Sunday, September 22, 2024
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चौ. चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष हवन कर 35 वां मनाया परिनिर्वाण दिवस 

सादाबाद। दाऊजी चौराहा सादाबाद स्थित चौ. चरण सिंह की प्रतिमा पर कार्यवाहक जिलाध्यक्ष केशव देव चौधरी के नेतृत्व में वैदिक मंत्रों से हवनयज्ञ कर स्व. चौधरी चरण सिंह का 35 वां परिनिर्वाण दिवस मनाया गया।इस मौके पर कार्यवाहक जिलाध्यक्ष केशव देव चौधरी एवं मुख्य जिला महासचिव व जिला प्रवक्ता सूरज पाल सिंह नेताजी ने चौ. चरण सिंह की 35 वीं पुण्यतिथि पर चौ. चरण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर भाववीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर चौधरी साहब के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। कार्यवाहक जिलाध्यक्ष केशव देव चौधरी की अध्यक्षता में विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।
जिलाध्यक्ष केशवदेव चौधरी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को हुआ था। 29 मई 1987 व भारत के किसान राजनेता एवं पांचवें प्रधानमंत्री बने। उन्होंने यह पद 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक संभाला। चौधरी चरण सिंह ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया। वह किसानों के सच्चे नेता माने जाते रहे हैं। उनके द्वारा तैयार किया गया जमींदारी उन्मूलन विधेयक राज्य के कल्याणकारी सिद्धांत पर आधारित था। 1 जुलाई 1952 को उत्तर प्रदेश में उन्हीं की बदौलत जमीदारी प्रथा का उन्मूलन हुआ और गरीबों को अधिकार मिला। उन्होंने लेखपाल के पद का सृजन भी किया। किसानों के हित में उन्होंने 1954 में उत्तर प्रदेश भूमि संरक्षण कानून को पारित कराया। वह 3 अप्रैल 1967 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 17 अप्रैल 1968 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मध्यावधि चुनाव में चौधरी साहब को अच्छी सफलता मिली और दुबारा 17 फरवरी 1970 को वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। उसके बाद वह केंद्र सरकार में गृह मंत्री बने तो उन्होंने मंडल और अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की। 1979 में वित्त मंत्री और उपप्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना की। 28 जुलाई 1979 को चौधरी चरण सिंह समाजवादी पार्टियों तथा कांग्रेस यू के सहयोग से प्रधानमंत्री बने।
जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र सिंह उर्फ सूआ पहलवान ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने हमेशा किसानों, नौजवानों, दलितों, अति दलितों, पिछड़े, अति पिछड़े तथा अल्पसंख्यकों के हितों में अनेकों कार्य किए। चौधरी चरण सिंह ने हमेशा किसान सरदारी की आवाज को बुलंद करने का काम किया और भारत के प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने ग्रामीण मंत्रालय का गठन किय। संचालन करते हुये मुख्य जिला महासचिव सूरज पाल सिंह नेताजी ने स्व. चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की भारत सरकार से पुरजोर माँग की। चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न दिया जाना चाहिये।
परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर चौधरी चरण सिंह की 35 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने वालों में महेंद्र सिंह धनगर, राम सहाय चौधरी, दीपू चौधरी, महीपाल सिंह चौधरी, सचिन पचहरा, चौधरी कृष्ण खौखिया, चौधरी करमवीर सिंह उर्फ छोटे आदि उपस्थित थे।