Saturday, April 20, 2024
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ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री आवास योजना में धाँधली का ग्राम समायूं के प्रधान पर लगाया आरोप

जनपद के किसी भी ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास के साथ नहीं दिया जाता शौचालय व्यवस्था का लाभ
रसूलाबाद कानपुर देहात, जितेन्द्र कुमार। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी देते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार या धन उगाही की शिकायत मिली तो कोई बख्शा नहीं जाएगा। सीएम योगी ने कहा था कि इस योजना के तहत प्रदेश में लाखो गरीबों को लाभ मिलेगा। उन्होंने ग्राम प्रधान और अधिकारियों को आगाह करते हुए उन्हें सतर्कता बरतने की सलाह भी दी थी। लेकिन जिला कानपुर देहात के ब्लाक रसूलाबाद के अंतर्गत ग्राम समायूं में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर ग्राम प्रधान पर अवैध वसूली का मामला सामने आया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर लूट, लाभार्थी से मांगी जाती है रिश्वत ग्राम समायूं के प्रधान जगदीश राजपूत पर ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि ग्राम प्रधान एवं उनके प्रतिनिधि द्वारा उनके चहेतों को ही आवास दिया जाता है। अन्य लोगों के नाम लिस्ट में शामिल होने के बाद अगर ग्रामीणों के द्वारा रिश्वत नहीं दी जाती है। तो उनको आवास नहीं दिया जाता है। ग्राम प्रधान पर आरोप लगाते हुए ग्राम समायूं से गौरी शंकर ने बताया पात्र लोगों को आवास नहीं दिया जाता है। जो प्रधान के चमचे आगे पीछे उनके घूमते है। उन्हें ही आवास का लाभ दिया जाता है। ब्लाक रसूलाबाद के अधिकारियों को शिकायत करने पर गांव के ही स्कूल में बैठकर निरीक्षण कर लिया जाता है। किसी गरीब की झोपड़ी में कोई अधिकारी नहीं सर्वे करने नहीं आता है।
ग्राम समायूं के अनिल यादव ने बताया भारी बारिश के कारण उनका आवास गिर चुका है पूरा परिवार ससुराल में रहकर गुजर कर रहा है। ग्राम प्रधान से कई बार आवास के लिए कहा तो पक्का मकान कह कर उन्होंने आवास नहीं दिया। वहीं भारी बारिश के कारण चन्द्र शेखर का कच्चा मकान गिर गया चन्द्र शेखर ने बताया ग्राम प्रधान ने आवास दिलाने के नाम पर 50000 रूपये मांग की थी। उसके बाद आवास मिलेगा चन्द्रशेखर ने तहसील दिवस में तहसील रसूलाबाद में शिकायत कर चुके लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं की गई है।
इस मामले में हमारे संवाददाता ने ग्राम समायूं प्रधान जगदीश राजपूत से कई बार सम्पर्क किया उनसे बात हो न सकी। ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि राजेश राठौर से सम्पर्क होने पर उन्होंने बताया ग्रामीणों के द्वारा लगाये गये सारे आरोप असत्य है। ब्लाक रसूलाबाद के अधिकारियों के द्वारा सर्वे होने के बाद ही आवास का चयन किया जाता है। उन्होंने बताया 300 लोगों के आवास की लिस्ट भेजी गई थी जिन लाभार्थियों का पुरानी लिस्ट में नाम छूट गये है उनके नाम नई लिस्ट में भेज दिये जायेंगे। हमारा कार्य आवास देना नहीं है यह कार्य ब्लाक रसूलाबाद अधिकारियों के द्वारा सर्वे होकर पात्र व्यक्ति को आवास दिया जाता जो लोग आरोप लगा रहे बिल्कुल झूठ बोल रहे है। नई लिस्ट में सर्वे होकर जो भी गांव में कच्चे मकान होगे उनको आवास दिया जायेगा।