Sunday, May 19, 2024
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शिक्षामित्रों का भविष्य करें सुरक्षित व संरक्षित

हाथरस, नीरज चक्रपाणि। आदर्श समायोजित शिक्षक/शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसियेशन के जिलाध्यक्ष व मंडलीय मंत्री ब्रजेश वशिष्ठ ने जिला एवं शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) प्राचार्या को ज्ञापन सौंपकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 में बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षामित्रों का भविष्य सुरक्षित व सुनिश्चित करने की मांग की है।
ज्ञापन में कहा गया है कि उ. प्र. में 1 लाख 65 हजार 157 शिक्षामित्र सन 2000 से कार्यरत हैं। सन 1999 में प्रदेश की बेसिक शिक्षा शिक्षकों के अभाव में रसातल में चली गयी थी। प्रदेश के बच्चों के भविष्य को देखते हुये तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याणसिंह द्वारा अल्प मानदेय 2250 रूपये माहवार में शिक्षामित्रों का चयन किया गया। उ.प्र. के शिक्षामित्रों ने अपनी जी जान लगाकर तथा कडी मेहनत से प्राथमिक शिक्षा को रसातल से धरातल पर पहुंचाने का कार्य किया है। उ.प्र. के सभी शिक्षामित्र स्नातक/ द्विवर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त हैं अर्थात् प्रशिक्षित हैं। मेरे संज्ञान में आया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के ड्राफ्ट में 2022 तक शिक्षामित्र की व्यवस्था समाप्त की जायेगी। उ.प्र. में आरटीई एक्ट 2009 के अन्तर्गत 2010 में ही शिक्षामित्रों की नियुक्ति/चयन रोक दी गई है।
उन्होंने अनुरोध किया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 में शिक्षामित्रों के लिए प्रावधान/संशोधन किया जाये कि शिक्षामित्रों को अन्य शिक्षकों की भांति अपना सेवाकाल (62 वर्ष की आयु तक) पूरा करने का अवसर प्रदान करे और लगभग 19/20 वर्षों के शिक्षामित्रों के योगदान को देखते हुए उनके भविष्य को सुरक्षित/संरक्षित किया जाये।