हाथरस। कोरोना वैश्विक महामारी के काल में इस समय पूरा देश आर्थिक परिस्थितियों से जूझ रहा है। लेकिन ऐसे समय में भी शातिर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। आज कोतवाली सदर पुलिस द्वारा साइबर सेल की मदद से बेरोजगारों को धोखाधड़ी कर उनसे आॅनलाइन लाखों की ठगी करने वाले एक बड़े अंतर्राज्यीय गैंग के दो शातिरों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि गैंग में शामिल तीन शातिर अभी फरार हैं। जिनकी पुलिस द्वारा तेजी से तलाश की जा रही है।
उक्त अंतर्राज्यीय ठगी करने वाले गैंग का खुलासा करते हुए पुलिस कार्यालय पर अपर पुलिस अधीक्षक प्रकाश कुमार ने बताया कि पुलिस कप्तान विक्रम वीर के निर्देशन में अपराध व अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत कोतवाली सदर पुलिस व साइबर सेल की टीम द्वारा ऑनलाइन ठगी करने वाले गैंग के 2 शातिरों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि कोतवाली पर पीड़िता द्वारा ठगी करने का मुकद्दमा दर्ज कराया गया था और शातिरों द्वारा उससे 1 लाख 36 हजार रूपये की ठगी की गई थी। इस ठगी करने वाले गैंग को पकड़ने के लिए व घटना का पर्दाफाश करने हेतु कोतवाली पुलिस व साइबर सेल टीम को लगाया गया था तथा उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कोतवाली सदर पुलिस व साइबर सेल की टीम ने घटना के खुलासे हेतु अथक प्रयास करते हुए कल वादिया की सूचना पर ही गैंग के दो शातिरों के नाम प्रकाश में आए। जिन्हें तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया है। पकड़े गए शातिरों ने पुलिस को अपने नाम अमित कुमार पुत्र रमेश कुमार निवासी अलखपुरा थाना भूवानी खेड़ा जिला भिवानी हरियाणा, हाल निवासी कमालपुर कमल विहार बुरारी दिल्ली तथा मोहित कुमार भारती पुत्र नंदकिशोर निवासी जेबी 13 सी हरी नगर स्वर्ग आसाराम आश्रम न्यू दिल्ली को गिरफ्तार किया है और इनके कब्जे से एक लैपटॉप, एक एटीएम कार्ड इलाहाबाद बैंक, 20 मोबाइल फोन सिम कार्ड सहित 15 हजार की नगदी व टाटा मोटर्स, महिंद्रा मोटर्स के फर्जी जॉब ऑफर लेटर के साथ गिरफ्तार किया गया है।यह गैंग जॉब पोर्टल पर टाटा व महिंद्रा मोटर्स जैसी नामी गिरामी कंपनियों एवं परफेक्ट एसएमएस सर्विस में घर बैठे नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह से संबंधित हैं। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि उक्त लोग क्विकर जॉब पोर्टल व अन्य जॉब पोर्टल आदि से नौकरी के लिए आवेदन किए हुए लोगों का डाटा रुपए देकर खरीदते हैं और डेटा के आधार पर आवेदकों पर नौकरी देने के नाम पर उक्त लोग फोन या ई-मेल करते हैं। साथ ही लोगों को विश्वास में लेकर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र, इंटरव्यू लेटर व काॅल लेटर उनके नंबर पर भेजते हैं और लेटर भेजने के बाद उनसे रजिस्टेªशन व इंटरव्यू कॉस्ट के नाम पर रुपए अपने गूगल पे, फोन पे, पेटीएम एकाउंट में डलवा लेते हैं। उसके बाद जिस नंबर से आवेदक को फोन किया जाता है उसे कुछ समय के लिए बंद कर देते हैं। दिन भर में सैकड़ों लोगों को फोन किया जाता है। ज्यादातर ऐसे कॉल दूर प्रदेशों जैसे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात इत्यादि के नंबरों पर किया जाता है। जिससे कि पीड़ित बार-बार पुलिस के पास ना जा सके। दिन भर में लगभग 10 से 12 लोग इनके झांसे में आ जाते थे। जिनसे यह लोग रूपये डलवा लेते थे और यह लोग किसी भी रास्ते में चलने वाले गरीब व नशा करने वाले आदमी को पकड़कर उसको 5 या 7 हजार रूपये का लालच देकर उसका बैंक एकाउंट व उसके नाम से मोबाइल सिम निकाल कर उसकी पास बुक व एटीएम कार्ड किराए पर ले लेते थे। इस कार्य के लिए गैंग के कुछ सदस्य वेबसाइट के माध्यम से प्रतिष्ठित कंपनियों के फर्जी मोनोग्राम लोगो लगाकर नियुक्ति पत्र या कॉल लेटर तैयार करते थे।
अपर पुलिस अधीक्षक प्रकाश कुमार ने बताया कि पकड़े गए शातिरों ने विगत कई वर्षों से निरंतर नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी की गई है। इनके द्वारा क्विकरे डाॅट काॅम से डाटा खरीदा जाता था। उसकी वैधानिकता के संबंध में जांच की जा रही है। इनके द्वारा कारित घटनाओं के बारे में भी पूछताछ कर कई राज्यों के विभिन्न शिकायतकर्ता के द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों का विवरण भी मिला है और इस दौरान उन लोगों द्वारा रायपुर, छत्तीसगढ़ के भूपेंद्र साहू से 63 हजार, सहारनपुर के इकरा हाफिज से 31200 रूपये, भुवनेश्वर उड़ीसा के देवासी सुंदराय से 17400 रूपये, गोरखपुर के सूर्यकान्त से 6200 रूपये तथा हाथरस की पिंकी सिसोदिया से 1 लाख 36 हजार रूपये की ठगी सहित एक दर्जन लोगों से ठगी की गई है और उन्हें इनका डाॅटा भी मिला है। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता महिला से उक्त लोग हतीसा पुल के पास पैसा लेने आ रहे थे। जिसकी सूचना उसके द्वारा पुलिस टीम को दे दी गई और पुलिस टीम ने आरोपियों को दबोच लिया। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ठगी के इस अंतर्राज्यीय गैंग में शामिल तीन लोग अभी फरार हैं। जो कि मुकेश पुत्र राजेश प्रसाद निवासी जहांगीरपुरी नई दिल्ली, महेश पुत्र राजेंद्र निवासी भिवाड़ी हरियाणा, हाल निवासी कमालपुर कमल विहार नई दिल्ली, जितेंद्र पुत्र रामानंद निवासी यादव पार्क कमरुद्दीन नगर बुरारी नई दिल्ली हैं। उन्होंने बताया कि फरार आरोपियों की भी तलाश की जा रही है और उनका पूरा नेटवर्क खंगाला जा रहा है। गिरफ्तार किए गए लोगों को जेल भेज दिया गया है।
गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में कोतवाली प्रभारी जगदीश चंद्र, क्राइम इंसपैक्टर दिनेश कुमार वर्मा, साइवर सेल प्रभारी इंस्पेक्टर मेराज अली, एसआई साइबर सेल सुबोध मान, हेड कांस्टेबल कमरुद्दीन, सिपाही राजेश कुमार, साइबर सेल के सिपाही गौरव कुमार, देवव्रत भारद्वाज, गौरव कुमार शामिल थे।