकेत उर्फ अंकित, मन्तोष, शिवम उर्फ देवा और आनंद शर्मा को पुलिस ने चोरी की घटनाओं में संलिप्तता के आरोप में उठाया था। आरोप है कि पूछताछ के नाम पर सभी को थाने में बेरहमी से पीटा गया और अनिकेत को थर्ड डिग्री देकर अमानवीय यातनाएं दी गईं। बाद में पुलिस ने चारों को चोरी के औजारों और ₹45,000 नगदी के साथ पकड़े जाने की बात कहते हुए 28 मई को जेल भेज दिया।
सूत्रों के मुताबिक, जेल के भीतर अनिकेत की हालत धीरे-धीरे बिगड़ने लगी। जब स्थिति गंभीर हुई तो पहले जिला अस्पताल और फिर एम्स रायबरेली में भर्ती कराया गया। परिजनों का दावा है कि पुलिस की पिटाई से अनिकेत की आंत तक फट गई है। बेटे की हालत देखने पहुंचे पिता रामेश्वर यह सब देखकर भीतर से टूट गए और सदमे से उनकी मौत हो गई। इस घटना से गांव में आक्रोश फैल गया है और लोगों ने पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
पुलिस की सफाई
रायबरेली पुलिस ने 11 जून को मीडिया सेल के माध्यम से जारी बयान में सभी आरोपों को निराधार और असत्य बताया है। पुलिस का कहना है कि 28 मई को रात्रि 3:25 बजे चोरी की योजना बनाते समय चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था, जिनके पास से चोरी के औजार और पूर्व में चोरी किए गए सोलर पैनल बरामद हुए। सभी का मेडिकल परीक्षण कराकर विधिक कार्रवाई करते हुए न्यायिक हिरासत में भेजा गया। पुलिस के अनुसार, जेल में अनिकेत की तबीयत अचानक बिगड़ने पर एम्स में भर्ती कराया गया और परिजनों को सूचित किया गया था।
बड़ा सवाल
चिंता की बात यह है कि रायबरेली जिला कारागार में पहले भी कई बंदियों की मौतें हो चुकी हैं। कुछ मामलों में आत्महत्या की बात सामने आई, लेकिन अब कस्टडी में थर्ड डिग्री और मौत से जुड़े आरोप प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। पुलिस मेडिकल परीक्षण का हवाला दे रही है, लेकिन युवक का गंभीर रूप से बीमार होना और पिता की मौत ने पूरे मामले को संवेदनशील बना दिया है।
प्रशासन को इस घटना की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए ताकि सच सामने आ सके और यदि किसी स्तर पर लापरवाही या बर्बरता हुई है तो दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो।