राजीव रंजन नाग: नई दिल्ली। राजद नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने गठबंधन के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री के नाम को लेकर किसी तरह की अटकलों से परहेज करने की बात कही और साथ ही स्पष्ट किया कि इस बारे में घटक दल आपस में बातचीत कर फैसला लेंगे। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे नहीं पता कि आप सभी सीएम चेहरे को लेकर क्यों चिंतित हैं, हम आपस में बात करेंगे और फैसला करेंगे। चीजें स्पष्ट हो जाएंगी। आप सभी को इसके बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए।” कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों के अनुसार राजद नेता भावी मुख्यमंत्री के तौर पर स्वयं का नाम पेश करने की उम्मीद के साथ कांग्रेस नेताओं से मुलाकात करने आए थे।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए महागठबंधन की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को राजधानी दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी समेत वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की और विश्वास जताया कि राज्य में इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी। बैठक के बाद एक्स पर हिंदी में लिखे एक पोस्ट में खड़गे ने कहा कि इस बार बिहार में बदलाव निश्चित है। आज हमने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की और महागठबंधन की मजबूती पर चर्चा की। आने वाले चुनाव में हम बिहार की जनता को एक मजबूत, सकारात्मक, न्यायपूर्ण और कल्याणकारी विकल्प देंगे। बिहार को भाजपा और उसके अवसरवादी गुंडा गठबंधन से मुक्ति दिलाई जाएगी।
तेजस्वी के साथ राजद सांसद मनोज झा और संजय यादव भी थे। कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए यादव ने आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार को भाजपा ने “अपहृत” कर लिया है।
यादव ने कहा, “नीतीश जी को हाईजैक कर लिया गया है। अमित शाह कह रहे हैं कि वे उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे, लेकिन वे यह नहीं कहते कि वे सीएम बनेंगे।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राजद पटना में बैठकर रणनीति को अंतिम रूप देंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि इंडिया गठजोड़ बिहार को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। यादव ने कहा, “बिहार में 20 साल से सरकार है और प्रधानमंत्री मोदी 11 साल से सत्ता में हैं… इन सबके बीच बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है।”
उन्होंने कहा कि बिहार आर्थिक रूप से सबसे पिछड़ा हुआ है, यहां प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है, किसानों की आय सबसे कम है और सबसे ज्यादा पलायन होता है। हम सभी वास्तविक मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “हम विपक्ष में हैं, यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सरकार की सीमाओं को जनता के सामने उजागर करें।” राजद नेता ने जोर देकर कहा कि यह तय है कि बिहार में एनडीए की सरकार नहीं बनेगी।
खड़गे ने कहा, “युवा, किसान, मजदूर, महिलाएं, पिछड़े, अति पिछड़े और समाज के सभी वर्ग महागठबंधन की सरकार चाहते हैं।” राहुल गांधी ने अपने व्हाट्सएप चैनल पर विचार-विमर्श की तस्वीरें साझा कीं और इसे “महत्वपूर्ण बैठक” बताया। बैठक में कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल, बिहार कांग्रेस प्रमुख राजेश कुमार और एआईसीसी बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु भी मौजूद थे।
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब संकेत मिल रहे हैं कि महागठबंधन के सहयोगियों के बीच कड़ी सौदेबाजी चल रही है और सभी दल जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं। यह बैठक कांग्रेस द्वारा आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति तय करने के कुछ सप्ताह बाद हुई है। पिछले महीने, कांग्रेस ने कहा था कि वह इंडिया ब्लॉक के हिस्से के रूप में चुनाव लड़ेगी और उसने जोर देकर कहा था कि गठबंधन के साथी मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर “सामूहिक निर्णय” लेंगे। राजद के नेतृत्व वाला महागठबंधन इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से सत्ता छीनने की कोशिश कर रहा है।