कानपुरः जन सामना संवाददाता। गैर सरकारी संगठन दीपांजलि समाजोत्थान समिति द्वारा संचालित जन जागृति रंगमण्डल के कलाकारों ने मतदाता जागरूकता अभियान के तहत शहर के विभिन्न स्थानों पर नुक्कड़ नाटक ‘मतदान अवश्य करें’ का मंचन करते हुए लोगों से हर हाल में मतदान करने की अपील की।
साहित्यिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था दीपांजलि समाजोत्थान समिति द्वारा संचालित जन जागृति रंगमण्डल के कलाकारों ने प्रातः साढ़े नौ बजे दक्षिण क्षेत्र के चौ. रामगोपाल सिंह यादव चौराहे पर नुक्कड़ नाटक ‘मतदान अवश्य करें’ का पहला मंचन किया। उसके बाद बर्रा के शास्त्री चौक पर, सचान गेस्ट हाउस चौराहे पर तथा किदवई नगर चौराहे पर नाटक ‘मतदान अवश्य करें’ का मंचन करते हुए लोगों से सारे काम छोड़कर मतदान करने की अपील की गईद्य हास्य-व्यंग से ओतप्रोत नाटक की शुरुआत चुनाव लड़ रहे नेताओं के प्रचार और लच्छेदार भाषणों से होती है। वर्तमान सांसद नेता कड़कनारायण (प्रदीप निगम) पूरे पाँच साल जनता के बीच न आ पाने के लिए क्षमा मांगते हैं और पूर्व में किए गए अपने वादों को चुनाव बाद हर हाल में पूरा करने का आश्वासन देते हैं। कड़कनारायण का चुनाव चिन्ह गधा है। वह गधे से अपनी तुलना करते हुए पूरे देश का भार ढोने के लिए स्वयं को सक्षम बताते हैं। उनके प्रतिद्वंदी नेता ढकढक प्रसाद (मनोज मिश्र) पिछले सभी चुनाव हारने के बावजूद इस बार पुनः पूरे उत्साह के साथ चुनाव मैदान में आकर डटे हुए हैं। ढकढक प्रसाद का चुनाव चिन्ह कुत्ता है। वह कुत्ते जैसी जनता की स्वामिभक्ति का वादा करते हैं। तीसरे नेता चिरपोटनदास (दीपक वर्मा) का चुनाव चिन्ह सुअर है। वह सुअर को स्वच्छता का प्रतीक बताकर चुनाव जीतने के बाद आसपास की सारी गंदगी साफ करने का वादा करते हैं। चौथे नेता खटपटिया बाबू (युवराज सिंह) का चुनाव चिन्ह उल्लू है। वह उल्लू को रातभर जागने वाला प्राणी तथा लक्ष्मी जी का वाहन बताते हुए चुनाव जीतने के बाद रात-रात भर जागकर जनता का दुख दूर करने तथा सबको नोट छापने वाली एक-एक मशीन देने का वादा करते हैं। उसके बाद सभी नेताओं का जोरदार चुनाव प्रचार होता है। इसी बीच ढकढक प्रसाद और चिरपोटनदास के समर्थक आपस में भिड़ जाते हैं। कड़क नारायण उनसे झगड़ा न करने की अपील करते हैं। तब दोनों के समर्थक उनको मारने दौड़ते है। इसके बाद राजेश्वर नाम का एक व्यक्ति सावित्री नाम की महिला से पूंछता है कि उन्होंने वोट डाला या नहीं। नेताओं के लच्छेदार भाषणों से आहत महिला वोट न डालने की बात कहती है। तब राजेश्वर उस महिला को समझाता है कि चुनाव के प्रति हमारी उदासीनता के कारण ही ऐसे नेताओं को आगे आने का अवसर मिलता है। अतः हमें मतदान अवश्य करना चाहिए। राजेश्वर यह भी बताता है कि यदि हमें कोई भी प्रत्याशी अच्छा न लगे तो हम नोटा का बटन दबा सकते हैं। परन्तु हमें मतदान अवश्य करना चाहिएद्य इसके बाद सारे कलाकार गीत (आओ करें मतदान बढ़ाएँ लोकतन्त्र की शान, बुलाती माँ भारती है, बुलाती माँ भारती है, बुलाती माँ भारती है) गाकर जनता से मतदान करने की जोरदार अपील करते हैं। नाटक का लेखन व निर्देशन संस्था के महासचिव डॉ॰ दीपकुमार शुक्ल ने किया था। अन्य पात्रों में सरोज शुक्ल, रंजना पाण्डेय, शोभना कश्यप, दीक्षा गुप्ता, कविता गुप्ता तथा ज्ञानी पाण्डेय आदि का अभिनय सराहनीय रहा।
इस अवसर पर भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य श्याम सिंह पंवार, दीपांजली समाजोत्थान समिति के उपाध्यक्ष के॰ के॰ सिंह, संरक्षक रामगोपाल शुक्ल व कोषाध्यक्ष शिवनारायण शुक्ल, शिक्षक अरुण शुक्ल, राजेश तिवारी, समाजसेवी ज्ञानेन्द्र शुक्ल, शिवनाथ साहू, अवधेश शुक्ला तथा धीरेन्द्र सचान आदि अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।