Sunday, May 5, 2024
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बेहद दयालु और निर्मल स्वभाव के थे डॉ राजेंद्र प्रसाद : चतुर्वेदी

शिशु शिक्षा मंदिर पेड वाले स्कूल में मनाई गई देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की पुण्यतिथि
सिकंदराराऊ। ब्राह्मणपुरी पुरानी तहसील रोड स्थित शिशु शिक्षा मंदिर पेड वाले स्कूल के प्रांगण में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की पुण्यतिथि मनाई गई। समारोह की अध्यक्षता प्रबंधक मुनेश चतुर्वेदी ने की। प्रधानाचार्य नरेश चतुर्वेदी एवं शिक्षकों तथा स्कूल के छात्र छात्राओं ने डॉ राजेंद्र प्रसाद की छवि चित्र पर माल्यार्पण करके श्रद्धा सुमन अर्पित किए।प्रबंधक मुनेश चतुर्वेदी ने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद दया, क्षमा, उदारता और परोपकार के जीवंत प्रतिनिधि थे। वे उच्च विचार के जीता जागता दृष्टांत थे। वह बेहद दयालु और निर्मल स्वभाव के थे। उन्होंने कहा कि तीन दिसंबर 1884 को बिहार के सिवान जिले के एक छोटे से गांव जीरादेई में महादेव सहाय के पुत्र के रूप में जन्मे डॉ राजेंद्र प्रसाद काफी विलक्षण बुद्धि के थे। देश जब आजाद हुआ तो उन्हें देश का प्रथम राष्ट्रपति बनाया गया। भारतीय राजनैतिक इतिहास में उनकी छवि एक महान और विनम्र राष्ट्रपति की है। अपने निधन के इतने वर्षों बाद भी वह समस्त राजनेताओं के बीच एक आदर्श के रूप में याद किए जाते हैं। 28 फरवरी 1963 को उनका निधन हो गया। डा. राजेंद्र प्रसाद ने अपना सारा जीवन सादगी से बिताया। उनके जीवन से सभी को सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए।इस अवसर पर शरद शर्मा, श्रीकृष्ण दीक्षित, किशन उपाध्याय, वंदना वार्ष्णेय, अनुपम तोमर, अनम मलिक, विशाल पचौरी, निशा शर्मा, निशा खान, प्रगति गुप्ता, शिवहरी शर्मा, प्रांजल चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।