Sunday, April 28, 2024
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सहारनपुर काण्ड की करायें सीबीआई जांच जाटव एकता समिति

हाथरस, नीरज चक्रपाणि। सहारनपुर में हुए जातिवादी संघर्ष को लेकर आज जाटव एकता समिति द्वारा सहारनपुर दंगा काण्ड की सीबीआई जांच कराये जाने की मांग को लेकर राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। जाटव एकता समिति द्वारा सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि उ.प्र. के सहारनपुर में भाजपा सरकार के सत्ता में आते ही दलितों विशेषकर जाटव जाति पर भारी अत्याचार शुरू हो गये हैं। जबरन डा. भीमराव अम्बेडकर के मिशन को कुचलने का कुचक्र रचा गया है। स्थिति ऐसी बना दी गई है जाटव समाज के लोग धर्म परिवर्तन तक कर रहे हैं क्योंकि उनका मूल्य गाय, भैंस से भी कम, यह सरकार आंक हिन्दू धर्म का हिस्सा मानने को तैयार नहीं लगती? पशु मस्त घूम रहे हैं और दलित जाटवों को अपनी मां, बहिन, बेटी की इज्जत आबरू व जान बचाने के लिये पैतृक घरों से पलायन कर जान बचाना मुश्किल हो रहा है। ज्ञापन में कहा गया है कि डा. भीमराव अम्बेडकर युवा भीम आर्मी के लोगों को जातीय आधार पर गोली का निशाना बनाया जा रहा है। अब तक कई जानें जा चुकी हैं। मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख की आर्थिक सहायता, सरकारी नौकरी तथा उनकी सुरक्षा और पुलिस की व्यवस्था शीघ्र कराई जाये। भगवा चोला की आड में गुण्डे खुलेआम दंगा, लूट, डकैती, हत्या, बलात्कार कर रहे हैं। पुलिस पिट रही है तथा व्यापारी भी सुरक्षित नहीं है। कानून ध्वस्त हो चुकी है। जाटव एकता समिति मांग करती है कि राष्ट्र हित में शांति एवं सामाजिक सौहार्द बनाये रखने हेतु सहारनपुर ही नहीं ऐसी स्थिति अन्य स्थानों पर घटित होने पर पीडित तथा आरोपित पक्षों के मध्य भाईचारा कमेटी बनाकर निबटाई जाये तथा सहारनपुर घटना की सीबीआई जांच भी कराये जाये। ज्ञापन देने वालों में समिति अध्यक्ष मूलचन्द्र निम, लल्लन बाबू एड., रामकिशोर, ठाकुरदास, ललित कुमार विमल, अगम प्रिय सत्संगी, प्रिंस आजाद, सरदार सुरजीत सिंह, ताजेन्द्र निम, केदारनाथ ताऊ, दिनेश प्रधान, विकास कुमार, मुकेश कुमार, कमल सिंह बाबा, संदीप सभासद आदि प्रमुख थे।