Thursday, April 25, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » मदर्स डे का मतलब सिर्फ अपनी माँ के साथ सेल्फी लेना

मदर्स डे का मतलब सिर्फ अपनी माँ के साथ सेल्फी लेना

2017.05.27 15 ravijansaamnaकानपुर, अर्पण कश्यप। मदर्स डे पर आजकल के युवा अपनी अपनी मम्मी के साथ सेल्फी ले कर सोशल साईडो पर पोस्ट कर अपनी माँ के प्रति प्यार दिखाते है वही बहुत सी ऐसी माँ है जिनके आगे पीछे कोई पानी देने वाला नही ऐसी ही एक माँ आज राह चलते दिखी जिसे देख मन ये सोचने को मजबुर हो गया कि क्या है इस बूढ़ी एक कपड़े के लत्ते में लिपटी हुयी मॉ की कहानी जो इस उम्र में भी कड़कती धूप में जिन्दगी को ढ़ोते ढ़ोते अपनी टूटी हुई कमर के सहारे चल कर पेपर और गत्ता बिन रही है कुछ पूछने पर सिर्फ नाम ही पता चला बाकि पहेली बन कर रह गया। 85 वर्ष की सवित्री आज भी किसी के आगे हाथ फैलाने नही जाती स्वमं मेहनत कर दुकान दुकान घुम कर पेपर गत्ता बिन कर पेट पालती है सावित्री की यह हालत सरकार उनकी योजना और उनके नुमाईंदो पर थूक रही है पुरानी धरोहर की तरह आज भी शान से खड़ी है हॉ समय के साथ साथ थोड़ा बदलाव जरूर आ गया कुछ पूछने पर गुमसुम सावित्री बिना जवाब दिये अपने काम में मगन रही और चली गयी और पीछे छोड़ गयी एक अधूरी कहानी जो सावित्री के मन में थी पर फिर भी प्रयास जारी रहेगा सावित्री को खोज कर उसकी इस हालत के पीछे की कहानी जानने का प्रयास करेगी जनसामना।