Sunday, November 17, 2024
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बूलगढ़ी कांड में सुनवाई के दौरान पुलिस प्रशासन रहा अलर्ट

हाथरस। आज फिर से जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में बूलगढ़ी कांड छाया रहा। खासकर इसकी अहमियत इसलिए और बढ़ जाती है कि इस कांड को शासन-प्रशासन और न्यायिक बहुत ही गंभीरता से लिया जा रहा है। मामला एक दलित किशोरी से जुड़ा है और समूहिक दुराचार से संबंधित है। समाचार लिखे जाने तक बंद कोर्ट परिसर में गवाइयों का दौर चल रहा था और संबंधित अधिवक्ताओं को ही कोर्ट प्रवेश मिला था।
विदित हो कि मामला एक दलित किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार कर हत्या कर देने का है और इस आरोप में चार आरोपियों को जेल भी भेजा जा चुका है। मामला 14 सितंबर, 2020 का है। बताते हैं कि गांव के ही संदीप, रवि, रामू व लवकुश पर आरोप है कि उन्होंने गांव की एक दलित किशोरी के साथ दुष्कर्म कर गंभीर मारपीट की थी। पीडि़ता ने 29 सितंबर, 2020 को दिल्ली में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। उसके बाद यह मामला जब मीडिया में चला तो पूरे देश की निगाहें हाथरस के थाना चंदपा क्षेत्र के गांव बूल गढ़ी पर टिक गई थी। शासन और प्रशासन ने भी मामले को काफी गंभीरता से लिया था और मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया था। 18 दिसंबर 2020 को सीबीआई ने इस प्रकरण में चारों आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र हाथरस के स्पेशल एससी-एसटी न्यायालय में दाखिल किया था। एससी-एसटी एक्ट के अलावा आईपीसी की धारा 302, 376 ए और डी व 354 में आरोपियों पर मामला चलाया जा रहा है।
समाचार लिखे जाने तक आज मामले में स्पेशल कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। सूत्रों की माने तो आज इस में गवाहों की गवाइयां चल रही हैं। मामले को लेकर पुलिस की तरफ से सुरक्षा व्यवस्थाओं का पूरा इंतजाम किया गया है। क्योंकि इस मामले में पीडि़त की ओर से सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता सीमा कुशवाहा ने अपनी जान का खतरा बताया था और सुरक्षा की मांग की थी और आज सुनवाई में वरिष्ठ अधिवक्ता सीमा कुशवाहा मौजूद रहीं।