रायबरेलीः पवन कुमार गुप्ता। जनपद की विधानसभा सीट ऊंचाहार से समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर विधायक डॉ. मनोज कुमार पांडेय पर ही भरोसा जताया है। बताते चलें कि पिछले दो विधानसभा चुनाव वर्ष 2012 और 2017 में भी ऊंचाहार से प्रत्याशी रहे डॉ मनोज कुमार पांडे और दोनों बार ही जीत हासिल की । अबकी तीसरी बार अन्य दिग्गज दावेदारों के बावजूद समाजवादी पार्टी ने मनोज पांडेय पर फिर से अपना भरोसा जताया है। काफी समय से मनोज और स्वामी समर्थकों द्वारा तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं जिसके बाद आज समाजवादी पार्टी ने रायबरेली की तीन विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा कर दी है जिसमें 2017 के चुनाव में भाजपा से उम्मीदवार रहे राहुल लोधी को हरचंदपुर 179 से इस बार सपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है ,सरेनी 182 से देवेंद्र प्रताप सिंह जो कि अपने क्षेत्र में एक लोकप्रिय नेता की छवि रखते हैं और ऊंचाहार 183 से मनोज पांडेय जो कि मोदी लहर होते हुए भी चुनाव जीतते रहे हैं,उनको उम्मीदवार बनाया है। लिस्ट जारी होने के बाद से ही जनपद की बहुचर्चित सीट ऊंचाहार विधानसभा के क्षेत्र में देखा गया कि मनोज समर्थकों में खुशी की लहर है गांव में पटाखे जलाए जा रहें हैं। अब विधानसभा ऊंचाहार में उपजे जातिगत नाराजगी को दूर करने की होगी भरपूर कोशिश
लंबे इंतजार के बाद आज ऊंचाहार विधानसभा 183 की चर्चित सीट पर समाजवादी पार्टी ने आधिकारिक घोषणा करके अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। इस सीट पर आधिकारिक घोषणा होने से पहले उम्मीदवारों के साथ-साथ मतदाता भी भ्रमित थे और सभी उम्मीदवारों के समर्थक अपने नेता की बडाई करने में लगे हुए थे। अब मनोज पांडेय का समर्थन करने वाला ब्राह्मण मतदाता सपा के साथ इस चुनाव में बना रह सकता है। लेकिन राजनीतिज्ञो की माने तो इसी विधानसभा से अपने बेटे उत्कृष्ट मौर्य को चुनाव लड़ाने के लिए ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा छोड़ी थी और अब समाजवादी पार्टी द्वारा जब उम्मीदवार की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है तब स्वामी और उनके बेटे उत्कृष्ट मौर्य के समर्थक अब भी संशय में हैं कि, वह किस ओर जाएं, क्योंकि स्वामी प्रसाद मौर्य ने अगड़ी जाति के विरोध में ही अपनी जमीन तैयार की थी और उनके बेटे को टिकट ना मिलने से अब इस दशा में मौर्य समर्थक भ्रमित हो रहे हैं, जो कि अपने नेता का इशारा मिलने पर ही समाजवादी पार्टी को वोट करेंगे। अब क्या होता है, यह तो आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा किन्तु फिलहाल स्वामी प्रसाद मौर्य यदि समाजवादी पार्टी की तरफ से प्रचारक के रूप में विधानसभा ऊंचाहार के समर्थकों तक नहीं पहुंचते हैं तो पिछड़ी जाति का वोट अन्य पार्टियों में बंट जाएगा और खासकर उनके समर्थक भी दूसरा ठिकाना ही तलाशेंगे।
आधिकारिक घोषणा होते ही बनने लगे समीकरण –
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य की महत्वाकांक्षा पर ब्रेक लगा दी है। उनके बेटे उत्कृष्ट मौर्य के टिकट पर विराम लगाते हुए मनोज पांडेय को ऊंचाहार से टिकट दे दिया है।
अब भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी को अपनाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बेटे के लिए नई रणनीति तैयार करेंगे क्योंकि अभी तक कयास लगाए जा रहे थे कि उनके बेटे उत्कृष्ट मौर्य को ऊंचाहार विधानसभा से उम्मीदवार बनाया जाएगा लेकिन पार्टी की आधिकारिक घोषणा होने के बाद से यह साफ हो गया है कि अब उन्हें अपने बेटे के लिए किसी दूसरी विधानसभा में सियासी जमीन तैयार करनी होगी।वहीं कई पार्टियां खासकर बसपा यह चाहती थी कि स्वामी प्रसाद मौर्य के परिवार का कोई व्यक्ति ऊंचाहार से चुनाव न लड़े। इसका सीधा फायदा बसपा की संभावित उम्मीदवार अंजलि मौर्या को मिल सकता है क्योंकि जब केवल अंजलि मौर्य ही मौर्य बिरादरी से उम्मीदवार रहेंगी तब क्षेत्र का मौर्य मतदाता एक मुस्त बसपा में चला जाएगा और बसपा काफी मजबूत स्थिति में आ जाएगी। फिलहाल जनपद की बहुचर्चित विधानसभा ऊंचाहार की सीट पर अभी भी बहुत कुछ बदलाव होना बाकी है क्योंकि वर्तमान समय की सबसे मजबूत भारतीय जनता पार्टी ने यहां से अपना उम्मीदवार अब तक नहीं घोषित किया है। जहां तक देखा जाए तो भाजपा के हाईकमान भी इसी फिराक में थे कि सपा से इस सीट पर कौन उम्मीदवार हो सकता है जिससे कि उसी की तुलना में कोई मजबूत उम्मीदवार घोषित किया जाए। इसके साथ ही कांग्रेस भी इसी फिराक में थी।