हाथरस। प्रत्येक वर्ष में जून व दिसम्बर मे 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को विटामिन ए पिलाने का अभियान बाल स्वास्थ्य पोषण माह का आयोजन किया जाता है। इस बार यह अभियान 28 जुलाई से चलाया जाएगा। जनपद में बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए बाल स्वास्थ्य पोषण माह के तहत नौ माह से पांच वर्ष तक के 201758 बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाई जाएगी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी व एसीएमओ डा0 विजेंद्र सिंह बताते हैं कि कोरोना के समय में सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए भीड़ नहीं होने दी जाएगी। पोषण माह में बच्चों को विटामिन ए की खुराक नियमित टीकाकरण के दौरान बुधवार और शनिवार को पिलाई जाती है। विटामिन ए बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार होता है।कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना के तहत यह विटामिन ए बच्चों को दिया जाना बहुत जरूरी है। 9 से 12 माह तक के बच्चे को एक एमएलए 16 से 24 माह तक के बच्चे को दो एमएल और दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को दो एमएल की खुराक दी जाती है। उन्होंने बताया कि माइक्रो प्लान तैयार कर लिया गया है। कल मुख्य चिकित्सा अधिकारी ड सीएम चतुर्वेदी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अंतर्विभागीय संवेदीकरण कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। जिसमे कार्यक्रम से संबंधित विभिन्न जानकारी प्रदान की गई। विटामिन ए देने के लिए इस बार हर बच्चे के लिए अलग डिस्पोजेबल चम्मच का प्रयोग होगा। पोषण माह का उद्देश्य बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने, रतौंधी से बचाव, उपचार, छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण, आयोडीन नमक का उपयोग बढ़ाने और बच्चों में मानसिक दिव्यांगता को रोकने का है।
विटामिन ए की कमी क्या है। विटामिन ए आंखों की रोशनी, शरीर के विकास और मजबूत रोग प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए आवश्यक पोषक तत्व है। इसके अलावा विटामिन ए आयरन के अवशोषण के लिए भी आवश्यक है। विटामिन ए की कमी से आँख की रोशनी कम होना, त्वचा पर जख्म उभरना, बच्चों में अंधापन, आंखों में आंसू न बनना, रूखी त्वचा और मुंह के छाले, दस्त जैसी समस्या हो सकती है। विटामिन ए की सही मात्रा एनीमिया रोग से बचाती है। रोग प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत बनाती है। भ्रूण का दिल, फेफड़े, किडनी, हड्डी और आंखें बनाने में भी मदद करती है। विटामिन ए की कमी से बचने और इसे पूर्ण करने का सबसे अच्छा उपाय है विटामिन ए युक्त आहार का सेवन करना जो कलेजी, गुर्दा, पनीर और मक्खन.मलाई में विटामिन ए प्रचुर मात्रा में होता है।