हाथरस। चन्द्रशेखर आजाद की 91 वीं पुण्यतिथि पर पं. किशोरीलाल स्मृति योग संस्थान द्वारा भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गईं। डॉ. जितेन्द्र स्वरूप शर्मा फौजी द्वारा कहा कि जब 27 जनवरी 1931 को प्रयागराज के संगम की पवित्र भूमि पर जब अल्फ्रेड पार्क गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज रहा था तब आजाद ने कहा था हम आजाद हैं, आजाद रहेंगे, दुश्मनों से संघर्ष करते रहेंगे और अंतिम क्षणों तक लड़ते रहेंगे। अंग्रेजी हुकूमत के कमांडर तथा हुक्मरानों ने एक बहुत बड़ी बटालियन के साथ चारों ओर से चंद्रशेखर आजाद को घेर लिया था। परंतु अकेले वीर सपूत ने लगभग 2 घंटे तक अंग्रेजी हुक्मरानों के सिपाहियों कमांडर के दांत खट्टे कर दिए थे। अंत में जब लड़ते-लड़ते उनके पास मात्र एक कारतूस बचा था तो भारत मां के चरणों में वीर सपूत चंद्रशेखर आजाद ने अपनी कनपटी पर गोली स्वयं मार ली और जय हिंद कहते हुए स्वर्ग सिधार गए। अंग्रेजी हुकूमत में इतना भय था कि लगभग दो ढाई घंटे तक किसी ने उनके पार्थिक शरीर के पास जाने की हिम्मत नहीं की।श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में पूर्व प्रिंसिपल ओम प्रकाश गुप्ता, कपिल गुप्ता, दुर्गेश शर्मा, शशांक एडवोकेट, देव स्वरूप, कृष्णा अग्रवाल, शैलेंद्र वशिष्ठ, आदित्य शर्मा, कृष्णा अग्रवाल, कृष्ण वशिष्ठ, सत्येंद्र स्वरूप शर्मा आदि थे।