सिकंदराराऊ। कृषि विज्ञान केंद्र के अंतर्गत डेयरी फार्मिंग एवं पशुधन प्रबंध विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 26, 27, 28 फरवरी को ग्राम नगला गलिया में आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम पशुपालन द्वारा किसानों की क्षमता में वृद्धि के उद्देश्य से भारत सरकार के डेयरी एवं मत्स्य विभाग नई दिल्ली तथा अटारी कानपुर द्वारा वित्त पोषण से चलाया गया। इस कार्यक्रम में केंद्र के वैज्ञानिक डॉ सुधीर कुमार रावत ने किसानों को पशुपालन द्वारा कैसे आय दुगनी की जाए के विषय में विस्तार से बताया तथा बताया कि पशुपालन के बिना आय दुगुनी करना संभव नहीं है। प्रशिक्षण में कुक्कुट पालन कब करे, कैसे करे, कुक्कुट की प्रजाति, आहार, प्रबंधन तथा रोग के विषय मे विस्तार से बताया। वैज्ञानिक डॉ पुष्पा ने कहा कि मुर्गी पालन अपनाकर कृषक महिला अपनी आय तथा अपने आहार में प्रोटीन की पूर्ति सबसे सस्ते में इसके द्वारा की जा सकती हैं और इसके पोषक मूल्य के बारे में अवगत कराया।केंद्र के वैज्ञानिक डॉ कमल कांत ने मुर्गियों के उचित रखरखाव तथा आवास का निर्माण कैसे करे और मुर्गीपालन के आय व्यय के बारे में बताया। इस कार्यक्रम में पशुपालन से संबंधित विभिन्न फोल्डर तथा मुर्गीपालन प्रबंधन पुस्तक का विमोचन किया गया तथा किसानों को मुफ्त में वितरित भी की गई। प्रशिक्षण के अंत में सभी किसानों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। यह प्रशिक्षण लगभग 40 किसानों को दिया गया। जिसमें नगला गलिया के अरुण कुमार, हरिओम शर्मा, सीमा देवी, मिथलेश देवी तथा रुहेरी के उजागर सिंह, प्रमोद कुमार आदि ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।