Monday, April 29, 2024
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संवाद से ही समस्याओं का निस्तारण और विकास के द्वार खुलते हैंः मुख्य विकास अधिकारी

कानपुर देहात। मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय ने जनपद में एक नई पहल की है, जिसके तहत उन्होंने ‘‘मिशन संवाद से शक्ति‘‘ की शुरूआत की है, जिसका आदर्श वाक्य है ‘‘संवाद से सृजन, सृजन से समृद्धि‘‘। इस संवाद का उद्देश्य है कि अपने सहकर्मियों से संवाद स्थापित करना, क्योकि संवाद से ही विकास के द्वार खुलते है। इसके तहत हर वर्ग से खुला संवाद होगा और उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जायेगा। इसीक्रम में विकास भवन सभागार कक्ष में इस श्रृंखला में पहला कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इस कार्यक्रम की शुरूआत उन्होंने सर्वप्रथम ग्राम सचिवों से संवाद के साथ किया, ग्राम सचिवों के साथ-साथ इस कार्यक्रम में खण्ड विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, जिला परियोजना अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, डीसी मनरेगा और एडीओ पंचायत भी उपस्थित थे। मुख्य विकास अधिकारी ने इस कार्यक्रम में प्रेरणादायी भाषण से अपने सहकर्मियों के मनोबल को बढ़ाया। इस कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी के प्रेरणादायी लेक्चर के बाद उपस्थित सहकर्मियों ने अपनी-अपनी समस्याओं से मुख्य विकास अधिकारी को अवगत कराया, एक प्रकार से यह दो तरफा मंच बनकर तैयार हो गया, जिसमें उपस्थित ग्राम सचिवों ने बेबाकी से अपनी बात मुख्य विकास अधिकारी के समक्ष रखी, इस संवाद से मुख्य विकास अधिकारी उन बातों और समस्याओं से अवगत हो सकीं जो निचले प्रशासन के सहकर्मी बामुश्किल ही अपने शीर्ष अधिकारियों से कह पाते थे, निश्चित रूप से यह संवाद जनपद में विकास के नये द्वार खोलेगा। इस कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी ने 50 ग्राम सचिवों, 7 खण्ड विकास अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया, इस सम्मान के लिए उन्होंने निम्न मापदण्डों को निर्धारित किया। 1- ग्राम सचिवों ने कितने मनरेगा के तहत मानव दिवस सृजित किये। 2- ग्राम सचिवों ने गांवों में स्वयं सहायता समूह का कितना विकास किया, 3- गांव में इनके द्वारा सामुदायिक शौचालय का कितना विकास किया गया, 4- प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री आवास योजना में उनका कितना योगदान रहा, 5- कोविड टीकाकरण में उन्होंने कितना मदद पहुंचायी, 6- गोल्डन कार्ड बनाने में इनकी क्या भूमिका रही, 7- ओडीएफ प्लस में उनका कितना योगदान रहा, 8- गौशालाओं के प्रबन्धन में उन्होंने किन भूमिकाओं का निर्वाह किया।
इस पुरस्कार के चुनाव के लिए उन्होंने तीन स्तरीय समिति का गठन किया था, पहली विकास खण्ड स्तर पर, जिला स्तर पर पैनल, जिसमें डीडीओ, डीपीआरओ, डीसी मनरेगा, पीडी शामिल थे और अन्त में मुख्य विकास अधिकारी के स्तर से इनका चयन किया गया। इनको प्रशस्ति पत्र के साथ-साथ आयुष किट भी वितरित किये गये। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि इसी तरह से अगल-अलग वर्गाे से हर महीने संवाद स्थापित किया जायेगा, जिनमें एएनएम, ग्राम प्रधान, सफाई कर्मी, रोजगार सेवक, अध्यापक, प्रशिक्षित स्नातक, स्थानीय जन से संवाद कायम किया जायेगा। मुख्य विकास अधिकारी का मानना है कि संवाद से ही समस्याओं का निस्तारण और विकास के द्वार खुलते है, मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि हम सब आगे चलकर ‘‘ग्राम चौपाल‘‘ की स्थापना करेंगे, जिसके तहत गांव का भ्रमण करेंगे और ग्रामवासियों से उनकी समस्याओं को लेकर संवाद करेंगे, इसके तहत एक ‘‘मॉडल गांव‘‘ की भी संकल्पना की गयी है, जिसमें सर्व प्रथम 20 गांवों का चुनाव किया गया, जिसमें गांव के लोगों से सरकारी योजनाओं के विषय में उनका मन्तव्य जाना जायेगा, साथ ही गांव में किसी सक्रिय व्यक्ति का चेन्ज मेकर के रूप में चुनाव किया जायेगा, गांव में कृषि और कृषि उद्योग से जुड़े विषयों पर संवाद किया जायेगा। जिससे गांव की समस्याऐं काफी हद तक हल की जा सके। मुख्य विकास अधिकारी का मानना है कि कभी-कभी संवाद हीनता की स्थिति आपसी समन्वय में बाधक हो जाती है, जिससे विकास कार्य प्रभावित हो जाते है। इस पहल का उद्देश्य यही है कि संवाद हीनता की स्थिति को खत्म किया जाये, दो तरफा संवाद स्थापित किया जाये, जिससे योजनाऐं, परियोजनाऐं समय से पूरा हो सके और नागरिकों को इनका पूरा लाभ प्राप्त हो सके। इस मौके पर अधिकारीगण व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।