Friday, May 17, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » पत्रकार को धमकी देना पड़ा महंगा, सैफई मेडीकल यूनिवर्सिटी कुलपति को

पत्रकार को धमकी देना पड़ा महंगा, सैफई मेडीकल यूनिवर्सिटी कुलपति को

शासन ने खबरों को संज्ञान लेकर मेडीकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ राजकुमार को छुट्टी पर भेजा घर
ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष स्वामी शरण श्रीवास्तव ने कुलपति को हटाने की मुख्यमंत्री से की थी मांग
सैफई/इटावा। सैफई के वरिष्ठ पत्रकार व राष्ट्रीय पत्रकार संरक्षण परिषद के राष्ट्रीय प्रभारी व ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के सैफई अध्यक्ष सुघर सिंह से मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर राजकुमार द्वारा धमकी देना महंगा पड़ा और अंततः शासन ने कुलपति को छुट्टी पर भेज दिया है।
सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ राजकुमार जाते-जाते अपना इज्जत व सम्मान बचाने की जुगत में जुटे हुए हैं सूत्र बताते हैं कि उन्होंने खुद को कोरोना पॉजिटिव बताया है और खुद ही शासन को छुट्टी के लिए पत्र लिखा है इसलिए उन्हें छुट्टी दी गई है लेकिन इस बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है ना ही कुलपति शासन को भेजा पत्र मीडिया में जारी कर रहे हैं और न ही कोरोना रिपोर्ट दिखा रहे है। वही यूनिवर्सिटी के सूत्र बताते है कि मीडिया में लगातार आ रही खबरों को लेकर कुलपति को हटाया गया है और हटने के बाद इन्होंने छुट्टी के लिए शासन को पत्र भेजा है जब कि इन्हें हटाने का आदेश 9 मई को दिन में ही आ गया था और इन्होंने पत्र शाम को 9 मई को भेजा था जिसका कोई औचित्य नही है। सैफई में मरीजों के साथ की जा रही लापरवाही की शिकायत सुघर सिंह पत्रकार ने कुलपति को फोन पर की थी और उसके बावजूद भी इलाज न मिलने पर उस मरीज की मौत हो गई थी उसके बाद सुघर सिंह ने मेडिकल यूनिवर्सिटी की अव्यवस्था की खबरे अखबारों में प्रकाशित की जिस पर कुलपति खिसिया गया और उसने सुघर सिंह को फर्जी पत्रकार बताते हुए जेल भेजने की धमकी दे डाली जिसके बाद ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष स्वामी शरण श्रीवास्तव ने कुलपति के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया।
सुघर सिंह पत्रकार ने थाना सैफई पुलिस को व प्रदेश के डीजीपी व मुख्यमंत्री व एसएसपी इटावा को कुलपति के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करने के लिए शिकायत भेजी थी उसके बाद सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के विरुद्ध देश के सभी बड़े अखबारों में लगातार खबरें प्रकाशित की गई इस दौरान कुलपति ने इटावा के कई टीवी पत्रकारों को खरीद लिया । सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में पिछले 15 दिनों से हो रही लगातार मौतें, मरीजों को भर्ती न करना, ऑक्सीजन की कमी से मरीजों का मरना, कोविड-19 वार्ड के बाहर मरीजों का एंबुलेंस में भर्ती के किये घण्टो पड़े रहना, आदि कई बड़ी खबरें भी टीवी पत्रकारो ने नही छापी और न ही टीवी पत्रकार कवरेज करने आया । लेकिन इटावा के सभी बड़े अखबारों ने नोएडा कानपुर आगरा लखनऊ के तमाम दर्जनों अखबारों ने मेडिकल यूनिवर्सिटी की अव्यवस्थाओं से संबंधित खबरों को प्रमुखता से छापा गया जिन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया और कुलपति को कड़ी फटकार लगाई लेकिन कुलपति व्यवस्था सुधारने में नाकाम रहे सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में 2 वर्ष से ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट खराब पड़ा हुआ था जिसकी रिपेयरिंग के लिए भी कुलपति ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए और उससे करोड़ों रुपए के प्लांट को कंडम बताते रहे और कहते रहे कि सही नहीं हो सकता और भारी कमीशन खोरी के चलते बाहर जिलों से ऑक्सीजन सिलेंडर भरकर मंगाते रहे यही नहीं उपरोक्त कुलपति ने बूस्टर मशीन भी सही नहीं कराई जो काफी समय से खराब पड़ी थी इससे कमीशन खोरी का भारी अंदेशा लगाया जा रहा था ऐसी तमाम खबरों को सैफई के पत्रकार सुघर सिंह द्वारा प्रकाशित कराया गया और देश के प्रमुख अखबारों ने उन खबरों को छापा व खबरें व वीडियो ट्विटर, सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए और प्रदेश के मुख्यमंत्री व शासन ने संज्ञान लिया और 9 मई को रविवार को कुलपति को अवकाश पर जाने का आदेश थमा दिया अब कुलपति अपनी इज्जत बचाने में लगे हुए हैं कुलपति का कहना है कि मैंने पहले से ही अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र दिया था क्योंकि मुझे कोरोना हो गया था इसलिए मेरा अवकाश स्वीकृत किया गया है लेकिन इस बारे में कुलपति कोई प्रमाण नहीं दे सके कि उन्हें कब कोरोना हुआ कब रिपोर्ट मिली और कब उन्होंने शासन से अवकाश मांगा और न ही कोई प्रमाण सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में ही मिल सका है जानकारी मिल रही है कि कुलपति के मोबाइल नंबर से कोई कोविड टेस्ट नहीं हुआ है इसलिए स्पष्ट जानकारी मिलना बहुत मुश्किल है ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष स्वामी शरण श्रीवास्तव ने भी मुख्यमंत्री से मांग की थी कि कुलपति मेडिकल यूनिवर्सिटी को चलाने में पूरी तरह सक्षम है और लाशों के ढेर में मेडिकल यूनिवर्सिटी तब्दील होती जा रही है इसलिए कुलपति का हटाना जनहित में बहुत ही आवश्यक है और अंततः पत्रकारों की एकजुटता और कुलपति की द्वारा रोज-रोज शासन-प्रशासन की थू थू कराने को लेकर आए दिन मीडिया में खबरें आने से शासन ने गंभीरता को समझते हुए कुलपति की सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी से विदाई कर दी कुलपति के जाने से सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के चिकित्सक प्रत्येक कर्मचारी के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है चिकित्सक व कर्मचारी अधिकारी सभी दबी जुबान से पत्रकारों द्वारा किए गए सराहनीय कार्य की जमकर सराहना कर रहे हैं नाम न छापने की चिकित्सकों ने बताया कि 3 वर्ष में कुलपति ने मेडिकल यूनिवर्सिटी को 10 साल पीछे धकेल दिया रिमोट वाले दरवाजे से कुलपति ना ही कभी निकलते थे ना ही किसी से मिलते थे इस वजह से मेडिकल यूनिवर्सिटी में अव्यवस्थाएं बड़ी हैं कुलपति ने अपनी जिम्मेदारी को ठीक तरह से नहीं निभाया कुलपति के हटाए जाने से मेडिकल यूनिवर्सिटी के सभी कर्मचारी पूरी तरह से खुश हैं और सुघर सिंह पत्रकार को मैसेज व कॉल करके लगातार बधाइयां दे रहे हैं सुघर सिंह पत्रकार ने बताया कि कुलपति ने इटावा के कई पत्रकारों को खरीद लिया था इस वजह से उन्होंने टीवी चैनल्स में खबरें नहीं चलाई लेकिन प्रिंट मीडिया ने पूरी तरह से साथ दिया और सभी अखबारों ने प्रमुखता से खबरें छापी गई जिसकी वजह से शासन ने खबरों को संज्ञान लेते हुए कुलपति की विदाई कर दी उन्होंने सभी मीडिया कर्मियों को साथ देने के लिए धन्यवाद दिया।