Monday, November 18, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » आरएसएस कार्यकर्ताओं ने पौधों की पूजा कर किया प्रकृति वंदन

आरएसएस कार्यकर्ताओं ने पौधों की पूजा कर किया प्रकृति वंदन

फिरोजाबाद। राष्ट्र के हर व्यक्ति को पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए। प्रकृति के विभिन्न घटकों के आपसी तालमेल से ही पृथ्वी पर जीवन संभव हुआ है। प्राकृतिक संतुलन में ही मानव हित है। उक्त वक्तव्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ब्रज प्रांत के प्रांत प्रचारक डॉ. हरीश रौतेला ने जलेसर रोड स्थित संघ के विभाग कार्यालय चंद्र भवन में प्रकृति वंदन करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में व्यक्ति के जन्म से मृत्यु पर्यंत तक प्रकृति पूजन की परंपरा रही है। हमारे यहां पूर्व काल में व्यक्ति के जन्म से पूर्व ही गर्भवती माता को पुंसवन संस्कार में विशिष्ट जड़ी-बूटियों का सेवन कर प्रकृति का महत्व और उपयोगिता समझाई जाती थी। भारतीयों के सोलह संस्कारों में गंगा-यमुना, तुलसी-पीपल, विंध्य-हिमालय पर्वतों जैसे प्राकृतिक प्रतीकों का पूजन और साहचर्य से लाभ लिया जाता रहा है। प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग करने के संबंध में बच्चों को शुरू से ही शिक्षा दी जाती रही है। बड़े-बुजुर्ग पानी ज्यादा खर्च करने पर कहा करते थे कि मरने के बाद इसका भी हिसाब देना होगा इसलिए कम खर्च करो। परंतु वर्तमान में हम अपनी भारतीय जीवनशैली की सीख को छोड़कर अंधानुकरण करते हुए प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं। जबकि हमारा जीवन प्रकृति पर ही निर्भर है। इसलिए आवश्यक हो जाता है कि राष्ट्र का हर एक नागरिक प्राकृतिक संसाधन जैसे वृक्ष, नदियां, जल भूमि, वन, पर्वतों आदि का महत्व समझें और उनका संरक्षण व संवर्धन करे। रविवार को आरएसएस कार्यकर्ताओं ने अपने घरों में सपरिवार पौधों पर पुष्प चंदन, अक्षत अर्पित कर पूजा करते हुए सेल्फी लेकर संघ की पर्यावरण गतिविधि के ऑनलाइन लिंक पर भेजी। फेसबुक सहित विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत एवं ब्रज के पर्यावरण संरक्षक संत रमेश बाबा का बौद्धिक प्रसारित हुआ।