Monday, April 29, 2024
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सपा संरक्षक मुलायम सिंह के दोस्त पूर्व सांसद बाबू दर्शन सिंह का निधन

फाइल फोटो

बीमारी से इटावा में हुआ निधन, सपा से राज्यसभा सदस्य रहे थे दर्शन सिंह
राजकीय सम्मान के साथ दी गयी अंतिम विदाई
सैफई इटावा, सुघर सिंह सैफई। समाजवादी पार्टी से राज्यसभा के पूर्व सांसद 74 वर्षीय बाबू दर्शन सिंह यादव का बुधवार रात निधन हो गया। गुरुवार को हैंवरा कोठी स्थित निवास स्थान के समाधि स्थल पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके बड़े पुत्र आईएएस नागेंद्र प्रताप यादव ने चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में सपा समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता, पूर्व मंत्री जिलाध्यक्ष, विधायक, पूर्व विधायक, के आलावा आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग अपने नेता से अंतिम यात्रा में शामिल हुए और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
बाबू दर्शन सिंह यादव ने जसवंतनगर विधानसभा से कई बार पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था, जिसे लेकर वह चर्चा में आए थे। लेकिन वह हर बार मामूली अंतर से चुनाव हारते रहे।
ग्राम बहादुरपुर निवासी राज्य सभा के पूर्व सांसद एवं केंद्रीय समाजसेवा के संस्थापक बाबू दर्शन सिंह यादव कई दिनों से बीमार चल रहे थे। मथुरा के निजी अस्पताल से इलाज के बाद बुधवार को ही घर लौटे थे। बुधवार रात्रि करीब ढाई बजे अचानक हालत बिगड़ने से उनका निधन हो गया। उनके शव को हैंवरा स्थित कोठी पर अंतिम दर्शन को रखा गया।
अंत्येष्टि में उनके भाई करहल विधायक सोबरन सिंह यादव के अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव, मैनपुरी सांसद तेज प्रताप यादव, पूर्व मंत्री आलोक शाक्य, अशोक यादव, पूर्व विधायक सुखदेवी वर्मा, पूर्व भाजपा विद्यायक अशोक दुवे, पूर्व मंत्री सुभाष चन्द्र यादव मौजूद रहे।
बाबू दर्शन सिंह यादव मुलायम सिंह के बेहद करीबी थे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव व दर्शन सिंह की मित्रता किसी से छिपी नहीं है। डॉ राम मनोहर लोहिया चैधरी चरण सिंह नत्थू लाल दर्शन सिंह की मित्रता से भली भांति परिचित थे कुछ कारणों से दोनों के बीच मनमुटाव हो गया तो बाबू दर्शन सिंह यादव कांग्रेस पार्टी में चले गए और जसवंतनगर विधानसभा से के कांग्रेस के टिकट पर कई बार मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़े लेकिन हर बार बहुत कम वोटों के अंतर से वह चुनाव हारते रहे उन्हें कांग्रेस में प्रदेश संगठन मंत्री व प्रदेश महामंत्री जैसे पदों पर कार्य करने का मौका मिला बाद में बाबू दर्शन सिंह यादव का कांग्रेस से मोहभंग हो गया और वह भारतीय जनता पार्टी में चले गए और भाजपा से टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन नही जीत सके।
लेकिन भाजपा ने उनका कद देखते हुए वर्ष 1998 में बाबू दर्शन सिंह यादव को उत्तर प्रदेश नलकूप एवं ट्यूबबेल कारपोरेशन लिमिटेड का चेयरमैन बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा देकर लालबत्ती दी गई लेकिन उन्होंने चुनाव न लड़ने का फैसला कर समाजसेवा में सक्रिय हुए और विधान सभा के चुनाव में भाजपा से अपने छोटे भाई सोबरन सिंह यादव को करहल मैनपुरी से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ाया और जीत हासिल की। उसके बाद बाबू दर्शन सिंह यादव का रुतबा बढ़ गया। बाद में पुराने मतभेद भुलाकर बाबू दर्शन सिंह यादव और मुलायम सिंह यादव एक हो गए उसके बाद मुलायम सिंह यादव ने बाबू दर्शन सिंह को राज्यसभा का सदस्य बनाकर सम्मान दिया। बाबू दर्शन सिंह कुशल व्यक्तित्व के धनी न्यायप्रियता के लिए हमेशा चर्चित रहे आज भी तमाम गांव में उन्हें पंचायत के तौर पर बुलाया जाता रहा राजनेताओं से संबंध की बात करें तो हर पार्टी के राजनेता से बाबू दर्शन सिंह के नजदीकी संबंध रहे यही कारण रहा कि उन्हें हर पार्टी का नेता सम्मान देता था।
बाबू जी के निधन पर क्या बोले रामगोपाल यादव
समाजवादी पार्टी के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव बाबू दर्शन सिंह यादव के देहांत पर बोले बाबू दर्शन सिंह 11 महान समाज सुधारक थे उन्होंने केंद्रीय समाज सेवा का गठन करके जो कार्य किए हैं। उनको हम लोग नहीं भुला पाएंगे उन्होंने जब समाज सेवा का गठन किया था तो शुरू शुरू में लोग आलोचना भी करते थे पर वह आलोचनाओं से डरे नहीं अपने काम को करते रहे उसका नतीजा आज देखने को मिलना है चाहे वह धूम्रपान पुनर्विवाह और तेरहवीं को बड़े पैमाने पर बंद कराया है यहां शांति पाठ का आयोजन किया जा रहा है आज हम लोगों को बहुत क्षति हुई है ऐसे व्यक्ति को खो दिया है।
बाबू जी के निधन पर क्या बोले शिवपाल
पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने बाबू दर्शन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा बाबूजी के बारे में जितना कहा जाए उतना कमी है बाबू जी ने जो स्वर्ण समाज सुधार के लिए कार्य किए हैं उनको हम लोग नहीं भूल पाएंगे। उन्होंने पूरा जीवन समाज सुधार में अर्पण किया समाज के साथ-साथ बिजनेस में भी उन्होंने नाम कमाया है बाबू जी का जीवन एक बहुत ही संघर्ष में रहा बाबूजी ने नेताजी के साथ चैधरी चरण सिंह पीजी कॉलेज की नींव रखी थी उसके वह संस्थापक भी रहे आज हम क्षेत्र के लोगों के साथ साथ आसपास के जनपदों को भी बाबू दर्शन सिंह की कमी खलेगी।
जानिए मुलायम सिंह यादव के ’दोस्त’ बाबू दर्शन सिंह यादव का इतिहास
दर्शन सिंह यादव का जन्म 31 जुलाई 1944 को इटावा जनपद के ग्राम बहादुरपुर हैवरा में एक संभ्रांत परिवार में हुआ था। इनके पिता कामता प्रसाद पेशे से किसान परंतु बहुत ही उदार अनुशासनप्रिय रामचरितमानस के प्रति पूर्ण श्रद्धा वान एवं अध्यात्मक के प्रति सदैव समर्पित रहते थे।
प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव के प्राथमिक पाठशाला हैवरा इटावा से ग्राम ग्रहण कि गांव में आगे शिक्षण व्यवस्था ना होने के कारण हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा सीमावर्ती जनपद मैनपुरी के आजाद हिंद इंटर कॉलेज करहल से उत्तीण की।
आजाद हिंद इंटर कॉलेज करहल मैनपुरी में अध्ययन करते हुए उनकी ललक देश की उज्जवल समस्याओं के प्रति जागृत हुई और तमाम आर्थिक सामाजिक एवं राजनीतिक विकास संबंधी विषयों पर भाषण एवं वाद विवाद प्रतियोगिता में उन्होंने बढ़-चढ़कर भागीदारी की तथा जनपद स्तर अंतर जनपद स्तर एवं प्रदेश स्तर पर एक बहुत ही उत्कृष्ट वक्ता के रूप में अपना स्थान बनाया। उस समय जनपद मैनपुरी के करहल कस्बे में कोई डिग्री कॉलेज ना होने के कारण आगे की शिक्षा हेतु आपने एक ही कॉलेज शिकोहाबाद में प्रवेश लिया और बीकॉम की परीक्षा उत्तीर्ण की।
दर्शन सिंह के तीन पुत्र है। बड़े बेटे नागेंद्र प्रताप प्रमोशन पाकर आईएस हो गए है। उनकी गिनती प्रदेश के सबसे ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ एवं शासन एवं कुशल प्रशासक के रूप में की जाती है। दोनों छोटे बेटे अपना घरेलू व्यवसाय देख रहे हैं।
ग्रेजुएशन के बाद ईट भट्टा व्यवसाय को चुना उनके व्यक्तिगत की यह विशेषता रही कि जो लक्ष्य निर्धारित किया उसे पाने हेतु मन वचन और कर्मठ और केवल उस लक्ष्य को हासिल करना ही अपने जीवन के उद्देश्य को माना और घर परिवार पत्नी बच्चों की तरफ कदम मुड़कर नहीं देखा सिर्फ उस लक्ष्य को हासिल करने में ही अपनी सारी शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को झोंक दिया शायद यही कारण रहा कि ईट भट्टा व्यवसाय को उच्चतम शिखर पर ले जाने में सफल हुए इस विषय में कुशलता एवं दक्षता के कारण वे कई वर्षों तक जनपद इटावा की अध्यक्षता समिति के महामंत्री के पद पर आसीन हुए।
वर्ष 2012 में समाजवादी सरकार बनने पर तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव ने राज्यसभा मनोनीत किया। बताते चलें दर्शन सिंह यादव एक कर्मठ जुझारू राजनीतिक थे जिन्होंने राजनीतिक के साथ-साथ समाज सुधारक के लिए केंद्रीय समाज सेवा समिति का गठन किया इसमें धूम्रपान निषेध मृत्यु भोज पर संयुक्त परिवार पर एक बड़ा अभियान चलाया था। जिसका खासा असर देखने को भी मिल रहा है। अब इस इलाके के लोग मृत्यु भोज से दूरी बनाते हुए शांति पाठ में यकीन करने लगे है जिससे लोगों का बेजा खर्चा नही होता है। मृत्यु भोज, धूम्रपान – मद्यपान, दहेज प्रथा, के विरोधी थे बाबू दर्शन सिंह यादव
समाजवादी पार्टी से पूर्व राज्यसभा सदस्य स्वर्गीय बाबू दर्शन सिंह यादव राजनीति के साथ-साथ समाज सेवा में भी गहरी रुचि रखते थे इसी वजह से उन्होंने वर्ष 1978 में केंद्रीय समाज सेवा समिति नाम से एक संस्था पंजीकृत कराई संस्था का मुख्य उद्देश्य मृत्यु भोज का विरोध मद्यपान धूम्रपान, विधवा विवाह पर रोक, दहेज प्रथा के सख्त विरोधों थे। इन सूत्रों को लेकर दर्शन सिंह ने समाज सेवा शुरू की जहां प्रदेश में गरीब आदमी तेरहवीं संस्कार के नाम पर हजारों रुपए लेकर साहूकारों के यहां अपनी जमीन गिरवी रखकर अपने मृत परिजन की तेहरवी में खर्च करता था उसको कुप्रथा को दर्शन सिंह ने समाप्त करने का बीड़ा उठाया उन्होंने पूरे प्रदेश में इसका अभियान चलाया अपनी टीम बनाई और टीम ने जाकर मृत आत्मा की शांति के लिए शांति पाठ का आयोजन किया इस इस शांति पाठ का असर ऐसा रहा कि इटावा, फिरोजाबाद, आगरा, औरैया, कन्नौज, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात, कानपुर नगर, इटावा, अलीगढ़, एटा, समेत कई जिलों में तेरहवीं पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई बाबू दर्शन सिंह का मानना था कि तेरहवीं का खाना पूरी तरह से दूषित है और ऐसे खाने की सभी को निंदा करनी चाहिए वह कहते थे कि विधवा स्त्री को पुनर्विवाह करने का पूरा अधिकार है इसके अलावा उन्होंने धूम्रपान मद्यपान पर भी रोक लगाने के लिए महीने में दर्जनों कार्यक्रम आयोजित करते थे गांव गांव तालाब खुदवाने तालाबों में पानी लबालब भरवाने के लिए दर्शन सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहता था पर्यावरण संरक्षण में दर्शन सिंह यादव ने सैफई में पर्यावरण महाकुंभ का विशाल आयोजन किया था जिसमें अखिलेश यादव मुलायम सिंह यादव मौजूद रहे थे और पूरे देश के तमाम विज्ञानिक मौजूद रहे थे वर्ष 1985 से संगठन ने जोर पकड़ा तो वर्ष 1990 में इसमें कुछ अन्य बिंदु पर भी बाबू दर्शन सिंह ने काम करना शुरू किया उन्होंने मानवीय मूल्यों की पुनर्स्थापना मां-बाप का तिरस्कार बस संयुक्त परिवार पर जोर दिया उन्होंने कहा आज हमारे गांव को सामूहिक परिवार की जरूरत है उन्होंने सामूहिक परिवार वालों को सम्मानित भी किया।
उन्होंने शादी विवाह में प्लास्टिक की पत्तल व कुल्हड़ पर रोक लगाने के लिए अभियान चलाया उनका मानना था कि गर्म खाने को प्लास्टिक के बर्तन में खाना केंसर को दावत देना था।