Thursday, March 28, 2024
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रोजगार केे सृजन हेतु एक जनपद-एक उत्पाद योजना को बेहतर ढंग से क्रियान्वित किया जायेः मुख्य सचिव

लखनऊः जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने निर्देश दिये हैं कि जनपदों के विशिष्ट उत्पादों की राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रान्डिंग के प्रथम उद्देश्य के साथ-साथ रोजगार केे सृजन हेतु एक जनपद-एक उत्पाद योजना को बेहतर ढ़ंग से क्रियान्वित कराने हेतु बैंकों के साथ सामंजस्य स्थापित कर बेहतर कार्य योजना बनाई जाये ताकि उद्यमी को अपने उत्पाद योजनाओं को यथाशीघ्र क्रियान्वित कराने में बैंकों से आवश्यक सहयोग समय से प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अवस्थापना विकास को बढ़ाने एवं उद्योगों में तेजी लाने हेतु सम्बन्धित विभागों को अपने कार्यशैली में और अधिक गति लानी होगी। उन्होंने कहा कि एक जनपद-एक योजना से प्रदेश के उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धी सामथ्र्य का विकास करने के साथ-साथ तकनीकी उन्नयन एवं कारीगरों एवं हस्तशिल्पों का कौशल विकास कराया जाये। उन्होंने कहा कि एक जनपद-एक उत्पाद योजना के कार्यान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2018-2019 में 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि इस योजना से प्रत्येक वर्ष लगभग 05 लाख व्यक्तियों को रोजगार के अवसर प्राप्त कराये जाने का लक्ष्य है।
मुख्य सचिव आज योजना भवन स्थित सभागार में एस.एल.बी.सी की बैठक कर विभागीय अधिकारियों एवं सम्बन्धित बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि योजनान्तर्गत स्थापित होने वाली इकाइयों का वित्त पोषण केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं जैसे मुद्रा योजना, स्टार्ट अप इण्डिया, स्टैण्ड अप इण्डिया योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री रोजगार योजना एवं विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से डबटेलिंग के माध्यम से कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनान्तर्गत किये जाने वाले वित्त पोषण में ‘‘एक जनपद-एक उत्पाद’’ योजना से आच्छादित प्रस्तावों को समस्त बैंकर्सों को प्राथमिकता से वित्त पोषित कराने की कार्यवाही नियमानुसार सुनिश्चित कराना होगा।
औद्योगिक विकास आयुक्त एवं अपर मुख्य सचिव, संस्थागत वित्त डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, ने बताया कि प्रदेश के अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र पूंजी निवेश, उत्पादन और रोजगार की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाईयों की संख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है तथा रोजगार प्राप्त करने में इस क्षेत्र का कृषि क्षेत्र के बाद दूसरा स्थान है। उन्होंने बताया कि राज्य में स्थानीय स्तर पर कई विशेष व्यवसाय समूह हैं जैसे- मेरठ में खेल-कूद के सामान, फिरोजाबाद में चूड़ी, कांच के काम, अलीगढ़ के ताले, मुरादाबाद में पीतल का कार्य, कन्नौज में इत्र, आगरा के जूते, कानपुर के चमड़े का काम, भदोही में कालीन, दरी, वाराणसी में साड़ी, लखनऊ जनपद की चिकनकारी के काम आदि परम्परागत उद्योगों की भांति प्रत्येक जनपद में कोई न कोई व्यवसाय पारम्परिक रूप से होता रहा है।
कार्यशाला में प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग नवनीत सहगल, महानिदेशक, संस्थागत वित्त शिव सिंह यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं बैंकर्स के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।