Sunday, May 5, 2024
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प्रियंका बनाम….दूसरी इंदिरा….??

राजनीतिक पटल पर अब एक नई चुनौती के रूप में उभर कर आ रही प्रियंका वाड्रा को भाजपा पचा नहीं पा रही है। आप उसे चाहे तो महिला सशक्तिकरण का नाम दे लें या कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने का स्तंभ मान लें। कारण जो भी हो लेकिन राजनीति में प्रियंका वाड्रा के कदम अब मजबूती से पड़ चुके हैं। हालांकि पहले से ही उनके लिए पथरीली राहें मौजूद है। वो चाहे कांग्रेस का बीता हुआ इतिहास हो या फिर वर्तमान में जब कांग्रेस अपना अस्तित्व बचाने की जद्दोजहद कर रही है।
प्रियंका कांग्रेस की एक नई ताकत बनकर उभर रही है और उनकी तुलना दूसरी इंदिरा गांधी के तौर पर की जा रही है। ध्यान दें कि इंदिरा गांधी को अटल जी ने ‘दुर्गा’ कहकर संबोधित किया था और यह तब कहा था जब भारत ने पाकिस्तान पर 1971 की लड़ाई में बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए उसके दो टुकड़े कर एक नया देश बांग्लादेश बनवा दिया था । जिस तरह से उनकी तुलना इंदिरा गांधी से की जा रही है तो क्या इंदिरा गांधी जैसी संकल्पबद्धता और मजबूत इरादे की झलक फिर से देखने को मिलेगी ? क्या कांग्रेस फिर से एक बड़ी मजबूत पार्टी के रूप में उभर पाएगी? यह सवाल सभी के मन में उठ रहा है।
जिस तरह से उन पर उनके हेयर स्टाइल, कपड़ों को लेकर, परिवारवाद की ठप्पे को लेकर बातें बनाई जा रही है, क्या वह इन सब बातों से बाहर निकल पाएंगी? एक सवाल यह भी उठता है कि क्या लोकसभा चुनाव में वोट हासिल करने तक ही उनका इस्तेमाल होगा या फिर राजनीतिक गलियारों में उनकी सक्रियता बनी रहेगी? ऐसे तमाम सवाल उन्हें कटघरे में खड़ा करते हैं।
हालांकि अब फिर से राजनीतिक बयानबाजी का स्तर गिरना शुरू हो गया है, फिर चाहे वह प्रियंका, मायावती पर हो या किसी अन्य पर लेकिन नेताओं के सुर बिगड़ने लगे हैं। बिगड़े हुए सुर के साथ अब फिर से राम मंदिर, ईवीएम हैकिंग, बजट, महंगाई, किसान, जीएसटी जैसे मुद्दे उछलेंगे। इधर कोलकाता की महारैली में 22 विपक्षी दलों ने मोदी हटाओ अभियान पर जोर दिया है लेकिन मोदी के बाद का विकल्प कौन इसका जवाब उनके पास नहीं है। प्रियंका की एंट्री राजनीतिक गलियारे में क्या हलचल पैदा करेगी यह उत्सुकता का विषय है क्योंकि लोगों ने अपने-अपने पूर्वानुमान लगाने शुरू कर दिए हैं।
प्रियंका वरमा माहेशवरी